CG NEWS: महिला विकास विकास विभाग में भ्रष्टाचार, कार्यक्रम अधिकारी ने किया फर्जीवाड़ा

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The Duniyadari: रायपुर– महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी द्वारा संविदा कर्मियों को सेवा समाप्ति के बाद वेतन के रुप में लाखों रुपए भुगतान करने का मामला प्रकाश में आया है। 2022 में गोपनीय प्रतिवेदन में दिए मतांकन के अनुसार 9 कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई थी। जिन्हें कार्यक्रम अधिकारी ने सेवा समाप्ति पश्चात वेतन भुगतान किए।

गोपनीय प्रतिवेदन में क प्लस और क मतांकन वालों को ही सेवा विस्तार देने का प्रावधान है, अन्य मतांकन वालों को सेवा विस्तार नहीं दी जाती। इसी आधार पर उक्त 9 कर्मियों को सेवा से पृथक कर दिया गया था, हालाकि बाद में ये कर्मी हाईकोर्ट चले गए।

न्यायाल ने उनके प्रकरण में त्वरित कार्रवाही करते हुए प्राधिकृत अधिकारी के संज्ञान में लाकर सेवा विस्तार पर निर्णय लेने निर्देशित किया था। उल्लेखनीय है कि सक्षम अधिकारी द्वारा प्राधिकृत समिति ने 18 नवंबर 2024 को सेवा समाप्ति का निर्णय लिया, जिसकी जानकारी कार्यक्रम अधिकारी द्वारा सक्षण अधिकारी को दिए बगैर संविदा कर्मियों को वेतन का भुगतान कर दिया गया।

आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2022-23 के गोपनीय प्रतिवेदन में दिये मंताकन अनुसार जिला बाल संरक्षण इकाई, रायपुर एवं अन्य संस्थाओं के 08 संविदा तथा 01 सेवाप्रदाता को दिनांक 19.10. 2022 को सेवा समाप्त की गई थी। इन सेवा समाप्त संविदा कर्मियों को जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, रायपुर श्रीमती निशा मिश्रा द्वारा लाखों का वेतन भुगतान किया गया।

सेवा समाप्त किये गये 09 कर्मचारियों द्वारा पुन: सेवा में लिये जाने हेतु माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर में याचिका दायर की गई थी। माननीय उच्च न्यायालय, बिलासपुर के द्वारा दिनांक 14.02.2024 को पारित आदेश के अनुसार दिनांक 19.10.2022 को जारी किये गये सेवा समाप्ति आदेश को निरस्त करते हुए वर्ष 2022-23 के गोपनीय प्रतिवेदन में पुन: विचार कर सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्णय लिया जाना है।

माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर द्वारा पारित किये गये आदेश के अनुपालन में त्वरित कार्यवाही करते हुए सक्षम प्राधिकृत अधिकारी के समक्ष प्रकरण को प्रस्तुत किया जाना था। परंतु जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, रायपुर श्रीमती निशा मिश्रा द्वारा सक्षम प्राधिकृत अधिकारी को अवगत कराये बगैर ही उक्त 08 कर्मियों को वेतन भुगतान किया गया तथा अपने अधीनस्थों से दबावपूर्वक कराया गया है।

( वेतन भुगतान की छायाप्रति संलग्न) परंतु श्रीमती मिश्रा द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा दिनांक 14.02.2024 को पारित आदेश के अनुक्रम में प्रकरण के निराकरण हेतु दिनांक 28.08.2024 को सक्षम प्राधिकारी (कलेक्टर) के समक्ष समिति गठित करने नस्ती प्रस्तुत किया गया। इससे स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार करते हुए सरकारी पैसों का बंदरबाट किया गया है।

जिला स्तरीय निराकरण समिति द्वारा कमश: दिनांक 27.08.2024 11.09.2024 एवं 23.09.2024 को बैठक की गई अंतिम बैठक दिनाक 18.11.2024 में निर्णय लिया गया है कि इनका सेवा समाप्त किया जाये किन्तु निशा मिश्रा जिला कार्यक्रम अधिकारी जिला रायपुर द्वारा समिति का कार्यवाही विवरण सक्षम प्राधिकारी के समक्ष जानबुझकर प्रस्तुत नहीं किया गया।

छत्तीसगढ़ संविदा नियुक्ति नियम-2012 अद्यतन संशोधित नियम 15 की कंडिका 03 के अनुसार वर्ष 2021-22 के गोपनीय प्रतिवेदन / कार्य मुल्यांकन प्रतिवेदन के निर्धारण को दृष्टिगत रखते हुए वर्ष 2022-23 हेतु संविदा सेवा विस्तार किये जाने के लिए जिला स्तरीय समिति द्वारा गोपनीय प्रतिवेदन में मतांकन (क+) एवं (क) अंकित हैं उनका सेवा विस्तार किया जावेगा तथा जिनका गोपनीय प्रतिवेदन में मताकन (ख), (ग) एवं (घ) अंकित है उनका सेवा विस्तार नहीं किये जाने की अनुशंसा की गई।

सेवा समाप्त संविदा कर्मियों का विवरण:- > अल्केश्वरी सोनी, संरक्षण अधिकारी, नवा बिहान, जिला कार्यालय रायपुर के गोपनीय प्रतिवेदन में क मतांकन होने के कारण वर्ष 2022-23 में सेवा विस्तार हेतु समिति द्वारा उपयुक्त पाया गया है, परन्तु श्रीमती अल्केश्वरी सोनी का वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 के गोपनीय प्रतिवेदन के आधार पर सेवा विस्तार की कार्यवाही की जायेगी। सेवा विस्तार नहीं होने की स्थिति में सेवा को सतत नहीं मानकर वेतन भुगतान नहीं किया जावेगा। नवनीत कुमार स्वर्णकार, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, जिला बाल संरक्षण ईकाई रायपुर के गोपनीय प्रतिवेदन में (ख) मतांकन होने के कारण वर्ष 2022-23 में सेवा विस्तार हेतु समिति द्वारा अनुपयुक्त पाया गया है। (वर्तमान में निधन हो चुका है ।) अश्विन जायसवाल, विधिक सह परीविक्षा अधिकारी, जिला बाल संरक्षण ईकाई, रायपुर के गोपनीय प्रतिवेदन में (ग) मतांकन होने के कारण वर्ष 2022-23 में सेवा विस्तार हेतु समिति द्वारा अनुपयुक्त पाया गया है। > हेमलाल नायक, बाल कल्याण अधिकारी, शासकीय बालगृह (बालक) रायपुर के गोपनीय प्रतिवेदन में (घ) मतांकन होने के कारण वर्ष 2022-23 सेवा विस्तार हेतु समिति द्वारा अनुपयुक्त पाया गया है।

ज्योति शर्मा, बाल कल्याण अधिकारी, शासकीय बालगृह (बालिका) रायपुर के गोपनीय प्रतिवेदन में (घ) मतांकन होने के कारण वर्ष 2022-23 सेवा विस्तार हेतु समिति द्वारा अनुपयुक्त पाया गया है। रजनीश गेंदले, परामर्शदाता, शासकीय बालगृह (बालिका) रायपुर के गोपनीय प्रतिवेदन में (घ) मतांकन होने के कारण वर्ष 2022-23 सेवा विस्तार हेतु समिति द्वारा अनुपयुक्त पाया गया है।

दुष्यंत कुमार निर्मलकर, स्टोरकीपर सह लेखापाल, शासकीय बालगृह (बालक) रायपुर के गोपनीय प्रतिवेदन में ‘ख’ मतांकन होने के कारण वर्ष 2022-23 सेवा विस्तार हेतु समिति द्वारा अनुपयुक्त पाया गया है। साथ ही इनके द्वारा लगभग 07 लाख रूपये को अपने स्वयं के बैंक खाते में भुगतान करते हुए गबन किया गया है।

अखिलेश कुमार डहरे, हाउस फादर, शासकीय संप्रेक्षण गृह रायपुर के गोपनीय प्रतिवेदन में (घ) मतांकन होने के कारण वर्ष 2022-23 सेवा विस्तार हेतु समिति द्वारा अनुपयुक्त पाया गया है। महेश्वरी दुबे, बहुउद्देशीय सहायक, सेवा प्रदाता, सखी वन स्टाप सेंटर रायपुर के गोपनीय प्रतिवेदन में (ख) मतांकन होने के कारण वर्ष 2022-23 सेवा विस्तार हेतु समिति द्वारा अनुपयुक्त पाया गया है। सभी सेवा समाप्त संविदा कर्मियों का गोपनीय प्रतिवेदन संलग्न है.