The Duniyadari : रायपुर। छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रतनलाल डांगी पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप अब एक नए मोड़ पर पहुँच गए हैं। सोशल मीडिया पर उस महिला का एक ऑडियो वायरल हुआ है, जिसने डांगी पर आरोप लगाए थे। इस वायरल ऑडियो में वह खुद यह कहती सुनाई दे रही है कि उसके साथ किसी प्रकार का यौन उत्पीड़न नहीं हुआ।
इधर, महिला की बहन और जीजा ने भी मीडिया से बातचीत में कहा है कि पूरे मामले में झूठा आरोप लगाकर परिवार को फंसाने की कोशिश की जा रही है। उनका कहना है कि पहले भी उनके पिता को झूठे मामले में फंसाया गया था और अब इसी तरह परिवार के खिलाफ साजिश की जा रही है।
आईपीएस डांगी ने कहा – साजिश के तहत निशाना बनाया गया
आईपीएस रतनलाल डांगी ने इस पूरे विवाद को एक पूर्व नियोजित साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी “साफ-सुथरी छवि” और “संभावित पदस्थापना” को देखते हुए कुछ लोगों ने यह षड्यंत्र रचा है ताकि उन्हें बदनाम किया जा सके।
सूत्रों के अनुसार, डांगी ने डीजीपी अरुण देव गौतम को पत्र लिखकर पूरे प्रकरण का विस्तृत ब्यौरा भेजा था। इस चिट्ठी में उन्होंने महिला और कुछ अन्य लोगों पर ब्लैकमेलिंग, धमकी और मानसिक प्रताड़ना जैसे गंभीर आरोप लगाए है
क्या है मामला
दरअसल, एक सब इंस्पेक्टर की पत्नी ने 2003 बैच के आईपीएस रतनलाल डांगी पर लगातार कई वर्षों से उत्पीड़न का आरोप लगाया था। महिला ने अपनी शिकायत में कहा था कि उनकी पहचान साल 2017 में हुई थी, जब डांगी कोरबा के एसपी थे। बाद में वह दंतेवाड़ा और फिर राजनांदगांव में पदस्थ रहे, और इस दौरान दोनों के बीच संपर्क बना रहा।
पीड़िता का आरोप था कि बिलासपुर आईजी बनने के बाद डांगी ने उसे परेशान करना शुरू किया और पत्नी की गैरमौजूदगी में बंगले पर बुलाने की कोशिश की। इन आरोपों को देखते हुए गृह विभाग ने जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
आईपीएस छाबड़ा और कुर्रे को मिली जांच की जिम्मेदारी
मामले की जांच के लिए आईपीएस डॉ. आनंद छाबड़ा (2001 बैच) और आईपीएस मिलना कुर्रे को नियुक्त किया गया है। दोनों अधिकारी पूरे प्रकरण की तथ्यों के आधार पर जांच कर रिपोर्ट गृह विभाग को सौंपेंगे।
सीएम साय ने दिया स्पष्ट संदेश
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मुद्दे पर कहा है कि “राज्य में चाहे कोई भी पद पर हो, यदि किसी पर आरोप लगते हैं तो जांच अवश्य होगी। अगर जांच में तथ्य सही पाए जाते हैं, तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।”
अब देखना यह होगा कि जांच समिति की रिपोर्ट में क्या सामने आता है — क्या आरोपों की पुष्टि होती है या यह मामला वाकई एक सुनियोजित साजिश साबित होता है।



























