IAS Anil Tuteja : लेटर बम से फूट पड़ा IAS अनिल टुटेजा का दर्द…Ex CM को बोले- अब बस कीजिए

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रायपुर। IAS Anil Tuteja :आईएएस अनिल टुटेजा ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने लिखा है कि ‘आपकी सरकार ने मेरे कार्यकाल में अमानक चावल संग्रहण और 5 करोड़ के नुकसान के ईसीबी के मुख्य आरोपों को खारिज किया था और मुझे क्लीन चिट दी थी’। उन्होंने लिखा कि ‘विडंबना है कि जिन आरोपों (IAS Anil Tuteja) को आपके कार्यकाल में निराधार और काल्पनिक बताया गया था, उन्हीं आरोपों के आधार पर ट्रायल का सामना करने को विवश हूं। मीडिया में लगातार आप मुझे नान घोटाले का आरोपी बताते हैं। मेरे ऊपर घोटालों का आरोप लगाते हैं जो काल्पनिक और सिर्फ राजनीति से प्रेरित है’। टुटेजा ने लिखा कि ‘आज भी ऐसे आरोपों के ट्रायल का सामना कर रहा हूं। जिनमें आरोप था ही नहीं। आप के कार्यकाल के दौरान 2015 में संयुक्त सचिव था और आज भी दुर्भाग्य देखिए मैं उसी पद पर कार्यरत हूं’। अपना दर्द बचाते हुए टुटेजा ने लिखा कि ‘4 जूनियर अधिकारी भी सचिव के पद पर पदोन्नत हो चुके हैं। मैं आपसे आग्रह करता हूं वर्तमान सरकार पर मेरे खिलाफ कार्रवाई न करने और संरक्षण प्रदान करने बचाने तथा महत्वपूर्ण पद पर पदस्थ जैसे निराधार आरोप लगाने बंद करने का कष्ट करें। पूर्व में ही में अत्याधिक प्रताड़ना और अन्याय का शिकार हो चुका हूं।‘

पत्र लिखकर विस्तार से कही अपनी बात

उन्होंने पत्र में आरोपों का विस्तार से ब्यौरा दिया, और कहा कि कथित नान घोटाले की जांच के बाद रायपुर के विशेष न्यायालय के समक्ष 16 आरोपियों के विरूद्ध 6 जून 2015 को ए.सी.बी. द्वारा प्रस्तुत चालान में अन्य 16 मेरे विरूद्ध लगाए गए तीन आरोप निम्न है- इनमें मेरे नान में मात्र 8 माह के (जून 2014 से फरवरी 2015) कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार का नवीन तंत्र विकसित हुआ। जिसके तहत राज्य में लाखों क्विंटल अमानक चावल का संग्रहण एवं वितरण किया गया। चावल और नमक के अनावश्यक अंतजिला परिवहन में नान को 5.18 करोड़ की क्षति हुई। लाखों क्विंटल अमानक चावल के बदले राईस मिलरों से एकत्र अवैध राशि में मुझे भी हिस्सा प्राप्त होता था। उन्होंने आगे कहा कि स्मरण रहे कि एसीबी द्वारा बड़ी मात्रा में अमानक चावल के संग्रहण एवं नान को 5 करोड़ की क्षति होने के संबंध में नान प्रबंधन अथवा शासन के खाद्य विभाग से पूछने की आवश्यकता नही समझी तथा चावल के मापदण्डों की कोई जानकारी न होने के बाद भी अमानक चावल के संग्रहण के काल्पनिक आरोप लगाये गए।

पत्र में विधानसभा में जवाब को भी किया शामिल

टुटेजा ने कहा कि आपकी सरकार ने अमानक चावल संग्रहण एवं 5 करोड़ की क्षति के बारे में जो उच्च न्यायालय तथा विधानसभा में जो जानकारी दी थी वह इस प्रकार है-विधानसभा के दिसम्बर 2015 के शीतकालीन सत्र में शासन द्वारा प्रश्न क्र. 511 के उत्तर में जानकारी दी गई कि कैलेण्डर वर्ष 2014 में अक्टूबर तक राज्य में कही भी अमानक चावल संग्रहित नहीं किया गया। पुन: विधानसभा के 2016 के सत्र (IAS Anil Tuteja) में प्रश्न क्र. 892 के उत्तर दिनांक 18 मार्च 2016 को शासन द्वारा यह जानकारी दी गई कि वित्तीय वर्ष 2013 एवं 2014 में नमक के अनावश्यक परिवहन में कोई क्षति नहीं हुई। उन्होंने विधानसभा में ही 18 मार्च 2016 को प्रश्न क्र. 2299 के उत्तर में शासन द्वारा यह जानकारी दी गई कि वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में राज्य में कही भी अमानक चावल संग्रहण एवं वितरण की कोई शिकायत प्राप्त नही हुई है।