कोरबा। कोरबा जिले के शिक्षक सड़क पर आंदोलन कर रहे है और डीईओ कोर्ट के चक्कर यानी हाईकोर्ट में शिक्षकों के लगे केस लिए चक्कर लगा रहे है। प्रमोशन से पोस्टिंग में लगातार उलझे शिक्षा विभाग के बीच शिक्षा के स्तर का बंटाधार हो गया है।

बता दें कि शिक्षा विभाग के प्रमोशन से पोस्टिंग में गड़बड़ी का मामला अब डीईओ के गले की फांस बनता जा रहा है। कायदे को अपने फायदे में तब्दील कर पोस्टिंग तो कर दी गई लेकिन हो-हल्ला मचने के बाद कलेक्टर ने पोस्टिंग की सूची निरस्त कर दी। सूची निरस्त होने के बाद जिनको लाभ मिल रहा था वे कोर्ट पहुंच गए और कोर्ट ने तात्कालिक रूप से राहत दे दी। इसके बाद जिनको राहत मिली उनकी तो मौज हो गई लेकिन जिन्हें पोस्टिंग नही मिली वे अधर में  लटके रहे। अब जब जिनको कोर्ट से तात्कालिक रूप से राहत मिली थी,।उसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया तो नाराज शिक्षकों का एक गुट हल्ला बोलते हुए डीईओ के खिलाफ सड़क पर उतर आया है।

डीईओ ने अपनी सेफ्टी के लिए नए फार्मूले का किया अविष्कार

 

प्रमोशन के बाद पोस्टिंग के लिए चले “दो और लो” की नीति के बाद चहेते जगह में शिक्षकों की पोस्टिंग तो कर दी गई । कलेक्टर के द्वारा सूची निरस्त करने के 6 महीने बाद अब फिर से काउंसलिंग की मांग ने जोर पकड़ा तो डीईओ ने अपनी सेफ्टी के लिए नए फार्मूले का अविष्कार  कर लिया है। फार्मूला भी ऐसा कि असलियत समझ आते ही “दिल बाग बाग हो जाए!” फार्मूला ये है जो अपने मनपसंद जगह पर पदस्थ है उनसे संतुष्टि प्रमाण पत्र जमा कराया जा रहा है जिससे पोस्टिंग के नाम पर लिए नजराना  को वापस न करना पड़े।

 

डीईओ को बर्खास्त करने की मांग

 

कायदे को ताक पर रखकर अपने फायदे के लिए पोस्टिंग करने वाले डीईओ जीएल भारद्वाज को हटाने की मांग को लेकर नाराज शिक्षकों ने मोर्चा खोल दिया है। बुधवार को नाराज शिक्षको ने नारेबाजी करते हुए कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर डीइओ पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लागये है।सूत्र बताते है शिक्षा विभाग में चले प्रमोशन और पोस्टिंग के खेल में अफसर तो मालामाल हुए है लेकिन ग्रामीण अंचलो में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है।

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