Tuesday, July 1, 2025
Home Blog Page 2255

बालको के जीएपी संयंत्र में हादसा एक कर्मचारी की मौत… प्रबंधन ने दिए जांच के आदेश…

बालकोनगर, । बालको में कार्यरत ठेका कंपनी मेसर्स थाइसन समूह के कर्मचारी 55 वर्षीय अगस राम साहू की आज सुबह एक हादसे में मौत हो गई। हादसा बालको संयंत्र के ग्रीन एनोड संयंत्र में सुबह लगभग 8.30 बजे हुआ। बालको प्रबंधन ने हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए ठेका कंपनी के माध्यम से दिवंगत के परिवार को उचित सहयोग का आश्वासन दिया है। संयंत्र की विभिन्न इकाइयों में बालको परिवार के सदस्यों द्वारा दिवंगत के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त की गई।

प्रारंभिक जांच में यह पाया गया है कि कार्य के दौरान अगस राम साहू संयंत्र के किसी गतिमान उपकरण की चपेट में आ गए। जिस क्षेत्र में गतिमान उपकरण स्थापित है उस क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं है। इस बात की जांच की रही है कि निषिद्ध क्षेत्र में अगस राम किस प्रकार पहुंचे। हादसे के बाद अगस राम को तत्काल शासकीय 100 बेड अस्पताल ले जाया गया जहां जांच के बाद चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

घटना की जांच के लिए प्रबंधन ने एक समिति गठित की है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। बालको प्रबंधन ने कहा है कि प्रबंधन अपने प्रत्येक कार्य क्षेत्र में सुरक्षा नियमों और मानक प्रचालन प्रक्रिया के पालन के लिए कटिबद्ध है। बालको परिवार ने दिवंगत के परिवारजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।

Karnataka Hijab Controversy: विवाद के बीच कर्नाटक में खुले स्कूल, हाईकोर्ट की रोक के बावजूद हिजाब में दिखीं छात्राएं

उडुपी। कर्नाटक में हिजाब विवाद (Karnataka Hijab Controversy) के बीच कक्षा 10वीं तक के लिए हाई स्कूल सोमवार, 14 फरवरी को फिर से खुल गए हैं। सोमवार सुबह कई शहरों में छात्र-छात्राएं यूनिफॉर्म पहनकर स्कूल जाते नजर आए। हालांकि, हाईकोर्ट की रोक के बावजूद उडुपी में कई स्कूल छात्राएं हिजाब और बुर्का पहनकर स्कूल जाती दिखीं।

उधर, सावधानी बरतते हुए रविवार को ही उडुपी जिला प्रशासन ने सभी हाई स्कूल, और उनके आसपास के क्षेत्रों में धारा-144 (Section 144) लागू कर दी थी। यह आदेश 14 फरवरी को सुबह छह बजे से 19 फरवरी की शाम छह बजे तक प्रभावी रहेगा। सरकार और जिला प्रशासन की ओर से पर्याप्त सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं। वहीं, मुख्यमंत्री ने राज्य में शांति व्यवस्था कायम रहने की उम्मीद जताई है।

यह कदम एहतियात के तौर पर उठाया गया है, क्योंकि राज्य में हिजाब बनाम भगवा गमछे का विवाद सियासी और धार्मिक रंग लेता जा रहा था। इससे पहले राज्य सरकार ने स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया हुआ था। घोषित छुट्टियां के पूरी होने के बाद अब सोमवार को स्कूल फिर से खुल गए हैं।

डीएमएफ मद यानि सेटिंगबाजों का पंचायती राज…बीट प्रभारियों के साथ एसपी की बैठक और थानेदारों की टेंशन

डीएमएफ मद यानि सेटिंगबाजों का पंचायती राज

कोरबा नगरी में खनिज न्यास मद सेटिंगबाजों की होकर रह गई है। निर्माण एजेंसियों के जिम्मेदार चुपचाप दफ्तर में बैठे हैं और ग्राम पंचायत के सरपंच 20 लाख के दो नहीं चार पार्ट में काम कराकर तकनीकी विशेषज्ञ बन गए हैं। जिले में चल रहे इस कारनामे की चर्चा भी खूब हो रही है। आखिर पैसा तो पब्लिक का है और इस पर सभी का बराबरी का हक है।

पहले निर्माण एजेंसियों के माध्यम से काम होता था तो कार्य में गुणवत्ता के साथ साथ परफॉर्मेंस गारंटी भी मिलती थी और बिलों यानि अंतर की राशि भी बचती। यानि आम के आम और गुठलियों के दाम। अब अफसर दफ्तर बैठे बिल पासकर अपने अपने हिस्से की मलाई खा रहे हैं और नाम बदनाम सरपंचों को ढोना पड़ रहा है। कुल मिला कर अफसरों और सरपंचों ने अपनी अपनी सुविधा के लिए पंचायत राज की जो नई परिभाषा गढ ली है उसमें सभी डुबकी लगा रहे हैं। सभी को डीएमएफ का काम खूब भा रहा है।

बीट प्रभारियों के साथ एसपी की बैठक और थानेदारों की टेंशन

ऊर्जाधानी के ऊर्जावान एसपी खाकी की तस्वीर बदलने कई नए प्रयोग कर रहे हैं। बीट पुलिसिंग के लिए जिले के सभी थाना चौकियों के बीट प्रभारियों की बैठक तो बड़े साहब ले रहे हैं पर टेंशन थानेदारों का बढ़ गया है। टेंशन बढ़े भी क्यों न क्योंकि थाने की लाल किताब यानि थाने का हिसाब किताब तो इन्हीं के पास रहता है। थाने के साहब को अब ये डर सताने लगा है कि कहीं हमारी पोल साहब के सामने न खुल जाए। बात भी सही है, साहब तो कबीर वाणी पर विश्वास करते हैं और मुस्कुराते हुए जब कोई बात कहा जाए तो उसका असर सामने वाले पर पड़ता है। जाहिर है कप्तान साहब की बातों का कुछ न कुछ तो जरूर असर होगा। अगर ऐसा हुआ तो उनकी थानेदारी खतरे में पड़ जाएगी।

जब सड़क को देख याद आते हैं दिग्गी राजा

सीएसईबी चौक से दर्री गोपालपुर जाते समय ध्यानचंद चौक पहुंचते ही पुल पार करते और गोपालपुर जाते तक रोड के गड्ढ़ों में हिचकोले लेते ऐसा लगता कि सूबे में अभी भी है काका का नहीं, दिग्गी राजा का राज चल रहा है। लोग इन हिचकोलों से दिग्गी राजा को जरूर याद कर लेते हैं। करें भी क्यों न दरअसल सीएसईबी चौक से फर्राटे भरने वाली कार अचानक स्लो मोशन में वीसीआर की तरह अटक अटक कर चलने लगती है। सड़क तो दिग्गी राजा के कार्यकाल में भी ऐसे ही थी जैसे अभी है। चलो कम से कम सड़क के बहाने ही उन्हें लोग याद तो कर रहे हैं वरना लोग तो उन्हें भुला ही दिया है।

जब मिल बैठे दो पुराने यार बातें हुई चार

कोरबा प्रवास पर आए डॉ. महंत से भाजपा नेता की मुलाकात को लेकर कई तरह जिज्ञासा मन में उठती रही। उनकी प्रस्तावित रामपुर विधानसभा एवं इससे लगे सक्ती विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर रवाना होने के लिए डॉ. चरणदास महंत और ननकीराम कंवर एक ही वाहन में सवार हुए। डॉ. महंत ने बड़े आत्मीयता से ननकीराम के लिए वाहन का दरवाजा खोला और उन्हें बिठाया। इस दौरान डॉ. महंत ने चुटकी लेते हुए ननकीराम कंवर से पूछा कि कोई ऐतराज न हो तो आपके क्षेत्र के पूर्व विधायक श्यामलाल कंवर को भी साथ ले चलें! इस पर ननकीराम कंवर ने हंसते हुए कहा कि वे रामपुर के पूर्व विधायक के साथ-साथ मेरे साढू भाई भी हैं और इस पूरे हास्य-विनोद के मध्य श्यामलाल कंवर भी उसी वाहन में सवार हुए और तीनों दौरे के लिए निकल पड़े।

राजधानी में क्या हुआ तेरा वादा, ये शराब है बड़ी मस्त मस्त

प्रदेश की राजनीति इन दिनों शराब बिक्री बंद किए जाने को लेकर गरमाई हुई। कांग्रेस भाजपा को निशाना बना रही है तो दुकानों में शराब की शौंकीन ये शराब है बड़ी मस्त मस्त गा कर दोनों का मजा ले रहे हैं। पीसीसी अध्यक्ष मोहन आदिवासी जनसंख्या का हिसाब किताब बना कर शराब को जरूरी बता रहे हैं तो नेता प्रतिपक्ष धरम… क्या हुआ तेरा वादा,क्या हुआ तेरा वादा, क्या है तेरा इरादा जैसे सवाल पूछकर लगातार कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। लेकिन दारू ठेका चलाने वाले भी अच्छे से जानते हैं बाहर भले ही राग अलग अलग हो पर अंदर खाने में …….सभी हरिवंश राय बच्चन की मधुशाला के ​दीवाने हैं …….सच कहा है बच्चनजी ने पार्टी कोई भी …..मेल कराएगी मधुशाला…..

 

                              अनिल द्विवेदी , ईश्वर चन्द्रा

 

 

नायब तहसीलदार से मारपीट: संघ ने दिया अल्टीमेटम , आरोपी वकीलों की गिरफ़्तारी नहीं हुई तो कल से राजस्व कार्यालयों में तालाबंदी

रायपुर/ रायगढ़। तहसील में वकीलों द्वारा की गई मारपीट के बाद आरोपियों की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर प्रशासनिक सेवा संघ ने सोमवार से प्रदेश भर में काम बंद करने की चेतावनी दी है वहीं रायगढ़ के वकीलों ने FIR दर्ज करने के विरोध में राजस्व न्यायलय के बहिष्कार की घोषणा की है।

समझौते का प्रयास, बनी नहीं बात

इस मामले को लेकर अपर कलेक्टर कुरूवंशी की मध्यस्थता में कर्मचारी संघ और अधिवक्ता संघ के प्रतिनिधियों की बैठक हुई मगर कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका। कर्मचारी संघ द्वारा रायगढ़ पुलिस पर वकीलों की गिरफ्तारी को लेकर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। जिसे लेकर कर्मचारियों का प्रतिनिधि मंडल ज्ञापन सौंपने पुलिस अधीक्षक कार्यालय भी गया।

अधिवक्ता संघ ने भी सौंपा ज्ञापन

इधर अधिवक्ता संघ ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन पर एफआईआर वापस करने की मांग और 15 साल से एक ही कुर्सी पर जमे हुए बाबू के स्थानांतरण की मांग की गई है।

वीडियो फुटेज के आधार पर एक आरोपी गिरफ्तार

इस मामले में पुलिस पर दबाव काफी ज्यादा है। जिसका नतीजा देर रात देखने को मिला। चक्रधर नगर पुलिस द्वारा आधी रात के बाद 3 आरोपियों के घर पर दबिश दी गई, मगर तीनों अपने घर पर नहीं थे।

हालाँकि इस दौरान पुलिस ने वीडियो के आधार पर एक अन्य अधिवक्ता भुवन लाल साव को हिरासत में लेते हुए विशेष न्यायाधीश (ST-SC एक्ट) के न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां से उन्हें रिमांड पर भेज दिया गया।

जब तक पापा नहीं जीतते तब तक नहीं करूंगी शादी,जानें कौन हैं राबिया जिसने खाई है ये कसम

चंडीगढ़। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की बेटी राबिया सिद्धू भी चुनावी मैदान में उतर गई है। हालांकि वो चुनाव लड़ नहीं रही, बल्कि अपने पिता नवजोत सिंह सिद्धू को जिताने के लिए अमृतसर ईस्ट सीट पर प्रचार कर रही हैं। राबिया ने कहा कि जब तक पिता जीत नहीं जाते, तब तक वे शादी नहीं करेंगी।

इस दौरान राबिया ने चरणजीत सिंह चन्नी पर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि चन्नी के खाते में 133 करोड़ रुपए हैं। साथ ही इमोशनल कार्ड खेलते हुए कहा कि जब तक उनके पिता को जीत नहीं मिल जाती वे शादी नहीं करेंगी।

राबिया ने कहा, क्या चन्नी जैसा कि दावा किया गया है, वो गरीब हैं। उनके खातों की जांच की जानी चाहिए। माना जा रहा है कि राबिया अपने पिता नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब चुनाव 2022 के लिए कांग्रेस के सीएम उम्मीदवार के रूप में नामित न किए जाने को लेकर नाखुश हैं। अपने पिता को सीएम उम्मीदवार के लिए नजरअंदाज से वे काफी परेशान भी नजर आईं।

जंगली सुअर पकड़ने लगाया था करंट, फंस गया तेंदुआ, 5 शिकारी गिरफ्तार

बिलासपुर। बिलासपुर में तेंदुए का शिकार करने वाले पांच शिकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, आरोपियों जंगली सुअर का शिकार करने के लिए करंट लगाए थे। लेकिन, गलती से तेंदुए करंट की चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई। इसके बाद उन्होंने दांत और पंजा को काट लिया और भाग निकले थे। मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

7 फरवरी को वन परिक्षेत्र सोंठी सर्किल के बिटकुला बीट के कक्ष क्रमांक 12 के घानाकछार जंगल के नाले में तेंदुए का शव मिला था। सूचना पर वन विभाग के अफसरों ने घटना स्थल पहुंच कर जांच की और तेंदुए के शव का पोस्टमार्टम कराया। तब पता चला कि तेंदुए की मौत करंट से हुई है।

इसके बाद से वन विभाग की टीम ग्रामीणो से पूछताछ कर शिकारियों की तलाश में जुट गई थी। लेकिन, उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। तब SP पारुल माथुर से मदद मांगी और सीपत थाने की टीम को जांच में लगाया गया। पुलिस ने जांच के दौरान महज तीन दिन में ही शिकारियों को पकड़ लिया।

पुलिस की पूछताछ में गांव वालों से सूचना मिली कि ग्राम निरतु में रहने वाला संतोष कुमार धनुहार पिता सगन साथ धनुहार (35 साल) और नंदकुमार पटेल पिता बिसालिक राम पटेल (50 साल) जंगली सुअर का शिकार करने के लिए करंट लगाए थे।

आरोपियों से पूछताछ करने पर पता चला कि उनके साथ गांव के ही तीजराम पटेल उर्फ भकाचंद पिता लच्छीराम पटेल (58 साल), कोरबा के छिंदपानी निवासी समारू उर्फ संजय धनुहार पिता लटीराम धनुहार (35 साल) और फूल सिंह यादव पिता मंजरू यादव (70 साल) ने मिलकर तेंदुए का शिकार किया।

इन ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें जंगली सुअर का शिकार करने के लिए करंट लगाया था। लेकिन, गलती से तेंदुआ करंट की चपेट में आ गया। इसके बाद उन्होंने दांत निकाल लिए और पंजों को काट दिया। उनके पास से दांत, पंजा और वारदात के प्रयुक्त औजार जब्त किया गया है।

एकलव्य स्कूल और खेल मैदान का विवाद गरमाया: कलेक्टर डीएफओ से बोले- बोरिया बिस्तर समेट लो, IFS एसोसिएशन ने जताई आपत्ति, वनमंत्री तक पहुंची शिकायत, जानें पूरा मामला

रायपुर। एकलव्य आवासीय विद्यालय और खेल मैदान के लिए कटघोरा वन मंडल से छह हेक्टेयर जमीन आवंटित करने के मामले में कोरबा कलेक्टर और डीएफओ के बीच हुई तू तू मैं-मैं का मामला गरमा गया है। डीएफओ ने मंत्री मो.अकबर से मिलकर इस पूरे मामले की शिकायत की है।
डीएफओ ने अपनी शिकायत में कहा है कि कलेक्टर रानू साहू ने जमीन आवंटित नहीं किए जाने पर बोरिया बिस्तर समेटने तक की धमकी दे दी। IFS एसोसिएशन ने भी इस घटना पर आपत्ति जताई है। खबर है कि एसोसिएशन इस मामले में कल मंत्री से मिलकर ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो यह सुनिश्चित किए जाने की मांग करेगा।
दरअसल बीते 17 दिसंबर को कलेक्टर कार्यालय की ओर से कटघोरा वन मंडल की डीएफओ शमा फारूकी को पत्र लिखकर एकलव्य आवासीय विद्यालय, बालक छात्रावास, कन्या छात्रावास, जल आपूर्ति के लिए पाइप लाइन लगाने, खेल मैदान और आवासीय परिसर के लिए कुल छह हेक्टेयर जमीन आवंटित किए जाने की मांग की गई थी। डीएफओ ने नियमों का हवाला देते हुए जमीन देने से मना कर दिया, जिसके बाद वीडियो कांफ्रेंसिंग में कलेक्टर और डीएफओ के बीच इस मसले पर बातचीत हुई। बात यही बिगड़ी और कलेक्टर-डीएफओ के बीच तनातनी के हालात बन गए।

कानपुर में सीएम भूपेश बघेल ने शुरु किया डोर टू डोर चुनाव प्रचार अभियान, पीएम मोदी पर जमकर प्रहार

कानपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) के लिए लगातार प्रचार अभियान करके कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए वोट मांग रहे हैं। रविवार को उन्होंने कानपुर (Kanpur) की गोविंदनगर (Govind Nagar Assembly Seat) विधानसभा क्षेत्र में घर-घर जाकर कांग्रेस प्रत्याशी करिश्मा ठाकुर (Congress Candidate Karishma Thakur) के पक्ष में वोट देने की अपील की। इस दौरान उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर भी जमकर प्रहार किया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस प्रत्याशी करिश्मा ठाकुर ने काली मठिया मंदिर में दर्शन किए। इसके बाद उन्होंने डोर टू डोर चुनाव प्रचार अभियान शुरू किया। इस दौरान भारी संख्या में लोग नजर आए। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि लोगों का उत्साह दिखा रहा है कि कांग्रेस पार्टी यूपी विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करेगी।

अजब इश्क के गजब अफसने: ये जनाब न लड़का रहे,न लड़की, पढ़ें पूरी खबर

भोपाल। अभी वेलेंटाइन वीक Valentine’s Week चल रहा है लोगों में इश्क मोहब्बत की खुमारी सिर चढ़कर बोल रही है। इसी बीच भोपाल में अजब इश्क की गजब कहानी निकलकर सामने आई है। जिसमें विधवा की इश्क में पड़ा युवक न लड़का रहा न लड़की।

दरअसल एक युवक ने अपनी प्रेमिका के साथ रहने के लिए जेंडर चेंज gender change करवाने का फैसला किया। उसका ट्रीटमेंट चल रहा था। माता-पिता के समझाने के बाद उसका ट्रीटमेंट बीच में ही रोकना पड़ा। इस कारण उसके शरीर में लड़के और लड़की दोनों के हॉर्मोन हैं।

32 साल का युवक घर में इकलौता बेटा है। उसके पिता क्लास वन ऑफिसर की पोस्ट से रिटायर्ड हैं। वह दिल्ली की मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करता है। वहां उसे अपनी कलीग से प्यार हो गया और उसने जेंडर चेंज का फैसला लिया।

पहले स्टेप में उसकी बॉडी में हॉर्मोनल चेंज hormonal changes आए। इसके बाद वह लड़कियों जैसा व्यवहार करने लगा। अचानक आए बदलाव के बाद फैमिली के सामने इसका खुलासा हुआ। उन्होंने भोपाल में युवक और महिला की काउंसलिंग कराई। युवक दिल्ली और महिला मूलत: मध्यप्रदेश की रहने वाली है।

माता-पिता ने लगाई काउंसलर से गुहार

युवक के माता-पिता भोपाल की एडवोकेट सरिता राजानी के पास पहुंचे। उन्होंने बताया कि करीब डेढ़ महीने से उनके बेटे में काफी परिवर्तन दिखाई दे रहे हैं। वह अकेला रोता था। गुस्से में रहता है और बात-बात पर चिढ़ने लगता है। काउंसलर एडवोकेट सरिता ने उनकी गुहार पर लड़के और महिला की काउंसलिंग की। फिलहाल, युवक का जेंडर चेंज करने का ट्रीटमेंट बीच में रोक दिया गया है।

महिला ने शादी के लिए मना किया

काउंसलिंग के दौरान युवक ने बताया कि उसके साथ 30 साल की एक महिला जॉब करती है। महिला के पति की दो साल पहले कोरोना के कारण मौत हो गई है। उसकी एक बेटी भी है। दोनों करीब 6 महीने पहले ही मिले। वह अपने घर नहीं जाना चाहती है। वह अकेले रहती है। यहीं से उनकी दोस्ती की शुरुआत हुई और प्यार हो गया।

युवक ने शादी करने का प्रस्ताव रखा, तो महिला ने मना कर दिया। उसने कहा कि उसका पति उसे बहुत प्यार करता था। वह उसका बहुत ख्याल रखता था। वह उसके अलावा किसी और को पति के रूप में नहीं देख सकती। इसके बाद युवक ने लड़की बनने का फैसला लिया।

डॉक्टर से संपर्क किया और जेंडर चेंज कराने के लिए पहले स्टेप में हॉर्मोनल चेंज करने के लिए दवाई ली। वह करीब एक महीने से यह दवाई ले रहा था। इसके कारण उसमें काफी बदलाव आ गए हैं।

घोड़ी और गाड़ी छोड़ बैलगाड़ी से निकाली बारात, ऐसी निभाई परंपरा की होने लगी चर्चा

धार: आधुनिकता की चकाचौंध के बीच धार में एक समाजिक कार्यकर्ता ने अपनी शादी में परंराओं का पालन कर मिसाल पेश की है. धार के पडियाल में जब दूल्हा बैलगाड़ी पर सवार होकर अपनी दुल्हनिया लेने निकला तो हर कोई उसे निहारने लगा. चांदी के आभूषण के साथ पारंपरिक वेषभूसा में सजे दुल्हे ने कहा कि उनसे अपनी परंपरा निभाई है. देसी अंदाज में निकली इस बारात की लोगों ने जमकर सराहना की.
बारात में थी 5 बैलगाड़ियां
ये बारात शुक्रवार को धार जिले के पडियाल गांव में निकली. एमए पास और सामाजिक कार्यकर्ता दूल्हे गजेंद्र सिंह अलावा ने फालिए की ही रहने वाली अलका अलावा से सात फेरे लिए. दूल्हे की बैलगाड़ी को विशेष रूप से सजाया गया था. साथ ही अन्य चार बैलगाड़ियों पर परिवार शादी समारोह का सामान लेकर बैठे हुए थे. आगे-आगे चल रहे डीजे पर बाराती आदिवासी गीतों पर झूम रहे थे.

पहनी पारंपरिक पोशाक
दुल्हा बने गजेंद्र सिंह अलावा ने दादा, परदादा की परंपरा को निभाते हुए शेरवानी के बजाय चांदी के आभूषण पहनकर धोती, कमीज व साफा पहनकर बारात लेकर पहुंचे. उन्हें देखकर सामाजिक लोगों ने कहा कि इस शादी के माध्यम से आजकल के युवाओं को प्रेरणा देते हुए संस्कृति को पुनः जीवित करने का प्रयास किया गया है.

पढ़ा लिखा है पूरा परिवार
दूल्हे के पिता रमेशंद्र अलावा कोणंदा गांव में टीचर हैं. काका की बेटी यानी दूल्हे की बहन उपसाना अलावा महू में मंडी इंस्पेक्टर है. गजेंद्र की बहन मधु की शादी हो चुकी है. भाई भूपेंद्र अभी कॉलेज में है. गजेंद्र भी बड़वानी में कोचिंग क्लासेस संचालित कर रहा है. वहीं, बीएड पास उनकी नई नवेली दुल्ह‍न सरकारी टीचर बनने के लिए तैयारी में जुटी है.