0 बेटी की तलाश में भटकते पिता को मिला सुकून, पुलिस ने एक मां को भी उसके बेटे से मिलाया
0 घर से लापता हुए थे, स्टेशन पर पुलिस और आरपीएफ की सजगता से परिवार से मिले बिछड़ गए दो सदस्य
कोरबा। जिला पुलिस और आरपीएफ की सजगता से दो ऐसे परिवारों की मुस्कान लौट आई, जिन्होंने अपने दिल के टुकड़े को खो दिया था। घर से निकलकर एक युवती रेलवे स्टेशन में खड़ी ट्रेन के आस पास न जाने किस उधेड़बुन में यहां वहां भटक रही थी। उधर उसके पिता खोजते फिर रहे थे। दोनों के बीच एक कड़ी बने पुलिस और आरपीएफ के जवानों ने लड़की की हरकतों से भांप लिया कि कुछ तो गड़बड़ है। करीब जाकर पूछताछ की और स्टेशन में ही रोक लिया। कुछ वक्त बाद उसके पिता तस्वीर लेकर ढूंढते हुए पहुंचे और मामला क्लियर हो गया। बेटी को सुरक्षित उसके पिता को सौंप दिया गया। इसी तरह एक लड़का भी अपने घर से भागकर स्टेशन पहुंच गया था, जिसकी चिंता में बेहाल परिवार को भी पुलिस और आरपीएफ की टीम राहत दिलाई। उसे भी स्टेशन से बरामद कर परिवार के हवाले किया गया।
दरअसल विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पुलिस कप्तान जितेंद्र शुक्ला के दिशा निर्देश पर कोरबा जिला पुलिस और आरपीएफ संयुक्त रूप से कार्य करते हुए सघन जांच अभियान में जुटी हुई है। खासकर रेलवे स्टेशन से आने जाने वाले यात्रियों पर चौकस नजर रखी जा रही है। इसी दौरान अफसरों की संवेदनशीलता उस समय सामने आई, जब जांच में जुटी संयुक्त टीम की नजर देर रात स्टेशन में भटक रही किशोरी पर पड़ी। अफसरों ने मानसिक रूप से कमजोर किशोरी और परिजनों को बिछडऩे से बचा लिया। यदि टीम सामान्य यात्री समझ अनदेखी करती तो वह ट्रेन में सवार होकर दूर जा सकती थी। बहरहाल अफसरों ने किशोरी को सुपुर्द कर परिवार के चेहरे की मुस्कान लौटा दी है। एसपी शुक्ला के निर्देश और एएसपी अभिषेक वर्मा के मार्गदर्शन में नगर पुलिस अधीक्षक भूषण एक्का व नगर कोतवाल रूपक शर्मा ने शहर में स्थित होटल, ढाबों के अलावा बस स्टैंड , रेलवे स्टेशन सहित सामूहिक स्थान पर जांच अभियान शुरू कर दी है। इस बीच शुक्रवार की रात करीब 10 बजे सीएसपी श्री एक्का व कोतवाली प्रभारी श्री शर्मा मातहत अधिकारी व जवानों के साथ रेलवे स्टेशन पहुंचे। वे आरपीएफ प्रभारी आरएस चंद्रा और उनकी टीम के साथ रेलवे स्टेशन का निरीक्षण कर रहे थे। तभी अफसरों की नजर प्लेटफार्म नंबर एक में खड़ी किशोरी पर पड़ी। पूछताछ करने पर वह अलग-अलग जवाब देने लगी, जिससे संयुक्त टीम को संदेह हुआ। संयुक्त टीम सुरक्षा के लिहाज से किशोरी को आरपीएफ पोस्ट ले आई। अफसर अभी किशोरी के संबंध में जानकारी जुटा ही रहे थे, इसी बीच एक व्यक्ति रेलवे स्टेशन पंहुचा।उसने स्टेशन के बाहर खड़े पुलिस और आरपीएफ के अफसरों को मोबाइल पर तस्वीर दिखाते हुए अपनी बेटी के कहीं चले जाने की जानकारी दी। इस तस्वीर पर नजर पढ़ते ही अफसरों की आंखों में चमक दिखाई दी। उन्होंने खरमोरा निवासी व्यक्ति को उसकी बेटी के आरपीएफ पोस्ट में सुरक्षित रखे जाने की जानकारी दी। पूछताछ करने पर पता चला कि किशोरी की मानसिक स्थिति थोड़ी कमजोर है, वह एक बार पहले भी घर में बिना बताए कहीं चली गई थी। मामले से वाकिफ होने के बाद किशोरी को पिता के सुपुर्द कर दिया। मामले में खास तो यह है कि संयुक्त टीम जांच कर रही थी। इस दौरान एक ट्रेन रवाना होने वाली थी। यदि टीम सामान्य यात्री समझ किशोरी की अनदेखी करती तो वह ट्रेन में सवार होकर कहीं दूर जा सकती थी। सीएसपी भूषण एक्का ने पिता से मिली जानकारी की सिविल लाइन थाना में फोन करके तस्दीक की। इस दौरान थाना प्रभारी मृत्युंजय पांडे ने 363 का प्रकरण कुछ ही घंटे पहले दर्ज होने की जानकारी दी। सीएसपी श्री एक्का ने थाना प्रभारी को तत्काल रेलवे स्टेशन बुलाया, जहां अग्रिम कार्रवाई के लिए पिता पुत्री को पुलिस के साथ रवाना किया गया। शुक्रवार के ही एक लड़का भी घर से भागकर रेलवे स्टेशन में खड़ा था। उसे भी उनके परिजनों को सौंपा गया। इस कार्रवाई के बाद कोरबा पुलिस और आरपीएफ अफसरों की संयुक्त टीम की खूब सराहना हो रही है।