सदन की शुरुआत शेरो शायरी से, डॉ महंत ने शायराना अंदाज में डॉ महंत ने कहा..खामोश लब है झुकी है पलकें दिलो में उल्फत नई नई है..तो डॉ रमन ने कहा..

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रायपुर। छत्तीसगढ़ की नवगठित विधानसभा की मंगलवार को हुई बैठक में पहली बार प्रश्नकाल हुआ। बजट सत्र की शुरुआत सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के साथ हुई। लेकिन कल अभिभाषण और अनुपूरक बजट के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। सामान्यतः राज्यपाल का जिस दिन भी अभिभाषण होता है उस दिन सदन में कोई दूसरा काम नहीं होता है। इससे पहले दिसंबर में नई विधानसभा की बैठक हुई थी। 2 दिन के उस सत्र में भी प्रश्नकाल नहीं हुआ था।

आज से प्रश्नकाल के साथ सदन की विधिवत कार्यवाही शुरु हुई। प्रश्नकाल के पहले अविभाजित मध्य प्रदेश में राज्य मंत्री रहे शिव नेताम को श्रद्धांजलि दी गई। और दिवंगत के सम्मान में सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद सदन की बैठक शुरू होते ही शेरो- शायरी का दौर शुरू हो गया।

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही जैसे ही विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह आसंदी पर बैठे और पहले प्रश्नकर्ता का नाम पुकारने की तैयारी कर रहे थे, तभी नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत अपने स्थान पर खड़े हो गए। उन्होंने अध्यक्ष से कुछ कहने की अनुमति ली। इसक बाद डॉ. महंत ने जो कहा उससे पूरे सदन का माहौल ही बदल गया।
डॉ. महंत ने शबीना अदीब के गजल की कुछ लाइनें सुनाई। कहा-

खामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नई नई है। अभी तकल्लुफ है गुफ्तुगू में अभी मोहब्बत नई नई है।

अभी न आएगी नींद तुम को अभी न हम को सुकूं मिलेगा। अभी तो धड़केगा दिल जियादा अभी ये चाहत नई नई है।

बहार का आज पहला दिन है चलो चमन में टहल के आएं। फजा में खुशबू नई नई है गुलों में रंगत नई नई है।

डॉ. महंत का शेर सुनकर पूरे विधायकों के चेहरे खिल गए। इस बीच कांग्रेस की टिकट पर गुंडरदेही सीट से दूसरी बार चुनाव जीकर आए कुंवर सिंह निषाद खड़े हो गए। कुंवर सिंह ने भी एक शायरी सुनाई। कहा- वो जो रास्ते थे वफा के थे, ये जो मंजिलें हैं सजा की है. उनका हमसफर कोई और था, इनका हमनसीब कोई और है।