Korba : दिन-रात मजदूरी कर पत्नी को शिक्षिका की नौकरी लगाई, मैडम बनते ही पति को छोड़ गई बेवफा-हरजाई

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0 कोरबा में भी सामने आई यूपी की चर्चित एसडीएम ज्योति मौर्य के जैसी दास्तान, जिला शिक्षा अधिकारी के दर पर गुहार लेकर पहुंचे पति ने की नौकरी से हटाने की मांग।

कोरबा। एक पति ने दिन-रात रोजी-मजदूरी की पर अपनी जान से प्यारी पत्नी की शिक्षा-दीक्षा के लिए हर मुमकिन जुगत में जुटा रहा। मेहनत रंग लाई और उसकी पत्नी शिक्षिका बन गई। पर सरकारी नौकरी हाथ आते ही पत्नी ने अपनी सफलता के पीछे जिस पति का सबसे बड़ा हाथ रहा, उसी साथ छोड़ दिया। अब पति अपनी बेबसी पर रो रहा है कि उस बेवफा ने आखिर ऐसा क्यों किया। लाख कोशिशों के बाद भी जब पत्नी या उसके परिजन न मानें तो थके-हारे पति ने शिक्षा विभाग का दरवाजा खटखटाया। उसने जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए गुहार लगाई है कि उसकी पत्नी की नौकरी वापस ले ली जाए, ताकि उसकी घर वापसी हो सके।

उत्तरप्रदेश की ज्योति मौर्य का चर्चा सारे देश में है और अब यह मामला अंतर्राष्टÑीय सुर्खियों में शुमार हो चुका है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की कमाई से पढ़ने-लिखने और राजपत्रित अधिकारी का पद हासिल करने के बाद यूपी की ज्योति ने पति से दूरी बना ली। इस मामले से मिलती-जुलती एक दास्तांन कोरबा से भी सामने आई है। यहां एक पति ने अपनी पत्नी के शिक्षिका की नौकरी लगने के बाद उसे छोड़ देने का आरोप लगाया गया है। पति ने जिला शिक्षा अधिकारी को आवेदन देकर कहा है उसकी पत्नी को सेवा से पृथक करने की कार्रवाई की जानी चाहिए। जिले के बाल्को नगर में निवास करने वाले शांति कुमार कश्यप इस बात से परेशान है कि शिक्षिका बन चुकी उनकी पत्नी ने बिना किसी कारण के घर छोड़ दिया है। यहां वहां अपना दर्द बताने के बाद कश्यप ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचकर इस बारे में आवेदन दिया और अगली कार्रवाई करने की मांग की कश्यप के मुताबिक विवाह के बाद पत्नी का जाति निवास प्रमाण पत्र बनाने के साथ आगे की शिक्षा से लेकर नौकरी तक की व्यवस्था कराई गई, जिसका यह परिणाम हुआ कि उसकी पत्नी ने उसे ही छोड़ दिया। वह ठेका मजदूरी काम काम कर मिलने वाली राशि से परिवार का भरण पोषण करता है। उसने बताया कि साइट पर काम करने वाले एक कर्मी के साथ पत्नी का संपर्क होने के बाद परिस्थितियां बिगड़ गई। अब उसके तिलकेजा में होने की जानकारी है।

मामला सुलझाने काफी कोशिशें की, कोई फायदा न हुआ

शांति कुमार ने कहा कि उसने मामले को सुलझाने के लिए काफी कोशिश की, पर पत्नी के परिजनों ने उल्टे उसे ही दोषी साबित करना शुरू कर दिया और इसकी शिकायत कर दी। नतीजा यह कि उसे ही परिवार परामर्श केंद्र में पेश होना पड़ गया। शांति कुमार ने बताया कि बिना तलाक और अगली कार्रवाई के पत्नी उससे अलग है और इस बीच 1 पुत्र के जन्म लेने की खबर मिली है जो अपने आप में हैरानी वाली बात है। वह चाहता है कि हालात पहले जैसे ही होने चाहिए ताकि इस तरह की हरकत करने वालों को सबक मिले।