Saturday, July 27, 2024
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Korba : मेयर से मंत्री तक, जब-जब लखन ने जीता ताज, कमल खिला.. छग में आया भाजपा राज

0 आइए देखते हैं कैबिनेट मिनिस्टर लखनलाल देवांगन के राजनीतिक करियर की झलकियां

कोरबा। आज की बात करें या कल की, मंत्री लखनलाल देवांगन का सौम्य, शांत और विनम्र व्यक्तित्व ही उनकी और कोरबा में भारतीय जनता पार्टी की सबसे बड़ी ताकत साबित हुई। उन्होंने वही बात दोहराई कि झोपड़ी में रहने वाले एक साधारण और पार्टी छोटे से कार्यकर्ता को पार्टी ने इस काबिल समझा, इसके लिए वे आभारी हैं। एक वार्ड पार्षद से महापौर, विधायक, संसदीय सचिव और अब कैबिनेट मिनिस्टर की शपथ ले चुके लखन हमेशा से न केवल भाजपा के लिए लक्की रहे, उन्होंने खुद को इस बार ब्रह्मास्त्र भी साबित किया। मेयर हो या विधायक, वे जब जब कोरबा से जीते छत्तीसगढ़ में कमल खिला और भाजपा का राज कायम हुआ।

 

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पूर्व महापौर, पूर्व कटघोरा विधायक और रमन सरकार में संसदीय सचिव रहे लखनलाल देवांगन पार्टी के कार्यकर्ताओं से लेकर बड़े लीडरों तक सभी के प्रिय रहे हैं। उनकी लोकप्रियता का ही नतीजा रहा, जो भारतीय जनता पार्टी ने कोरबा विधानसभा की सीट पर चुनावी समर पार लगाने इस बार लखनलाल देवांगन पर दांव लगाया। पार्षद चुनाव जीतने के बाद नगर निगम में एक लोकप्रिय महापौर के रूप में ख्याति अर्जित कर श्री देवांगन ने कटघोरा से विधायक चुने जाने के साथ छत्तीसगढ़ विधानसभा में पहली बार कदम रखा और रमन सरकार में संसदीय सचिव की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई। पार्टी के इस फैसले में श्री देवांगन के प्रदर्शन और शहर में पहचानी जाने वाली छवि को हथियार बनाते हुए कांग्रेस का अभेद किला बन चुके कोरबा विधानसभा की सीट को हासिल करने की कारगर रणनीति में खुद को ब्रह्मास्त्र साबित किया।

 

 

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पार्षद पद से आगाज, कटघोरा-कोरबा किले में ब्रह्मास्त्र बनकर बरपाया कहर

12 अप्रैल 1962 में जन्म लेने वाले लखन लाल देवांगन अभी 61 वर्ष के हैं। वे एक भारतीय राजनीतिज्ञ और छत्तीसगढ़ सरकार में पूर्व संसदीय सचिव (राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त)रहे। वर्तमान में उन पर भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ के उपाध्यक्ष का भी दायित्व है। लखन लाल देवांगन ने निकाय चुनाव पर जीत हासिल कर नगर निगम कोरबा के पार्षद के रूप में अपना राजनैतिक कॅरियर शुरू किया। इसके बाद वे साल 2005 में कोरबा नगर निगम के महापौर चुने गए। 8 दिसंबर 2013 को श्री देवांगन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अविजीत कहे जाने वाले कद्दावर नेता बोधराम कंवर को हराकर भाजपा के लिए कटघोरा निर्वाचन क्षेत्र की सीट हासिल की और छत्तीसगढ़ विधानसभा पहुंच गए। भाजपा शासनकाल के सीएम डॉ रमन सिंह के तीसरे मंत्रालय में खाद्य, नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता संरक्षण, ग्रामोद्योग, योजना, आर्थिक और सांख्यिकी के लिए संसदीय सचिव ( राज्य मंत्री रैंक) की जिम्मेदारी संभाली। श्री देवांगन ने इसके बाद पुन: वर्ष 2018 का विधानसभा चुनाव लड़ा पर इस बार कांग्रेस से ही उनके प्रतिद्वंद्वी रहे बोधराम के पुत्र पुरुषोत्तम कंवर से इस सीट पर भाजपा की जीत बरबरार नहीं रख सके। इस बार उन्हें कोरबा विधानसभा की सीट पर भाजपा की जीत सुनिश्चित करने की बड़ी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है।

15 साल बाद रिकार्ड मतों से कोरबा विस में भाजपा का कब्जा

कोरबा विधानसभा सीट पर पिछले 15 साल से भाजपा की लगातार हार हो रही थी। जब भाजपा की सरकार थी, तब भी जयसिंह अग्रवाल ने चुनाव जीता था। इस बार लखनलाल देवांगन ने उनकी जीत की हैट्रिक पर ब्रेक लगा दिया और 26 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है।

भाजपा के शाह की उम्मीदों को बनाया कामयाब और भाग्य बदल दिया

लखनलाल देवांगन ओबीसी वर्ग के नेता है। कोरबा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने खुद अपने हाथों में कमान संभाली और उनकी चुनावी सभा को संबोधित किया। साथ में वादा भी किया कि लखन को जिताएं, मैं उनका भाग्य बदल दूंगा। यह इशारा प्रभावी साबित हुआ और लखन ने शाह के भरोसे पर खरा उतरकर दिखाया। 15 साल बाद कोरबा में कमल खिलाने का इनाम उन्हें मंत्री पद के रूप में मिला है। माना जा रहा है कि कोरबा से मंत्री बनाने का फायदा लोकसभा चुनाव में मिलेगा। इस समीकरण को ध्यान में रखते हुए उन्हें मौका दिया गया है।

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