मध्यप्रदेश। Ragging : मध्यप्रदेश कैडर के चर्चित IPS अफसर हरिनारायणचारी मिश्रा (2003 बैच) के बेटे के साथ रैगिंग की घटना सामने आई है। हरिनारायणचारी मिश्रा वर्तमान में इंदौर के पुलिस कमिश्नर हैं। उनका बेटा नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी भोपाल में प्रथम वर्ष का छात्र है। एंटी रैगिंग कमेटी में हुई शिकायत की जांच व सीसीटीवी फुटेज के अवलोकन के बाद सोमवार को तीन दोषी छात्रों को 2 साल के लिए हॉस्टल से निष्कासित करने का आदेश थमा दिया गया है।
19 फरवरी की घटना
इंदौर पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा के पुत्र ने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी भोपाल के प्रथम वर्ष में एडमिशन लिया है। घटना 19 फरवरी की है। मिश्रा के बेटे के साथ 3 छात्रों ने रैगिंग करते हुए टॉर्चर किया। तीनों सीनियर छात्रों ने जूनियरों के हॉस्टल में पहुंचकर पुलिस कमिश्नर के बेटे की रैगिंग करते हुए उसे शराब पीने और पिलाने के लिए कहा था। उसके द्वारा मना करने पर उसके साथ मारपीट की गई थी, जिसकी शिकायत आईपीएस मिश्रा ने यूजीसी की एंटी रैगिंग हेल्पलाइन में की थी।
इसके बाद प्राक्टोरियल बोर्ड ने 3 दिन में जांच की और 25 फरवरी को कुलपति डॉ. बी विजय कुमार को रिपोर्ट सौंप दी थी। एंटी रैगिंग कमेटी से जुड़े एक प्रोफेसर ने मीडिया को बताया कि जांच के क्रम में हमारे द्वारा फ्रेशर्स के हॉस्टल में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की जांच की गई जिसमें कुछ दिनों पहले हुई घटना के दिन झगड़े के दौरान छात्र के साथ दुर्व्यवहार किया गया था। प्रोफेसर के अनुसार सीनियर छात्रों को प्रथम वर्ष के छात्रों के छात्रावास में प्रवेश की अनुमति नहीं है, बावजूद उसके हॉस्टल में घुसकर रैगिंग की घटना को अंजाम दिया गया।
माता-पिता ने यूजीसी की एंटी रैगिंग कमेटी से की थी शिकायत
प्रोफ़ेसर ने बताया कि पीड़ित छात्र के माता-पिता ने यूजीसी की एंटी रैगिंग कमेटी से शिकायत की थी। उनके अनुसार इंदौर पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा इंदौर से भोपाल आए थे और उन्होंने अपने बेटे के साथ हुई घटना के दोषी छात्रों की शिकायत भी की थी। एंटी रैगिंग कमेंटी ने दोनों पक्षों के गवाहों के बयान दर्ज किए थे। एंटी रैगिंग कमेटी ने होली से पहले ही यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ विजय कुमार को रिपोर्ट सौंपी थी। होली के चलते विश्वविद्यालय में अवकाश के कारण आज सोमवार को तीनों छात्रों को हॉस्टल से निष्कासित करने का आदेश सौंपा गया है।
मामले में नेशनल यूनिवर्सिटी भोपाल के चीफ वार्डन प्रोफेसर उदय प्रताप सिंह ने कहा कि रैगिंग मामले में दोनों पक्षों के छात्रों से पूछताछ और सीसीटीवी कैमरा फुटेज के आधार पर दोषी 3 छात्रों पर कार्यवाही की गई है। उन्हें हॉस्टल से निष्कासित करते हुए किसी भी गतिविधि के लिए प्रतिबंधित किया गया है। तीनों छात्रों को 2 साल के लिए छात्रावास से निष्कासित करने (Ragging) के अलावा विश्वविद्यालय के अंदर-बाहर व संस्था की किसी भी गतिविधि में भाग लेने हाउस का प्रतिनिधित्व करने पर रोक लगा दी गई है।
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