Korba : नहर में पानी की जगह भ्रष्टाचार की धारा, इसे नाबार्ड ने बनवाया, फिर बिना जरूरत मरम्मत के नाम पर वन विभाग ने निकाले पैसे, अब विधायक मद से खर्च किए जा रहे 10 लाख

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0 पहाड़ी कोरवाओं ने कलेक्टर से अनियमितता की शिकायत कर की जांच की मांग, कहा- हमें हमारी नहर पहले जैसी चाहिए 

कोरबा। वर्षों पहले काम के बदले चावल का मेहनताना लेकर ग्रामीणों ने पसीना बहाया और एक नहर का निर्माण किया गया। नाबार्ड द्वारा बनवाई गई यह नहर अच्छी खासी थी, पर वन विभाग ने इसकी मरम्मत के नाम पैसे वारे-न्यारे किए। अब उसी नहर के पुनर्निर्माण के लिए विधायक मद से 10 लाख खर्च किए जा रहे हैं। पहाड़ी कोरवाओं ने इसमें भ्रष्टाचार की आशंका जताई है। मामले में कलेक्टर से शिकायत कर जांच की मांग की गई है।

समाजसेवी बिहारी लाल सोनी की शिकायत के अनुसार जनपद पंचायत कोरबा के क्षेत्रांतर्गत ग्राम पंचायत सिमकेंदा के गरना झरिया में नहर निर्माण कार्य के लिये रामपुर विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान विधायक ननकीराम कंवर के द्वारा 10 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की गई थी। इस निर्माण कार्य के लिए ग्राम पंचायत सिमकेंदा को निर्माण एजेंसी बनाया गया था। इस नहर के निर्माण कार्य के लिये बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितता एवं हेरा फेरी करने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा गरना झरिया में वर्षों पूर्व (लगभग 15 वर्ष पूर्व) निर्मित नहर की मरम्मत करवाकर नई नहर का निर्माण किया जाना बताकर विधायक मद से स्वीकृत 10 लाख रूपये की राशि निर्माण एजेंसी के द्वारा निकाली गई। जनसंपर्क के दौरान पहाड़ी कोरवा जनजाति के स्थानीय निवासियों के द्वारा इस नहर निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर की गई आर्थिक हेराफेरी के संबंध में पंचनामा बनाकर शिकायत करते हुए इस पुरे प्रकरण की जांच एवं दोषियों पर कार्यवाही की मांग की गई है। कलेक्टर से जनहित में स्वीकृत की गई इस नहर निर्माण कार्य में की गई आर्थिक अनियमितता एवं आर्थिक हेराफेरी की जांच, राशि वसूली एवं दोषियों पर कार्यवाही के लिए आवश्यक आदेश एवं निर्देश देने की गुजारिश की गई है।

ग्रामीणों का पंचनामा- 3-4 लाख से ज्यादा खर्च नहीं पर 10 लाख बता रहे

 

ग्रामवासियों के द्वारा प्रस्तुत किये गये पंचनामा की छायाप्रति भी संलग्न की गई है। इसमें पंच अघन, सुक सिंह, बीर सिंह, शिव कुमार, जग्गूराम, मुकुतराम व भूषणराम ने कहा है कि हमारे ग्राम पंचायत सिमकेदा के अंतर्गत गरना हरिया में विधायक मद में पहले से नहर निर्माण कराया गया है। जिसमें की बहुत ज्यादा खर्च दिखाया गया है। हमारे अनुसार वही नहर पहले से खुदाई कराया गया था, उसमें पंचायत वाले नया नहर बनाये है। उस पर राशि खर्च 10 लाख रूपए दिखाया गया है। हमारे अनुसार केवल मरम्मत किया गया है। जिसमे 3-4 लाख से ज्यादा लागत नहीं आई होगी। ग्राम वासीयों का निवेदन है कि नहर का मूल्यांकन कर उस कार्य को पूर्ण कराने की कृपा करें।

तितरडांड़ के पहाड़ी कोरवा कह रहे- पहले वन विभाग अब पंचायत कर रही आर्थिक गड़बड़ी

 

जनपद पंचायत कोरबा अंतर्गत ग्राम पंचायत सिमकेदा के मोहल्ला तितरडांड़ में पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोग निवासरत हैं। यह गांव जिला मुख्यालय से लगभग 70 किलोमीटर दूर है। वन विभाग द्वारा बनवाई गई नहर पूर्व में चालू एवं उपयोगी हालत में थी। इस नहर से पानी खेतों तक पहुंचता था। इस नहर को सर्वप्रथम नाबार्ड के द्वारा काम के बदले चावल देकर चिर्रा निवासी स्वर्गीय कंचन सिंह राठिया की देखरेख में बनवाया गया था। इसके बाद वन विभाग के द्वारा भी इसी नहर के नाम पर आर्थिक लाभ उठाया गया। वर्तमान में पंचायत के द्वारा भी बड़ी आर्थिक हेराफेरी करते हुए उसी नहर के नाम पर विधायक मद से स्वीकृत 10 लाख रुपये निकाले गए।