Saturday, July 27, 2024
HomeकोरबाKorba..लो छिप गया सूरज और ठंड से बचने शहर ने ओढ़ ली...

Korba..लो छिप गया सूरज और ठंड से बचने शहर ने ओढ़ ली धुंध की चादर..VIDEO में देखें टीपी नगर चौक का दृश्य..

0 आते जाते वाहनों को दिन में भी जलानी पड़ी हैडलाइट

कोरबा। कितनी खूबसूरत होती है ये धुंध। कोहरे से ढकी इमारतें और लोगों के साथ मानों सूरज ने भी लुकछुपी का खेल शुरू करते हुए इन सर्द हवाओं से खुद को बचाने चादर की ओढ़ ली हो। राह पर फर्राटे भरने वाली गाड़ियां अचानक धीमी धीमी सी हो चली। कुछ ऐसी ही दशा सोमवार की सुबह शहर के टीपी नगर चौक में नजर आई। कोरबा नगर की सड़कों ने जमीन पर उतर आए बादलों की सफेद चादर में खुद को ऐसे छुपा रखा था कि सामने चला आ रहा कोई जाना-पहचाना चेहरा भी अजनबी-सा लग रहा था।

 

 

सोमवार मौसम का मिजाज उस वक्त काफी रोमांचक हो गया, जब चहुंओर कोहरे की घनी चादर बिछ गई। उत्तर भारत में पड़ रही कड़ाके की ठंड का असर कोरबा में भी देखने को मिला। शीतलहर चलने के साथ ही यहां कोहरा भी बढ़ गया है। सुबह के समय शहर के कई स्थानों पर कोहरा छाया रहा और लोग ठंड से ठिठुरते हुए नजर आए। मौसम का मिजाज बदलने पर ठंड बढ़ती जा रही है। मौसम सुहाना हो गया। किसी पहाड़ी इलाके या हिल स्टेशन की तरह शहर की सड़कें भी धुंध की आगोश में नजर आए। इससे नजारा मनमोहक हो गया। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले कुछ दिन प्रदेश में मौसम का मिजाज ऐसा ही रहेगा। घना कोहरा के साथ शीतलहर चल सकती है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट आएगी इसे ठंड और बढ़ेगी। विभाग का कहना है कि कोहरे के दौरान लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। साथ ही वाहन भी धीमी गति से चलाना समझदारी होगी। विभाग के अनुसार न्यूनतम तापमान में गिरावट होने से ठिठुरन और बढ़ेगी। दूसरी ओर कोहरा होने से विजिबिलिटी कम हो गई है, जिससे वाहन लाइट जलाकर चल रहे थे। वाहन चालकों को विजिबिलिटी कम होने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

कोहरा क्या होता है, क्यों बनता है…

 

मौसम विज्ञानी संजय भेलावे बताते हैं कोहरा भी वायुमंडलीय जलवाष्प के संघनन का ही एक विशेष रूप है। कोहरा वास्तव में धरातल के नजदीक बना एक प्रकार का बादल है। सामान्यत: धरातल से प्राप्त विकिरण की ऊर्जा से गर्म वायु भूमि सतह से ऊपर उठ कर जब ठंडी हवा से मिलती है, तो जलवाष्प के छोटे-छोटे जल कणों के रूप में हवा में तैरने लगते हैं। धरातल के पास के हवा का तापक्रम जब ओसांक बिंदु तक पहुंच जाता है। उसी समय जब हवा और ठंडी हो जाती है तो जलवाष्प कण, उस समय हवा में विद्यमान धूल के कणों पर संघनित हो कर जल कण जिसे जलसीकर कहते हैं, के रूप में हल्का होने के कारण हवा में ही तैरने लगते हैं और बादल का अहसास कराते हैं। कोहरे की उपस्थिति से दृश्यता प्रभावित होती है। यह घना होने पर कई बार दृश्यता शून्य से 10 मीटर तक भी घट जाती है। जब कोहरे के कारण दृश्यता 2 किमी तक रहे तो उस कोहरा को ही कुहासा कहा जाता है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments