Korba : अपने ही वार्ड में विरोध झेल रहे भ्रष्ट्राचारों की कुर्सी पर खड़े अकुशल मेयर को हटाने प्रस्ताव.. मेयर खिलाफ 30 पार्षदों के हस्ताक्षर सहित अविश्वास प्रस्ताव कलेक्टर को पेश..

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कोरबा। नगर निगम के महापौर राजकिशोर प्रसाद के खिलाफ कलेक्टर के समक्ष गुरुवार को अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया गया। नगर निगम के 30 पार्षदों के हस्ताक्षरयुक्त पत्र भी संलग्न किया गया है। इसमें पार्षदों ने लिखा है कि शहर में विकास कार्य पूरी तरह ठप पड़े हैं। कोरबा के महापौर कुंभकरण की नींद में सोए हुए हैं। उनको जनता के सुख-दुख से कोई सरोकार नहीं है। निगम क्षेत्र की जनता को महापौर के पर अब विश्वास नही रहा। जिसके कारण यह अविश्वास प्रस्ताव लाया जाना जरुरी हो जाता है।

 

गुरुवार को 30 भाजपाई पार्षदों ने नगर निगम कोरबा के महापौर राजकिशोर प्रसाद के विरुद्ध छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 संशोधित 2019 की धारा 23 (क) के तहत अविश्वास प्रस्ताव कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया है। भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ राजीव सिंह व नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल की अगुआई में पेश किए गए प्रस्ताव को लाने के पीछे कुल 21 बिंदुओं की पाती भी कलेक्टर को सौंपी गई है। इसमें लिखा गया है कि कोरबा शहर में विकास कार्य पूरी तरह ठप पड़े हुए हैं। महापौर कभी भी निगम कार्यालय में उपलब्ध नहीं होते। सड़कों के निर्माण में भ्रष्टाचार का बोल बाला है। महापौर के विरुद्ध फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मामला लंबित है। नई स्ट्रीट लाइट नहीं आ रही है, जो पुरानी खराब लाइटें हैं वह भी खराब पड़ी , कई महीनों से एवं बनाई नहीं जा रही है। पार्षद निधि 10 लाख रुपये की घोषणा की गई थी किन्तु आज तक केवल 7 लाख तक के ही प्रस्ताव लिए जा रहे हैं। नल जल योजना के तहत 24 घंटे पानी सप्लाई करना था लेकिन लोगो को 30 मिनट पानी भी बड़ी मुश्किल से मिल पाता हैं, केंद्र सरकार के करोड़ों रुपये भ्रष्टाचार की बलि चढ़ चुके है। सड़कों पर आवारा पशु बैठे रहते हैं जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं आवारा पशुओं से संबंधित योजनाएँ सिर्फ और सिर्फ कागजों में ही हैं। बारिश के मौसम में मच्छर बहुत ज्यादा होते हैं। पिछले दो-तीन सालों से फॉगिंग मशीन खराब पड़ी हुई है किसी भी वार्ड में धुआं छिड़काव नहीं हो रहा है। सभी वार्डों में जितने सफाई कर्मचारी नियुक्त होने चाहिए उसके आधे ही कम कर रहे हैं। उनके पास समुचित संसाधन भी नहीं है जैसे पर्याप्त मात्रा में फावड़ा, जूते,रिक्शा सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। कलेक्टर से अधिनियम 2019 की धारा 23 (क) के अंतर्गत महापौर पर अविश्वास व्यक्त करते हुए महापौर के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव को पारित करने हेतु सम्मेलन तत्काल आहूत किए जाने और अग्रिम कार्यवाही किए जाने का निवेदन किया गया है। भाजपा के 30 पार्षदों के हस्ताक्षर युक्त पत्र भी प्रस्तुत किया गया है।

संपत्तिकर के साथ प्रदेश में और कहीं नहीं लिया जाता स्वच्छता शुल्क

 

निगम द्वारा नियमितीकरण को लेकर लगातार तानाशाही की जा रही है जो कि सरासर गलत है। नगर निगम द्वारा स्वच्छता शुल्क संपत्तिकर के साथ जोड़कर लिया जा रहा है, जो कि सरासर गलत है, प्रदेश के अन्य नगर निगम में स्वच्छता शुल्क संपत्तिकर के साथ जोड़कर नहीं लिया जाता। अवैध संपत्तिकर वसूलने के लिए गलत तरीके से सर्वे कराया जा रहा है।

सभी को स्थायी पट्टा देने की घोषण अधूरी

 

चुनाव के पूर्व कांग्रेस ने घोषणा की थी कि सभी को स्थायी पट्टा दिया जाएगा, जो कि महापौर का चुनावी जुमला ही साबित हुआ, जिसके कारण आम जनता को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। नगर निकाय अधिनियम अंतर्गत प्रत्येक 2 माह में निगम की सामान्य सभा बुलाई जाती है किंतु महापौर अब सदन में चर्चा करने से बचते आ रहें हैं। जिसके कारण शहर का विकास ठप पड़ा हुआ है द्य
कांग्रेस ने अपने जन घोषणा पत्र में शहरी क्षेत्र में संपति कर 50 प्रतिशत कम करने की घोषणा की थी जो कि आज तक पूरा नहीं हो पाया है।

 

विरोध इतना कि उन्हीं के वार्डवासियों ने कर लिया था कैद

 

विगत कुछ माह पूर्व महापौर को उनके स्वयं की वार्ड की जनता ने कचरा गोदाम में बंद कर दिया था। महापौर से लगातार अटल आवास की जर्जर व्यवस्था को दूर करने के लिए मरम्त करने की मांग की जा रही है, किंतु आज तक महापौर ने कभी इस ओर कोई सार्थक प्रयास नहीं किया है। जेसीबी, स्वीपिंग मशीन वार्डों में उपलब्ध नहीं हो पा रहे है। कोरबा नगर निगम में पैसों की बर्बादी- बड़े बड़े भवन बनवा दिए गये है, जो सफेद हाथी की तरह है किंतु आज भी वार्ड में मूलभूत सुविधाओं का आभाव है, महापौर भेदभाव कर रहे हैं।

वित्तीय प्रबंधन करने में असक्षम महापौर

 

महापौर वित्तीय व्यवस्था करने एवं वित्तीय प्रबंधन करने में असक्षम है। चुने हुए अपने लोगो के केवल 3-4 वार्डाे में ही कार्य करा रहे है। कही बाढ़ तो कही सूखा है। महापौर का उनके स्वयं के निर्वाचित वार्ड क्रमांक 14 में भारी विरोध है, उनके ही वार्ड के लोगो ने उनके निवास का घेराव किया था, जब महापौर के ही वार्ड की जनता का उन पर से विश्वास पूरी तरह उठ चुका है तो शहर की जनता उनका विश्वास कैसे करें ये बहुत बड़ा प्रश्न है।