Breaking: तहसीलदार का कुर्सी बना एक्सपेरिमेंट सेंटर… पहले साहू फिर यादव और सलामे के बाद अब…

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कोरबा। तहसील कार्यालय कोरबा के तहसीलदार का पद एक्सपेरिमेंट सेंटर बनकर रह गया हैं। पिछले एक साल की बात करें तो 5 तहसीलदार कुर्सी की शोभा बढ़ा चुके हैं। अब इस बात की चर्चा आम हो रही है कि आखिर क्यों तहसीलदार टिक नहीं पा रहे हैं ?

तहसीलदार सुरेश साहू के बाद हरिशंकर यादव फिर पंचराम सलामे ने कुछ दिनों तक बेटिंग की कमान संभाल रखी थी । इसके बाद श्रीमती तारा सिदार को तहसीलदार बनाया गया और आखिरकार वे भी लंबी पारी नहीं खेल सकी लेकिन वे भी मात्र सप्ताह भर में ही आउट होकर भैसमा चली गई।उनके स्थान पर अब राहुल पांडे की पोस्टिंग की गई है।

 

बता दें कि एक तरफ सूबे के मुखिया किसानों के जमीन संबंधी कार्यो का निराकरण को प्राथमिकता से करने बार बार निर्देश दे रहे है और दूसरी तरफ जिले के सबसे बड़े तहसील में तहसीलदार का कुर्सी एक्सपेरिमेंट सेंटर बनकर रह गया है।  इससे किसानों के कार्यो पर असर पड़ रहा है। आपको बता दें कि पिछले एक साल में 5 तहसीलदार पदस्थ रह चुके है। सुरेश साहू के बाद अब तक कोई भी तहसीलदार पद पर ज्यादा देर तक नहीं टिक पाया है। तहसीलदारों के लगातार हो रहे तबादले को लेकर प्रशासन के काम काज पर भी सवाल उठने लगे है। पंचराम सलामे का कार्यकाल ठीक चल ही रहा था कि कुआँ भट्टा पेट्रोल पंप के समीप की जमीन में दिया गया फैसला उन पर भारी पड़ गया और उनकी कुर्सी चली गई। उनके स्थान पर करतला के नायाब तहसीलदार श्रीमती तारा सिदार को कोरबा तहसीलदार बनाया गया, पर वे भी ज्यादा दिन तक कार्य नहीं कर सकीं और मात्र एक सप्ताह में ही उन्हें कोरबा से भैसमा भेज दिया गया। फिलहाल अभी रायगढ़ से स्थानांतरित होकर कोरबा आये राहुल पांडे को कोरबा तहदीलदार बनाकर कप्तानी पारी खेलने मैदान उतारा गया है । अब देखना होगा कि आखिरकार राहुल पांडे कितने दिनों तक तहसीलदार की कुर्सी पर बैटिंग कर पाते है।