बिलासपुर। मां महामाया रतनपुर के द्वार पर हाजिरी देकर न्यायधानी बिलासपुर के नए एसपी रजनेश सिंह ने पदभार संभाल लिया है। परंपरा के अनुरूप महकमें ने अपने नए पुलिस कप्तान का स्वागत गॉर्ड ऑफ ऑनर से किया। इसके बाद एसपी का दरबार सजा, जहां वे आला अफसरों समेत अपनी टीम से रूबरू हुए। एसपी सिंह ने न्यायधानी के नागरिकों को शामिल कर पुलिस के लिए बहु-मिशन फोकस, रणनीति और निवारण दृष्टिकोण की रूपरेखा तैयार की है। बतौर नए एसपी पहली मीटिंग में उन्होंने जिले में संपत्ति और शारीरिक अपराधों से जुड़े अपराध और प्रभावित क्षेत्रों की चौबीस घंटे निगरानी पर जोर देते हुए अपराधियों पर नियंत्रण पर जोर दिया।
छत्तीसगढ़ कैडर में वर्ष 2012 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी रजनेश सिंह ने शनिवार को बिलासपुर जिले में नए पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में अपना पदभार ग्रहण किया। उनके आगमन पर बिलासपुर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। रजनेश सिंह को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। पदभार ग्रहण करने से पहले आईपीएस रजनेश सिंह ने प्रसिद्ध रतनपुर मंदिर पहुंचकर मत्था टेका और छत्तीसगढ़ राज्य के साथ-साथ बिलासपुर जिले की शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की। प्रदेश की राजधानी रायपुर में एएसपी सिटी के उनके कार्यकाल ने उन्हें अपराध और अपराधियों पर शून्य-सहिष्णुता के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपराधियों को अपने स्थानीय खुफिया नेटवर्क के हिस्से में सुधारने के अपने सावधानीपूर्वक उपायों के लिए भी ख्याति प्राप्त है।
उन इलाकों की फाइल बनाएं, जहां अपराध के ग्राफ को नीचे लाने की जरूरत
तेज-तर्रार और समर्पित पुलिस अफसर माने जाने वाले एसपी श्री सिंह ने ज्वाइनिंग के तुरंत बाद अपने जिला पुलिस अधिकारियों की एक संक्षिप्त बैठक ली और मल्टी-मिशन फोकस, रणनीति और निवारण दृष्टिकोण के साथ स्थानीय नागरिकों को शामिल करके दृश्य-पुलिसिंग पर जोर दिया। उन्होंने विशेष रूप से महकमें के सभी राजपत्रित अधिकारियों को अपने-अपने पुलिस क्षेत्राधिकार का एक व्यापक मसौदा अविलंब तैयार करने के लिए कहा, जिसमें अपराध के ग्राफ को नीचे लाने आड़े आ रहे बिंदुओं और उनके निराकरण के संसाधन समेत प्रमुख क्षेत्रों को रेखांकित करने कहा गया है। इसके साथ-साथ पुलिस-सार्वजनिक कनेक्शन को अधिकतम कर सुधार और पहल पर भी जोर दिया।
एसपी एटीएस रहते खुफिया तंत्र का ऐसा जाल बुना, सिमी और स्लीपर सेल जैसे मामले निपटाए
एसपी श्री सिंह छत्तीसगढ़ में विभिन्न पदों पर कार्य कर जमीनी स्तर की पुलिसिंग का व्यापक अनुभव रखते हैं। वे एक तकनीक प्रेमी अधिकारी भी हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी अपराध-प्रवण क्षेत्र, जो जिले में ज्यादातर संपत्ति और शारीरिक अपराधों में योगदान करते हैं, को चैबीसों घंटे निगरानी में लाने की जरूरत है। उन्होंने पूर्व में काफी समय तक इंटेलिजेंस में एसपी (एटीएस) के रूप में कार्य किया है। जाहिर है कि मुखबिरों का एक बहुत मजबूत और गहराई तक प्रवेश करने वाला तंत्र विकसित करने का अच्छा-खासा तजुर्बा वे रखते हैं। इससे उन्हें छत्तीसगढ़ में प्रतिबंधित संगठनों सिमी और आईएम के स्लीपर सेल नेटवर्क सहित बहुत हाई-प्रोफाइल और संवेदनशील मामलों को सुलझाने और पदार्फाश करने में मदद मिली, जब वह एसपी एटीएस थे।