Kawasi Lakhma : Our government has always worked for the welfare of tribals.
Kawasi Lakhma

कोरबा। Kawasi Lakhma : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में हमारी सरकार ने हमेशा आदिवासियों के हित और विकास के लिए कार्य किया है। सरकार आदिवासी संस्कृति का संरक्षण कर रही है और उनके विकास के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं भी चला रही है। सरकार ने आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में लोगों को सामुदायिक हितग्राही मूलक पट्टा भी प्रदान किया है। प्रदेश के अन्य जिलों में भी आदिवासियों को सरकार ने उनका वाजिब हक देने का काम किया है।

9 अगस्त का दिन विश्व आदिवासी दिवस के रूप में मनाया जाता है। लेकिन पूरे देश में छत्तीसगढ़ ही पहला राज्य है जहां आदिवासियों की भावनाओं को समझते हुए मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने इस दिन अवकाश घोषित किया है। यह बातें विश्व आदिवासी शक्तिपीठ बुुधवारी में नव निर्मित मंगल भवन व देवालय परिसर के सौंदर्यीकरण कार्य के लोकार्पण और आदिवासी महापंचायत में मुख्य अतिथि वाणिज्यिक कर (आबकारी), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री  कवासी लखमा ने कही।

मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल की घोषणा पर आदिवासी शक्तिपीठ परिसर में 25 लाख रूपए की लागत से नव-निर्मित मंगल भवन के लोकार्पण पर समाज के लोगों को बधाई देते हुए श्री लखमा ने कहा कि आदिवासी जंगलों में रहते हैं और फल-फूल खाते हैं और प्रकृति की पूजा करते हैं। जहां भी आदिवासी रहते हैं वहां वे प्रकृति के साथ रहते हैं, इससे प्रकृति का भी संरक्षण होता है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज को अपने अधिकारों के लिए हमेशा एकजुटता के साथ रहना होगा। श्री लखमा ने कहा कि प्रदेश में भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार आदिवासी समाज सहित अन्य समाज के संस्कृतियों के संरक्षण का भी कार्य कर रही है। सरकार ने प्रदेश के किसानों का कर्जा माफ किया, जंगल में रहने वाले आदिवासियों को पट्टा का वितरण किया, तेंदूपत्ता प्रति मानक बोरा चार हजार रूपए किया, बस्तर के लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की जमीन वापस कराई, किसानों के फायदे के लिए धान का समर्थन मूल्य 2500 रूपए करने सहित अन्य कई कल्याणकारी कार्य किए हैं।

इस अवसर पर अतिथि राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि आदिवासी समाज की मांग वे हमेशा सहयोग करते रहे हैं। आज मंगल भवन का लोकार्पण किया है जिससे समाज को समय-समय पर होने वाले विभिन्न आयोजन व कार्यों में मदद मिलेगी। समाज की ओर से निःशुल्क जमीन की मांग पर राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि इसके लिए समाज के लोग शासन-प्रशासन से विधिवत् आवेदन करें। श्री अग्रवाल ने कहा कि आदिवासी शक्तिपीठ परिसर में भव्य डोम बनाने के लिए भी हर संभव सहयोग करेंगे।

कार्यक्रम में पूर्व सांसद  नंदकुमार साय ने कहा कि मात्रात्मक व लिपिकीय त्रुटि की वजह से कई लोगों का जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पाया है, ऐसे में आदिवासी अपने वास्तविक अधिकार से वंचित हैं। श्री साय ने कहा कि जारी हुई नई सूची में भी अगर इसका निराकरण नहीं हो पाया है तो वे समाज के लोगों की मदद से ऐसे लोगों की जानकारी लेकर इस समस्या के निराकरण के लिए प्रयास करेंगे।

इस अवसर पर पाली तानाखार विधायक मोहित राम केरकेट्टा, कटघोरा विधायक  पुरूषोत्तम कंवर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कंवर, महापौर  राजकिशोर प्रसाद, सभापति श्यामसुंदर सोनी, आदिवासी समाज के प्रांतीय अध्यक्ष युवा सुभाष सिंह पोर्ते सहित आदिवासी समाज के अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। आदिवासी शक्तिपीठ कोरबा के संरक्षक  मोहन सिंह प्रधान ने आवश्यक संसाधन उपलब्ध (Kawasi Lakhma) कराने की मांग रखी।

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