Friday, March 29, 2024
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CG: शतरंज को महंगाई की मार…लूडो और कैरम को इंतजार

रायपुर।शह और मात का खेल, शतरंज के शौकीन तेजी से घट रहे हैं। हालत यह है कि इसकी खरीदी-बिक्री से किनारा किया जा चुका है। इससे भी खराब स्थिति लूडो बोर्ड की है, जिसमें पूछ-परख तक नहीं निकल रही है। कैरम और भौंरा की हालत भी तेजी से खराब हो रही है।

छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के बाद परंपरागत खेल की पहचान जरूर बढ़ रही है लेकिन कुलीनों का खेल माने जाने वाले कुछ ऐसे भी खेल हैं, जिनकी सामग्रियों को उपभोक्ता मांग का इंतजार है। लगभग शून्य होते जाने के बावजूद इनकी कीमत जिस तरह कुलांचे मार रही है, उसे देखकर संस्थानें और खेल प्रेमी हैरत में हैं।

 

शून्य हो रहा शतरंज

 

शतरंज। बुद्धि कौशल वालों के बीच बेहद लोकप्रिय खेल है लेकिन खरीदी के इंतजार में यह बदहाल हो चुका है। महंगाई के दौर से यह भी अछूता नहीं है। शौकीन तो कम हो ही रहे हैं, कीमत भी बेतहाशा बढ़ रही है। छोटा शतरंज बोर्ड तेजी के पहले तक 65 रुपए में मिला करता था। अब इसकी खरीदी 80 रुपए में करनी होगी। बड़ा बोर्ड 130 रुपए नहीं, 200 रुपए में मिलेगा।

लूडो थोड़ा-थोड़ा

लूडो में छिटपुट खरीदी बच्चों की निकली हुई है लेकिन इसे पर्याप्त नहीं माना जा रहा है। छोटा बोर्ड की खरीदी पर अब 45 रुपए खर्च करने होंगे, तो बड़े बोर्ड के लिए 95 रुपए देने होंगे। खरीदी के कम होने के पीछे बड़ी वजह मोबाइल को माना जा रहा है क्योंकि समय बिताने का यह खेल हर हैंडसेट में है।

कैरम भी नहीं

अभी भी लोकप्रिय है कैरम। हर शहर में संचालित हो रहे कैरम क्लब से मांग में इजाफा की उम्मीद थी लेकिन महंगाई की मार, जैसी इस पर पड़ी है, वह शायद अन्य दूसरी खेल सामग्री में नहीं। छोटा कैरम बोर्ड जो 500 रुपए में मिला करता था,वह अब 700 रुपए में मिलेगा। जबकि बड़ा कैरम बोर्ड 1600 रुपए में खरीदा जा सकेगा। तेजी के पहले तक यह 1400 रुपए पर स्थिर था।

खेल सामग्रियों में मांग नहीं

कुलीन वर्ग के खेलों की सामग्री में बेतहाशा तेजी आ चुकी है। इसके अलावा लगभग सभी खेल मोबाइल में खेलने की सुविधा से खेल सामग्रियों की बिक्री घट रही है।
-भूपेन्द्र वर्मा, संचालक, श्री स्पोर्ट्स, भाटापारा

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