बस्तर। CG Politics : छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव के कार्यक्रमों से स्थानीय जनप्रतिनिधियों, कार्यकर्ताओं और अधिकारियों, कर्मचारियों के नदारद रहने का मामला अभी शांत ही नहीं हुआ था कि कांग्रेस विधायक और पीसीसी चीफ मोहन मरकाम के भी कार्यक्रमों से अधिकारी, कर्मचारियों और उनके ही बीच के कार्यकर्ताओं के नदारद रहने का मामला सामने आया है।
दरअसल कोंडागांव के विधायक और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम अपने विधानसभा क्षेत्र में करोड़ों रुपए की लागत से बनाए गए दो शॉपिंग कॉम्पलेक्स और एक अर्न्तराज्जीय स्विमिंग पूल का लोकार्पण करने पहुंचे हुए थे। लेकिन इस लोकार्पण कार्यक्रम में न ही प्रशासन के कोई अधिकारी मौजूद थे और न ही नगर पालिका के कोई जनप्रतिनिधि। पीसीसी चीफ के इस लोकार्पण कार्यक्रम से नगरपालिका के जनप्रतिनिधियों समेत स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने दूरी बना रखी हुई थी।
करोड़ों रुपए के विकास कार्य के लोकार्पण कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों का नहीं पहुंचना विपक्ष के लिए बैठे-बिठाए मुद्दा बन गया है। विपक्ष का आरोप है कि टी.एस.सिंहदेव की तरह ही अब मोहन मरकाम की भी कोई पूछ परख नहीं है, इसलिए मुख्यमंत्री के इशारे पर मोहन मरकाम के किसी भी कार्यक्रम में अधिकारी कर्मचारी समेत उनके ही कार्यकर्ता पूरी तरह से दूरी बनाए हुए हैं।
जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारी भी दिखे नदारद
दरअसल बीते दिनों अपने कोंडागांव प्रवास के दौरान मोहन मरकाम ने नगरपालिका के अंतर्गत करोड़ों रुपए की लागत से बने दो शॉपिंग कंपलेक्स और एक स्विमिंग पूल का लोकार्पण किया। यह कार्यक्रम पहले से ही तय होने के बावजूद इस लोकार्पण कार्यक्रम में न ही कोई प्रशासनिक अधिकारी पहुंचा और न ही नगरपालिका के कोई जनप्रतिनिधि, लगभग ढाई करोड़ रुपए की लागत से शहर के हृदय स्थल में ही स्विमिंग पूल बनाया गया है।
इस लोकार्पण कार्यक्रम में ना ही नगर पालिका के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष इस कार्यक्रम में पहुंचे और ना ही सीएमओ, इसके अलावा जिले के कोई भी बड़े प्रशासनिक अधिकारी पीसीसी चीफ़ मोहन मरकाम के इस कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे, हालांकि इस मामले में सफाई देते हुए मोहन मरकाम ने कहा कि प्रोटोकॉल पहले से ही तय था ऐसे में इस कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ नगरपालिका के जनप्रतिनिधि और अधिकारी क्यों नहीं पहुंचे। इस बारे में जरूर पता लगाया जाएगा, हालांकि मोहन मरकाम ने अनदेखी के बाद से इनकार करते हुए अधिकारियों की बिजी शेड्यूल का हवाला दिया है।
विपक्ष का आरोप- मोहन मरकाम की भी हो रही अनदेखी
इधर बीजेपी को बैठे-बिठाए मुद्दा मिल गया है, छत्तीसगढ़ की पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता लता उसेंडी का कहना है कि मोहन मरकाम को उनके विधानसभा क्षेत्र में ही कोई भी शासकीय अधिकारी कर्मचारी और कार्यकर्ता तवज्जो नहीं दे रहा है, आलम यह है कि 3 करोड़ रुपए के विकास कार्य के लोकार्पण के बावजूद नगरपालिका के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासन के कोई भी अधिकारी का कार्यक्रम में नहीं पहुंचना इससे साफ जाहिर होता है कि अब उनके पार्टी के लोग उन्हें पसंद नहीं कर रहे हैं।
टी.एस. सिंह देव की तरह ही मोहन मरकाम की भी खुलकर अनदेखी हो रही है और यह सब मुख्यमंत्री के इशारे पर हो रहा है। लता उसेंडी ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है जिस तरह से कांग्रेस में खुलकर गुटबाजी दिख रही है, इससे आने वाले चुनाव में जरूर बीजेपी को (CG Politics) फायदा मिलेगा।