दुर्ग । दुर्ग SP जितेंद्र शुक्ला चार्ज लेते ही महादेव सट्टा एप के मामले में निलंबित चल रहे आरक्षक का सेवा समाप्त कर दिया है ।सूत्र के मुताबिक आरक्षक के खिलाफ विभागीय जांच चल रही थी, जिसके आधार पर दुर्ग आरआई की तरफ से आरोप पत्र जारी किया गया था। आरोप पत्र की तामिली 8 मार्च 2023 को करायी गयी। लेकिन आरक्षक की तरफ से इस संदर्भ में कोई जवाब नहीं दिया गया। जाँच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर एसपी ने एसपी ने तत्काल प्रभाव से बर्ख़ास्त कर दिया है।
बाद में विभाग ने आरोप पत्र का रिमाइंडर भेजा, तो आरक्षक ने ये कहकर जवाब भेजा, कि उसका स्वास्थ्य खराब है।जवाब संतोषप्रद नहीं होने की वजह से विभागीय जांच की कार्रवाई के लिए डीएसपी पुलिस लाइन निलेश द्विवेदी की अगुवाई में टीम बनायी गयी। निलेश दिववेदी के ट्रासफर के बाद डीएसपी चंद्रप्रकास तिवारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। जाँच कमिटी को गोलमोल जबाव देते हुए बचने का प्रयास किया गया था।
जांच कमेटी ने ने आरक्षक के जवाब पर विचार किया, जिसमें पाया कि खराब स्वास्थ्य की जानकारी आरक्षक ने समय रहते नहीं दी थी। स्वास्थ्य संबंधी दस्तावेज भी उसने जमा नहीं कराया था। विभाग ने पाया कि आरक्षक अर्जुन यादव आदतन गैर हाजिर रहने वाला पुलिसकर्मी है। 2006 में उसकी बहाली हुई थी, उसे अपने कार्यकाल में तीन बार ऐसे मामले में दोषी पाया गया है। जितेंद्र शुक्ला ने आज चार्ज लेते ही पुराने प्रकरणों की फाइलें मंगाई और फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए अर्जुन यादव को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया है । कड़क कप्तान के कार्रवाई के बाद पोलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।