लरायपुर। Indira Priyadarshini Bank scam: भाजपा के कार्यकाल में हुए इंदिरा प्रियदर्शनी महिला सहकारी बैंक घोटाला मामले की जांच शुरु हो गई है। न्यायलय के आदेश के बाद इंदिरा प्रियदर्शनी महिला सहकारी बैंक घोटाले के आरोपित बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा के नार्को टेस्ट की एफएसएल रिपोर्ट और सीडी पुलिस को सौंपी गई है। पुलिस सीडी और एफएसएल रिपोर्ट का अवलोकन कर दोबारा जांच शुरू करेगी।
छत्तीसगढ़ शासन उप महाधिवक्ता संदीप दुबे ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की अपील पर इस प्रकरण में रायपुर न्यायालय के प्रथम श्रेणी न्यायाधीश ने जांच की अनुमति दे दी है। 10 अभियुक्तों के अलावा पालिग्राफिक टेस्ट, ब्रैन मैपिंग और नार्कों टेस्ट के आधार पर जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, पुलिस अब उनसे पूछताछ करेगी।
बता दें कि जांच में कई और बिंदु सामने आ सकते हैं। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि जांच के बाद कई बड़े लोगों की गिरफ़्तारी भी हो सकती है। साल 2006.07 में 54 करोड़ रुपयों का घोटाला हुआ था। कोतवाली रायपुर में बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा समेत 18 बैंक संचालक मण्डल के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में ख्यानत समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज हुआ था।
0-यह है मामला
वर्ष 2006 में राजधानी स्थित बैंक में 54 करोड़ रुपए का घोटाला की बात सामने आई। कोतवाली पुलिस ने मैनेजर का नार्को टेस्ट कराया। नार्को टेस्ट में मैनेजर ने कई प्रभावशाली लोगों का नाम लेकर उन्हें पैसे देने की बात की थी। नार्को टेस्ट में घोटाले के प्रमुख अभियुक्तों में से एक उमेश सिन्हा ने बताया था कि उसने पूर्व मुख्यमंत्री सहित कई भाजपा नेताओं को करोड़ों रुपए दिए थे। बैंक संचालकों सहित कई अन्य लोगों को भी पैसे दिए गए।