Mahadev Satta App: कोलकाता में रायपुर पुलिस की रेड, 5 सटोरिए गिरफ्तार, न्यू टाउन गोलाबारी के श्रृष्टि अपार्टमेन्ट में आपरेट हो रहा था क्रिकेट सट्टा

0
109

रायपुर। Mahadev Satta App: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित महादेव सट्टा ऐप मामले में रायपुर पुलिस ने रविवार को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में छापेमारी कर 5 सटोरिओं को गिरफ्तार किया है जो वहां बैठकर महादेव सट्टा ऐप का संचालन कर रहे ​​थे।

 

Mahadev Satta App: मामले की जानकारी देते हुए एसपी ने बताया कि एण्टी क्राईम एण्ड सायबर यूनिट तथा थाना गंज पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा कोलकाता के न्यू टाउन गोलाबारी 24 परगना स्थित एक फ्लैट में रेड कार्यवाही कर फ्लैट से 08 सटोरियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से सट्टा संचालन में प्रयुक्त 05 नग लैपटॉप, 36 नग मोबाईल फोन जुमला कीमती लगभग 12 लाख रुपए तथा 24 बैंक पास बुक एवं 24 नग एटीएम कार्ड जप्त किया है।

 

Mahadev Satta App: गिरफ्तार सटोरियों सेे पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि उनके अन्य साथी कोलकाता में बैठकर महादेव एप पैनल के माध्यम से सट्टा संचालित कर रहे हैं। जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में टीम का गठन कर कोलकाता रवाना किया गया। टीम के सदस्यों द्वारा कोलकाता पहुंच कर सटोरियों की पतासाजी करते हुए सटोरियों को लोकेट किया गया जो कि कोलकाता के श्रृष्टि अपार्टमेन्ट स्थित एक फ्लैट में रहकर सट्टा खिला रहे थे। जिस पर एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट टीम के सदस्यों द्वारा उसी अपार्टमेंट में फ्लैट किराये पर लेने की योजना बनाकर सभी फ्लैट की रेकी कर जानकारी जुटाई गई।

 

Mahadev Satta App: रेकी के दौरान फ्लैट में रहने प्रत्येक व्यक्ति के बारे में जानकारी लेने के बाद रेड कार्यवाही किया गया। रेड कार्यवाही के दौरान फ्लैट में कुल 05 व्यक्ति उपस्थित थे, जो लैपटॉप एवं मोबाईल फोन से सेटअप तैयार कर ऑनलाईन सट्टा संचालित कर रहे थे। सटोरियों से कड़ाई से पूछताछ करने पर उनके द्वारा आईपीएल क्रिकेट मैच के दौरान महादेव 364 आईडी पैनल के माध्यम से ऑन लाईन सट्टा का संचालन स्वीकार किया गया।

 

 

Mahadev Satta App: रायपुर पुलिस ने कोलकाता से गिरफ्तार सभी 05 सटोरियों के कब्जे से लैपटॉप 07 नग एवं मोबाईल फोन 19 नग जुमला कीमती लगभग 6 लाख 60 हजार रुपए जब्त कर लिया है। सटोरियों के विरूद्ध थाना गंज में अपराध क्रमांक 188/24 धारा 4(क) जुआ एक्ट एवं छ.ग. जुआ प्रतिषेध अधिनियम 2022 की धारा 7 का अपराध पंजीबद्ध किया गया था। प्रकरण में धारा 420, 120बी भादवि. एवं भारतीय तार अधिनियम की धारा 25सी एवं आईटी एक्ट की धारा 66सी जोड़ी जाकर विवेचना की जा रहीं है।