लॉरेंस इंटरव्यू मामले में सरकार का एक्शन, पूर्व DSP गुरशेर सिंह संधू समेत 6 पुलिस अधिकारी निलंबित

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चंडीगढ़– पंजाब सरकार ने लॉरेंस बिश्नोई इंटरव्यू मामले में पूर्व डीएसपी गुरशेर सिंह संधू समेत छह अन्य पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इन सभी को 3 अप्रैल 2022 को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ इंटरव्यू की व्यवस्था करने के लिए दोषी पाया गया और तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया, जबकि वह सीआईए पुलिस स्टेशन खरड़ की हिरासत में था। बता दें कि, लगभग डेढ़ साल पहले हुए लॉरेंस का यह इंटरव्यू एक टीवी चैनल पर चला था जो खूब वायरल हुआ। इसके बाद पंजाब सरकार औऱ पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी।

ये अधिकारी हुए निलंबित

1.समर वनीत, पीपीएस, डीएसपी

2.सब इंस्पेक्टर रीना, सीआईए, खरड़

3.सब इंस्पेक्टर (एलआर) जगतपाल जांगू, एजीटीएफ

4.सब इंस्पेक्टर (एलआर) शगनजीत सिंह

5.एएसआई मुख्तियार सिंह

6 एचसी (एलआर) ओम प्रकाश।

पंजाब के गृह विभाग ने पंजाब मानवाधिकार आयोग के विशेष डीजीपी परबोध कुमार की अगुवाई में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट के आधार पर सात पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया है। इसके बाद पंजाब सरकार ने इन पुलिसकर्मियों के निलंबन का आदेश जारी किया है।

बिश्नोई के इंटरव्यू के लिए पंजाब पुलिस ने 5 जनवरी 2024 को मोहाली में स्टेट क्राइम पुलिस स्टेशन में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की। इनमें धारा 384 (जबरन वसूली), 201 (सबूत मिटाना), 202 (गिरफ्तारी से बचने के लिए सबूत छिपाना), 506 (धमकी देना), 116 (साजिश) और 120-बी (आपराधिक साजिश) शामिल हैं।

हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

गृह सचिव आईएएस गुरकीरतकिरपाल सिंह ने एक आदेश में उल्लेख किया कि निलंबित पुलिसकर्मी चंडीगढ़ में डीजीपी कार्यालय में तैनात रहेंगे और सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना स्टेशन नहीं छोड़ सकेंगे। उन्हें नियमों के अनुसार निर्वाह भत्ता लेने की अनुमति भी दी गई है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 21 दिसंबर 2023 को प्रबोध कुमार आईपीएस की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन किया था, जिसने हाईकोर्ट को सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सौंपी।

DSP पर जालसाजी और भ्रष्टाचार की कार्रवाई

हाल ही में डीएसपी गुरशेर सिंह संधू के खिलाफ जालसाजी, प्रतिरूपण, दस्तावेजों के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार विरोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। बलजिंदर सिंह टाहला की शिकायत पर सतर्कता ब्यूरो ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए) की जांच शुरू की है।