Korba: पौंड में नहीं, ग्राम में बताएं वजन..नापतौल विभाग ने दिखाई सख्ती…

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कोरबा। पौंड नहीं, ग्राम में बताएं वजन। जिला विधिक माप विज्ञान विभाग ने यह आदेश देते हुए स्पष्ट किया है कि आगामी जांच में ऐसी व्यापारिक गतिविधियां जारी मिलीं, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 

प्रतिबंधित है व्यापारिक गतिविधियों में वजन माप के लिए पौंड का उपयोग किया जाना। इसके बावजूद यह जारी है। अपनी पिछली जांच के दौरान जिला विधिक माप विज्ञान विभाग ने सलाह दी थी कि पौंड में वजन का माप नियम के विरुद्ध है। फौरन बंद करें लेकिन जारी है ऐसा किया जाना। इसलिए विभाग ने अब सघन जांच और सख्ती की तैयारी चालू कर दी है।

यहां सबसे ज्यादा

 

बेकरी निर्माण इकाइयां और विक्रय केंद्र। यहां केक का निर्माण और विक्रय का आधार पौंड ही होता है। पैक में भी आती है यह सामग्री लेकिन वजन, पौंड में बताया जाता है। समझाइश के बावजूद नए नियम के परिपालन को लेकर जैसी लापरवाही यह क्षेत्र दिखा रहा है, उसे देखते हुए जिला विधिक माप विज्ञान विभाग ने सघन जांच और सख्त कार्रवाई की तैयारी चालू कर दी है।

ग्राम में बताना होगा वजन

जिला विधिक माप विज्ञान विभाग ने स्पष्ट किया है कि अरसे से पौंड में वजन की व्यवस्था समाप्त की जा चुकी है। इसके बावजूद इकाइयां और संस्थानें नियम का पालन नहीं कर रहीं हैं। विशेष जांच के दौरान संबंधित कारोबार को सलाह और समझाइश दी जा चुकी है लेकिन पालन को लेकर जैसी लापरवाही दिखाई जा रही है, इसे लेकर अब विधि सम्मत कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है।

उपभोक्ताओं को सलाह

विभाग ने उपभोक्ताओं को सलाह दी है कि ऑर्डर या खरीदी के समय संबंधित संस्थान को वजन में माप कर वस्तु देने को कहें ताकि वस्तु का सही माप ज्ञात हो सके। नहीं मिलने की स्थिति में इसकी जानकारी विभाग को अवश्य दें। इससे नियमों के परिपालन में की जा रही लापरवाही दूर की जा सकेगी।

यह भी अनिवार्य

उपभोक्ता हितों को ध्यान में रखते हुए ऐसे पैक्ड प्रोडक्ट जिसका विक्रय ग्राम, किलोग्राम, लीटर, मिलीलीटर, संख्या, लंबाई मीटर आदि में होता है। इनमें निर्माता कंपनियों द्वारा पैकेट में एमआरपी के साथ यूनिट प्राइस भी लिखना अनिवार्य होगा। पैकिंग में दो मूल्य अंकित करना होगा। पहला- पैकिंग की कुल मात्रा के अनुसार मूल्य और दूसरा- प्रति यूनिट, जैसे एक ग्राम, एक मिलीलीटर, एक पीस, 1 सेंटीमीटर की कीमत अंकित करनी होगी। यह इसलिए ताकि बाजार में उपलब्ध सामग्री से तुलना करने में उपभोक्ता को आसानी हो। नया नियम 1 जनवरी 2024 से प्रभावी हो चुका है।

होगी नियमानुसार कार्यवाही

इकाइयों और विक्रेताओं को नियमों का पालन करना अनिवार्य है। जांच के दौरान पैक्ड प्रोडक्ट में यूनिट सेलिंग प्राइस की जानकारी नहीं मिलने की स्थिति में मैन्युफैक्चरिंग कंपनी और रिटेलर पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।