0 काम कम और मूल्यांकन ज्यादा दिखाकर वित्तीय अनियमितता करने वाले आरईएस करतला में पदस्थ सब इंजीनियर अश्वनी कुमार पांडेय पर निलंबन की कार्रवाई।
कोरबा। लोक हित के कार्यों के लिए शासन से स्वीकृत जनता के पैसों से सरकारी अफसर कैसे अपनी रोटी सेंक रहे हैं, यह इस मामले से पता चलता है। आरईएस के एक भ्रष्ट सब इंजीनियर ने बिना किसी निरीक्षण-परीक्षण किए ही एक-दो नहीं, बल्कि 16 निर्माण कार्यों की तकनीकी मंजूरी दे दी। काम तो कम था, पर उसके मुकाबले मूल्यांकन ज्यादा दर्शाया गया। मामले में रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने शिकायत की, तब जाकर बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार की पोल खुली। जांच में वित्तीय अनियमितता पाई जाने पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने सब इंजीनियर को सस्पेंड करते हुए गहनता से विभागीय जांच कराए जाने का निर्णय किया है।
बिना स्थल निरीक्षण के स्टीमेट तैयार कर काम कम और मूल्यांकन ज्यादा करने वाला ग्रामीण यांत्रिकी विभाग कोरबा में पदस्थ यह सब इंजीनियर अश्वनी कुमार पांडेय है। उसे शासन ने सस्पेंड कर दिया है। इंजीनियर अश्वनी पांडेय के खिलाफ पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने वित्तीय अनियमितता की शिकायत कर निलंबित करने की मांग की थी। सेवा उपसंभाग करतला में पदस्थ उप यंत्री पांडेय के खिलाफ ग्रामीण यांत्रिकी सेवा मण्डल, बिलासपुर से 26 नवंबर 2020 को गठित जाँच समिति द्वारा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। इसमें पाया गया है कि विकासखण्ड करतला के 16 निर्माण कार्यों का बिना स्थल परीक्षण तकनीकी स्वीकृति दे दी गई। इतना ही नहीं, सब इंजीनियर पांडेय के द्वारा सत्यापन में अनियमितता किया जाना भी पाया गया। इस पर पांडेय को 26 जुलाई 2021 को कारण बताओ नोटिस जारी जवाब मांगा गया था। संयुक्त जांच समिति के प्रतिवेदन की अनुशंसा के आधार पर अश्विनी कुमार पाण्डेय, उप अभियंता जनपद करतला. जिला कोरबा के विरूद्ध विभिन्न मद में स्वीकृत कार्यों में वित्तीय अनियमित के कारण निलंबन एवं विभागीय जॉब की अनुशंसा की गई है। मुख्य अभियंत यांत्रिकी सेवा से आइसिवसाल 16 जून को प्राप्त तुलनात्मक अभिमत में बगैर स्थल निरीक्षण के स्टीमेट तैयार करने, अधिक राशि का कार्य कराने एवं कार्य अनुरूप माप पुस्तिका में माप करनेबी के लिए श्री पाण्डेय को जिम्मेदार ठहराया गया है। पाण्डेय का यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम-1965 के वि गंभीर कदाचरण, अपराध की श्रेणी में आने के कारण उनके विरूद्ध छत्तीसग सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के तहत् निलंबित एवम जाँच किए जाने का प्रशासकीय निर्णय लिया गया है।