Grandmother-in-law and she : ये कैसी थानेदारी.. तबादले के बाद भी तर रहे हैं प्रभारी। वन्स मोर , नेता जी चोर। .. होली का हुड़दंग पुलिस की लाठी के संग,आप… अन्ना…इंडी और अंगूर की बेटी

0
190
katksh

ये कैसी थानेदारी.. तबादले के बाद भी तर रहे हैं प्रभारी

जिले में थाना चलाने के लिए विभाग में नया प्रयोग किया गया है। इस नए प्रयोग से थानेदार तबादला होने के बाद भी थानेदारी कर रहे हैं। उच्च अधिकारियों के आदेश पर चल रहे इस प्रयोग की समझ न तो विभाग के अफसरों को आ रहा है और न इसके जानकारों को !

हाँ ये बात अलग है विभाग के इस प्रयोग पर “हर दिल जो प्यार करेगा ” ऐसा पहली बार हुआ है जब 17-18 सालों में कोई, कोई नियम लगाए” …. के मीठे गीतों की याद दिला रहा है। ये बात भी अलग है कि विभाग के जानकार इस प्रयोग को थानेदार पर भारी बता रहे हैं।

 

खबरीलाल की मानें तो एल्युमिनियम नगरी के थानेदार का तबादला रायगढ़ हुआ है। पुलिस मुख्यालय से आदेश में स्पष्ट उल्लेख किया गया की तत्काल भारमुक्त होकर नई पोस्टिंग पर आमद दें। इस आदेश के बाद भी थानेदारी कर मुख्यालय के आदेश और चुनाव आयोग को खुली चुनौती देना कोई छोटी बात नहीं है।

 

वन्स मोर , नेता जी चोर

 

जिले के एक नेता जी के तेवर और तरकश से चले तीर ने प्रदेश में भूचाल ला दिया है। दरअसल नेता जी पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री रहे नेताजी को डामर चोर कह डाला। उनके बयान के बाद पब्लिक वन्स मोर चिल्लाने लगी हैं। सरल स्वाभाव वाले नेता जी के बयान मौन रहकर पूर्व मंत्री ने संदेश दिया है कि “घायल होना कहानी का अंत नहीं, समय आएगा क्योंकि हम शांत है संत नहीं “।

राजनीति के पंडितों की माने तो नेता जी का ये चोर वाला बयान चाटुकारिता और हल्केपन की निशानी है, क्योंकि जिस डामर चोरी की बात हो रही है वो भाजपा सरकार में हुई और चोरी के लगे आरोप नस्तीबद्ध भी हो चुके हैं तो फिर गड़े मुर्दे को उखाड़ना एक तरह की सस्ती लोकप्रियता के अलावा कुछ नहीं है।

कहा तो यह भी जा रहा है कि जिस आरोप प्रत्यारोप की बदौलत विधानसभा की नैय्या पार लगी। उसी टेक्निक से लोकसभा में वोट बटोरने का प्रयास किया जा रहा है। अब ये बात उन्हें कौन समझाए कि आदर करने वाले शख्स गुलामी नहीं करते अगर वो सर के बल बिठा सकते हैं तो मुंह के बल गिरा सकते हैं ! वैसे इन राजनीति बातों को छोड़ जनमानस ये भी कहने लगी है नेता जी चोर वन्स मोर….. !

 

होली का हुड़दंग पुलिस की लाठी के संग

 

होली हो पर हुड़दंग न हो…नहीं माने तो पुलिस की लाठी तैयार है। राजधानी रायपुर में लंबे समय के बाद पुलिस की पेट्रोलिंग सड़कों पर दिखी। आईजी अमेरश मिश्रा और एसपी संतोष सिंह की सिंघम स्टाइल में महकमे के अफसरों को दी गई समझाइश का असर दिखने लगा है। ज्यादातर गुंड़े बदमाश पहले ही हवालात पहुंच गए बाकी अंडर ग्राउंड हैं।

डीजे से थानेदारों को दो-टूक कहा दिया गया है कि जिसके इलाके में हुड़दंग हुए तो वहां अफसर सख्ती कार्यवाहीं करें नहीं तो खुद तैयार रहे। लोकसभा चुनाव और होली पर राजधानी पुलिस को कमर कसकर तैयार रहने की ताकीद दी गई है। त्योहार पर कोई भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो इसके लिए पेट्रोलिंग टीम गली-मोहल्लों में तैनात रहनी चाहिए।

Forgotten in the morning: शास्त्र वाले थानेदार, कोयले के बने पहरेदार,दादू का वन विभाग में चल रहा जादू…ट्रांसफर एक्सप्रेस और खाकी के खिलाड़ी,दीदी और भाभी, किसके हाथ में जीत की चाबी…

इसके अलावा फ्लैग मार्च निकाला कर लोगों को ये संदेश भी दिया गया कि रायपुर पुलिस आम लोगों के साथ है। सोशल पुलिलिंग की इस पहल से शहर के लोग ”संतोष” के साथ होली मनाने को तैयार हैं। जबरदस्ती रंग लगाने वालों और बदमाशी करने के मूड से निकले हुड़दंगियों कोरोकने का काम पुलिस को करना है।

Breaking: धरम तिवारी बने कटघोरा थानेदार.. उषा सोंधिया को बांकी प्रभारी…

आप… अन्ना…इंडी और अंगूर की बेटी

दिल्ली शराब घोटाला में गिरफ्तार अरविंद केजरीवाल की होली ईडी की कस्टडी में मनेगी। ऐन चुनाव के वक्त उनकी गिरफ्तारी इंडी गठबंधन की होली में रंग में भंग जैसे हो गई। भंग का नशा ऐसा चढ़ा कि गठबंधन के पूरे नेता दिल्ली के रामलीला मैदान में जमा होने को तैयार हो गए और इसी सुरूर में 31 मार्च का अल्टीमेटम भी दिया। लोकिन, ईडी बेफ्रिक है उसे मालूम है ये सुरूर ज्यादा दिन नहीं चलेगा…चुनाव सिर पर है अगर इसी मोर्चे पर लड़ते रहे तो इलेक्शन में उनकी लुटिया डूब जाएगी।

अब कोई इन्हें कैसे समझाए कि दिल्ली ही नहीं पूरे देश में इस वक्त चुनाव की अधिसूचना लागू है और सरकार धारा 144 का चाबुक लेकर उनका ही इंतजार कर रही है। 5 से ज्यादा लोग जमा हुए और चाबुक चला। यानि रामलीला से पहले ईडी लीला इन नेताओं को भारी पड़ने वाली है।

 

 

रही सही कसर अन्ना हजारे पूरी कर गए…मेरी बात नहीं मानी ये उनके कर्मों का फल। जिस रामलीला मैदान से आम आदमी पार्टी की पैदाइश हुई उसी मैदान में कभी आप के नेता शराब से होने वाली हानि लंबे चौड़े भाषण देते रहे अब वहीं शराब के फायदे गिनाने के लिए आंदोलन की नौबत आन पड़ी।

 

 

केजरीवाल अपने करियर में पहली बार इस तरह से घिर गए है कि बाकी राज्यों की तो छोड़ो दिल्ली में ही खुद को बचाने के​ लाले पड़ गए। बड़े कमाल की है ये अंगूर की बेटी…किसे कब क्या बना दे…और जो लोग दिल्लगी में इसकी फरेबी मोहब्बत में पड़ शेख साहब बनाने की भूल कर बैठे, उनका हाल सामने है।

 

दादी भाभी और वो….

 

2018 में छत्तीसगढ़ के सियासी पर्दे पर एक फिल्म लॉन्च हुई थी….कका अभी जिंदा है….मगर 2023 आते आते ये सुपर फ्लॉप हो गई। अब एक नई एक फिल्म फिर लॉन्च हुई है…दादी भाभी और वो….। अब कोरबा की ही बात कर लें यहां पिछले 5 साल से भाभी और भइया की तूती बोलती रही…मगर अब वो (सरोज दीदी) आ गई हैं। यानि​ फिल्म का क्लाईमेक्स सीन आने वाला है।

 

बस्तर की बात कर लें तो यहां दादी (कवासी लखमा) हमेशा से हिट रहे हैं। यहां कांग्रेस के हीरो दीपक बैज दादी से पिट गए….। लेकिन, यहां वो भी तो हैं….महेश कश्यप,आयतुराम मंडावी और फूलसिंह कचलाम यानि त्रिदेव की ये जोड़ी दादी को भारी पड़ सकती है। होलीयाना अंदाज में कहे तो जहां महेश के साथ खुद विष्णुदेव खड़े हो वहां फिल्म का क्लाईमेक्स….।

 

अब राजनांदगांव की बात कर लें…..यहां हर कोई वो पर उंगली उठा रहा है। वो बाहरी है….फिल्म यहां नहीं चलेगी…हीरो को बदलना होगा आदि आदि। पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर्दे पर क्या आए…अपनों ने ही उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। ऐसे में यहां भी फिल्म का क्लाईमेक्स काफी काफी चौंकाने वाला हो सकता है।

इसके अलावा बिलासपुर, रायगढ़, सरगुजा और कांकेर में भी तक सिनेमा घर खाली हैं। यहां हर किसी को वो की तलाश है। वो कौन हैं जिन्हें यहां जनता की बीच अपने आप को हीरो साबित करने का मौका मिलने वाला है। कुछ दिन इंजतार कीजिए…इंतजार जितना लंबा होगा उसका क्लाईमेक्स भी उतना ही हिट होगा। आखिर में बुरा न माने होली है।

                                                       अनिल द्विवेदी, ईश्वर चन्द्रा