Saturday, July 27, 2024
Homeदेशअब बैंकों में हर साल 30 लाख रुपये तक कमा सकेंगे ये...

अब बैंकों में हर साल 30 लाख रुपये तक कमा सकेंगे ये लोग, आरबीआई ने बढ़ाई लिमिट

न्यूज डेस्क। विभिन्न बैंकों के बोर्ड में नॉन-एक्जीक्यूटिव डाइरेक्टर के रूप में शामिल होने वाले लोगों को अब ज्यादा भुगतान मिलने का रास्ता साफ हो गया है. आरबीआई ने बैंकों के नॉन-एक्जीक्यूटिव डाइरेक्टर्स के मेहनताने की लिमिट बढ़ा दी है.

पहले 20 लाख रुपये तक थी लिमिट

रिजर्व बैंक के ताजे अपडेट के अनुसार, बैंक अब अपने नॉन-एक्जीक्यूटिव डाइरेक्टर को सालाना 30 लाख रुपये तक दे सकते हैं. पहले इसके लिए 20 लाख रुपये की लिमिट थी. रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंकों के बोर्ड बैंक के आकार, नॉन-एक्जीक्यूटिव डाइरेक्टर के अनुभव व अन्य फैक्टर्स के हिसाब से 30 लाख रुपये तक के दायरे में रेमुनरेशन फिक्स कर सकते हैं.

बैंकों को करना होगा मेहनताने का खुलासा

बैंकों को अपने नॉन-एक्जीक्यूटिव डाइरेक्टर के मेहनताने के बारे में अपने एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट में खुलासा करना होगा. प्राइवेट सेक्टर के बैंकों को पार्ट-टाइम चेयरमैन के मेहनताने के लिए नियामकीय मंजूरी लेने की जरूरत होगी. सभी बैंक अपने बोर्ड में शामिल नॉन-एक्जीक्यूटिव डाइरेक्टर्स के मेहनताने को लेकर पैमाने तय करेंगे. अगर किसी मौजूदा नॉन-एक्जीक्यूटिव डाइरेक्टर के मेहनताने में कोई बदलाव किया जाता है, तो उसके लिए भी बोर्ड की मंजूरी जरूरी होगी.

ऐसे बैंकों पर लागू होंगे निर्देश

रिजर्व बैंक ने कहा कि ये निर्देश छोटे फाइनेंस बैंकों (एसएफबी) और पेमेंट्स बैंक समेत प्राइवेट सेक्टर के सभी बैंकों के ऊपर लागू होंगे. विदेशी बैंकों की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगियों को भी इन निर्देशों का पालन करना होगा. सेंट्रल बैंक ने कहा कि ये निर्देश तत्काल प्रभाव से अमल में आ गए हैं.

रिजर्व बैंक ने इस कारण बढ़ाई लिमिट

सभी बैंकों में नॉन-एक्जीक्यूटिव डाइरेक्टर्स की भूमिका काफी अहम होती है. वे बैंकों के बोर्ड समेत विभिन्न समितियों के सही से काम करने के लिए जरूरी होते हैं. नॉन-एक्जीक्यूटिव डाइरेक्टर्स का बैंकों के कॉरपोरेट गवर्नेंस पर भी असर होता है. रिजर्व बैंक ने कहा कि उनकी अहम भूमिका को देखते हुए यह जरूरी है कि प्रतिभावान लोग आगे आएं, इसी कारण मेहनताने की लिमिट को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments