दंगों में मारा गया था बेटा, मजदूर ईश्वर साहू की कहानी… जिन्होंने 7 बार के विधायक को हरा दिया

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले की साजा सीट पर काफी रोचक मुकाबला देखने को मिला। यहां के साधारण किसान ईश्वर साहू ने छह बार के विधायक और मंत्री रविंद्र चौबे को हराकर चौंका दिया। दूसरे समुदाय से हिंसक झड़प में ईश्वर के बेटे की हत्या कर दी गई थी। इससे लोगों में आक्रोश था। जनभावनाओं को देखते हुए भाजपा ने ईश्वर को टिकट दिया था। भाजपा की इस जीत को बड़ी रणनीतिक सफलता के रूप में देखा जा रहा है। ईश्वर साहू ने कुल 101789 वोट हासिल कर पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे को 5196 वोटों से पराजित किया है।

हिंसक झड़पों में ईश्वर साहू के बेटे भुवनेश्वर साहू की हुई थी हत्या
छत्तीगसढ़ के बेमेतरा जिले में आने वाली सीट साजा में इसी साल अप्रैल में सांप्रदायिक दंगे हुए थे। स्कूली मारपीट से शुरू हुई इस घटना ने जल्द ही सांप्रदायिक दंगों का रूप धर लिया था। इस घटना में दो मुस्लिम और एक हिंदू व्यक्ति की मौत हुई थी। दोनों पक्षों की तरफ से आगजनी की घटनाएं हुईं। घर जलाए गए। इन हिंसक झड़पों में भुवनेश्वर साहू की हत्या हुई। भाजपा ने भुवनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू को टिकट दिया था। ईश्वर साहू लगातार वोट के बदले अपने बेटे के लिए इंसाफ देने की बात कहते रहे।

ईश्वर साहू की भावनात्मक अपील और साहू मतदाता रहे निर्णायक
राजनीतिक जानकार कहते हैं कि ईश्वर साहू भावनात्मक ढंग से यह चुनाव को लड़े। इस सीट पर करीब 60 हजार साहू वोटर हैं। वह निर्णायक होते रहे हैं। साहू समाज का एकमुश्त वोट ईश्वर साहू के पक्ष में पड़े इसके लिए भाजपा ने पूरी कोशिश की। साहू समाज के अलावा लोधी समाज बड़ी संख्या में इस सीट पर हैं। भाजपा की कोशिश रही थी कि सभी जातियों को ईश्वर के साथ खड़ा किया जाए। जानकार मानते हैं कि ईश्वर साहू को प्रत्याशी बनाकर भाजपा ने चुनावों को धार्मिक रंग देने की कोशिश की।