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बिलासपुर।सब्जी और फल दुकानें अभी भी सिंगल यूज प्लास्टिक बैग का उपयोग कर रहीं हैं। किराना दुकानें धीरे-धीरे किनारा कर रहीं हैं लेकिन कपड़ा बाजार, प्लास्टिक बैग के उपयोग से लगभग 80 फ़ीसदी, हाथ खींच चुका है।
सिंगल यूज प्लास्टिक का बाजार कम होता नजर आ रहा है। अनुपात में बायोडिग्रेडेबल बैग का चलन अब बढ़ता नजर आ रहा है। प्लास्टिक की थैलियों का सबसे ज्यादा उपयोग करने वाला फल और सब्जी बाजार अभी भी उपयोग को बनाए रखने की जी- तोड़ कोशिश कर रहा है। इधर यूनिटों में रात में प्रतिबंधित एस यू पी के उत्पादन की खबरें आ रहीं हैं।
मुक्ति की ओर कपड़ा बाजार
सिंगल यूज प्लास्टिक पर सख्ती के साथ बंदिश के बाद कपड़ा बाजार ऐसा क्षेत्र बनने की राह पर चल रहा है, जहां तेजी से बायोडिग्रेडेबल और क्लॉथ बैग की हिस्सेदारी बढ़ रही है। इसे देखते हुए कहा जा रहा है कि यह क्षेत्र प्लास्टिक की थैलियों से बहुत जल्द मुक्त होगा। खबरों के मुताबिक यह क्षेत्र प्लास्टिक की थैलियों से 80 फ़ीसदी मुक्त हो चुका है।
यहां खत्म
शॉपिंग मॉल और सुपर मार्केट में जूट बैग और कपड़े के थैले के साथ बायोडिग्रेडेबल बैग में ही मिलेंगे सामान। एवज में ली जा रही कीमत, ज्यादा जरूर है लेकिन घर से थैला लेकर नहीं जाने वाले उपभोक्ता को मजबूरी में ही सही, खरीदी करनी पड़ रही है। वैसे कुछ मॉल और सुपर बाजार में कपड़े के थैले भी रखे जाने लगे हैं, जो ऐसे उपभोक्ताओं के लिए राहत बन रहें हैं।
थैला लाइए
किराना दुकानें। पूछ रहीं हैं कि थैला लाए हैं क्या ? उपभोक्ता का जवाब यदि ‘ना’ में मिला, तो पेशकश की जाएगी झोला खरीदने की। गांव देहात या आउटर की दुकानों में जरुर प्रतिबंधित प्लास्टिक की थैलियां मिलेंगी लेकिन यह सलाह अवश्य मिलेगी कि अगली बार खाद्य सामग्री लेने आएं, तो थैला लेकर आएं। कुल जमा सार यह कि यह क्षेत्र अभी भी एस यू पी का ही उपयोग कर रहा है।
यहां बेधड़क
शहर की सब्जी और फल दुकानें थोड़ी ना-नूकुर के बाद प्लास्टिक बैग में ही सामग्री दे रहीं हैं। यह इसलिए क्योंकि फल-सब्जी की खरीदी करने जा रहा उपभोक्ता घर से क्लॉथ बैग लेकर नहीं निकल रहा है। इसके अलावा इन दुकानों को शाम या रात में प्रतिबंधित प्लास्टिक बैग की सप्लाई दिए जाने की खबर है।
बायोडिग्रेडेबल और क्लॉथ बैग का चलन तेजी से बढ़ रहा है। क्लॉथ मार्केट, मॉल व सुपर बाजार इसमें अव्वल हैं। यह जरूर कहा जा सकता है कि एस यू पी का मार्केट तेजी से कम हो रहा है।
– मोहन बजाज, बजाज रस्सीवाला, बिलासपुर