नई दिल्ली। After Twitter : ट्विटर के बाद दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक भी बड़े पैमाने पर छंटनी होने जा रही है। फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सएप की पेरेंट कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक आज से इसकी शुरुआत करने जा रही है। मेटा में अभी करीब 87,000 कर्मचारी काम करते हैं। इनमें से दस फीसदी कर्मचारियों को बाहर किया जा सकता है।
कंपनी की हालत है खस्ता
इस बीच कंपनी के सीईओ मार्क जकरबर्ग (After Twitter) ने कहा है कि कुछ गलत फैसलों के कारण कंपनी की यह हालत हुई है। उन्होंने इसके लिए खुद को जिम्मेदार बताया है। फेसबुक की स्थापना 2004 में हुई थी और उसके बाद कंपनी में पहली बार बड़े पैमाने पर छंटनी होने जा रही है। कोरोना काल में कंपनी के बिजनस में खूब बढ़ोतरी हुई थी। पिछले साल सितंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक कंपनी ने एक साल में 28 फीसदी नई भर्तियां की थी। लेकिन इस साल मेटा के शेयरों में करीब 73 फीसदी भारी गिरावट आई है।
फेसबुक (अब मेटा प्लेटफॉर्म्स) को टिकटॉक (TikTok) और यूट्यूब (YouTube) जैसे प्लेटफॉर्म्स से कड़ी टक्कर मिल रही है। करीब 18 साल पुरानी इस कंपनी से यूजर्स टिकटॉक और यूट्यूब की तरफ शिफ्ट हो रहे हैं। इस कारण कंपनी का रेवेन्यू बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस साल कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट आई है। कंपनी ने पहले ही नई भर्तियों पर रोक लगा दी थी और अब वह बड़े पैमाने पर छंटनी करने जा रही है। The Wall Street Journal की एक रिपोर्ट के मुताबिक जकरबर्ग ने इस बारे में मंगलवार को कंपनी के अधिकारियों से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कंपनी के बिजनस को लेकर लिए गए कुछ फैसले सही नहीं रहे और इस छंटनी के लिए वह खुद जिम्मेदार हैं। कंपनी के ग्रोथ के बारे में उनका अनुमान उम्मीद से ज्यादा था, इसलिए कंपनी ने जरूरत से ज्यादा भर्तियां की।
जकरबर्ग की नेटवर्थ गिरी
जकरबर्ग के पास मेटा प्लेटफॉर्म्स के करीब 16.8 फीसदी शेयर हैं। फेसबुक के रेवेन्यू में 97 फीसदी से अधिक हिस्सा विज्ञापनों से आता है। कंपनी के शेयरों में गिरावट से जकरबर्ग की नेटवर्थ में भी भारी गिरावट आई है। कभी वह दुनिया के अमीरों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर थे लेकिन अब 28वें नंबर पर खिसक गए हैं। इस साल उनकी नेटवर्थ में 88.2 अरब डॉलर की गिरावट आई है और यह 37.2 अरब डॉलर रह गई है। शेयरों में गिरावट से फेसबुक का मार्केट कैप भी बुरी तरह गिरा है। इस साल कंपनी की मार्केट वैल्यू में 500 अरब डॉलर की गिरावट आ चुकी है।
कंपनी ने मई में ही इंजीनियरों और डेटा साइंटिस्ट्स की हायरिंग बंद कर दी थी। जुलाई में जकरबर्ग ने कर्मचारियों से कहा था कि उनके लिए अगले 18 से 24 महीने चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। तब उन्होंने मैनेजरों से कमजोर परफॉर्म करने वाले कर्मचारियों की पहचान करने को कहा था। कई वर्षों तक इस कंपनी ने रेकॉर्ड ग्रोथ दर्ज की और निवेशकों की जबरदस्त रिटर्न दिया। यही वजह है कि वह वॉल स्ट्रीट की चहेती बनी हुई थी। लेकिन इस साल कंपनी की तिमाही रिपोर्ट्स अच्छी नहीं रही हैं। फेसबुक अपने मेटावर्स प्रॉडक्ट्स को भी आक्रामक तरीके से प्रमोट कर रही है। इससे भी कंपनी का फाइनेंस प्रभावित हुआ है।
दूसरी कंपनियों में भी छंटनी
इससे पहले ट्विटर ने पिछले हफ्ते (After Twitter) अपने आधे कर्मचारियों को निकाल दिया था। भारत में तो कंपनी ने 90 फीसदी कर्मचारियों की छुट्टी कर दी थी। इसके साथ ही राइडशेयर कंपनी Lyft ने भी 13 फीसदी कर्मचारियों की निकालने की घोषणा की है। इसी तरह पेमेंट प्रोसेसिंग फर्म Stripe ने भी 14 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी करने की बात कही है। दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी ऐमजॉन ने नई भर्तियों पर रोक लगा दी है। गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट भी नई भर्तियों पर रोक लगा चुकी है।