0 ग्राम पंचायत गुरमा का मामला, आर्थिक अनियमितता का आरोप, जांच कर रिकवरी व दोषियों पर कार्रवाई की मांग
कोरबा। गांव में नाली निर्माण के लिए 4 लाख स्वीकृत हुए। ग्रामीण विकास योजना व 14वें वित्त की राशि से दो लाख का अग्रिम आहरण किया गया। पर छह साल गुजर जाने के बाद निर्माण पूर्ण करना तो दूर काम ही शुरू नहीं किया गया है। निकाली गई रकम भी वापस जमा नहीं कराई गई। इसे आर्थिक अनियमितता करार देते हुए कलेक्टर से शिकायत कर जांच व कार्रवाई की मांग की गई है।
जनता की जरूरतों के लिए संचालित सरकारी योजनाओं का किस कदर दुरुपयोग किया जा रहा, ग्राम पंचायत गुरमा के इस मामले से जाहिर होता है। कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व जनपद पंचायत कोरबा के सीईओ से यह शिकायत दर्री रोड निवासी सामाजिक कार्यकर्ता बिहारी लाल सोनी ने की है। उन्होंने अपने पत्र में ग्राम पंचायत गुरमा के आश्रित ग्राम ठेगनीमार में नाली निर्माण कार्य में की गई आर्थिक अनियमितता की जांच, राशि वसूली एवं दोषियों पर उचित कार्यवाही की मांग की है। इसमें बताया गया है कि जनपद पंचायत कोरबा के क्षेत्रांतर्गत ग्राम पंचायत गुरमा के आश्रित ग्राम टॅगनीमार में वर्ष 2016-17 में समग्र ग्रामीण विकास योजना एवं मनरेगा योजना से संयुक्त रूप लगभग 4 लाख रूपये की लागत से 200 मीटर लम्बी नाली का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया था। इस निर्माण कार्य के लिए ग्राम पंचायत गुरमा को निर्माण एजेंसी बनाया गया था। इस नाली निर्माण कार्य के लिए समग्र ग्रामीण विकास योजना से लगभग 1.26 लाख रूपये की अग्रिम राशि जारी की गई तथा 14वें वृत्त से स्वीकृत लगभग 78 हजार रूपये की राशि (कुल लगभग 2 लाख रूपये) का आहरण संबंधित निर्माण एजेंसी के द्वारा किये जाने के बावजूद भी ग्राम ठेगनीमार में नाली निर्माण का कार्य लगभग छः वर्ष बीत जाने के बावजूद भी प्रारंभ ही नहीं किया गया है और न ही इस निर्माण कार्य के लिए आहरण की गई लगभग 2 लाख रूपये की राशि पंचायत खाते में जमा करवाया गया है जो कि आर्थिक अनियमितता की श्रेणी में आता है। उपरोक्त नाली निर्माण कार्य से संबंधित निर्माण एजेंसी के द्वारा की गई आर्थिक अनियमितता की जांच, आहरण की गई राशि (लगभग 2 लाख रूपये) की वसूली एवं दोषियों पर उचित कार्यवाही के लिए आवश्यक आदेश एवं निर्देश देने का आग्रह किया गया है।