कोरबा। रेत तस्कर खुद तो रायल्टी चोरी कर रहे है और पकड़े जाने पर हंगामा मचाकर सीनाजोरी भी कर रहे है। हालांकि चोरी पकड़े जाने पर हंगामा मचाना उनका पुरानी फिदरत है पहले भी वे थाना परिसर में मिट्टी तेल उड़ेलकर माहौल बना चुके है।
बात बरमपुर के रेत तस्कर की है। बीती रात खनिज विभाग की टीम ने धड़ल्ले से चल रहे टिपर को रोका तो बवाल काटने रेत तस्कर खुद पहुंच गया और अधिकारियो को अधिकारियो को धमकाते हुए पकड़ने का अधिकार और नियम की पाठ पढ़ाने लगे है। वैसे उनका हंगामा बरपाना जायज है क्योंकि वे जब हर महीने नजराना दे रहा हो तो हौसला बढ़ना स्वाभाविक है।
जनचर्चा की माने तो रेत के अवैध कारोबार को लेकर कोरबा का शांत माहौल अब अशांत होने लगा है। रेत तस्करों की सक्रियता से लगातार आपराधिक घटनाएं भी घट रही है। ऐसा ही कुछ बीती रात बुधवारी घंटाघर मार्ग पर हुआ, जहां खनिज विभाग ने रेत से भरे एक टीपर वाहन को रोक लिया। इसके बाद मौके पर जमकर हंगामा हुआ। रेत व्यवसायी रॉयल्टी पर्ची होने का हवाला देकर वाहन को छोड़ने का दबाव बनाने लगे, लेकिन सवाल ये उठता है, कि जब कोरबा शहर में रेत घाट का संचालन नहीं हो रहा है, तो रॉयल्टी कहां से आयी।
प्रशासनिक कार्रवाई की भनक जब ट्रैक्टर एसोसिएशन को हुई तो वे भी मौके पर पहुंच गए और अपनी मांगों को लेकर हंगामा करने लगे। उनका कहना है, कि जब टीपर चालकों को रेत का कारोबार करने की छूट दी गई है, तो हमें क्यों वंचित किया जा रहा है।