किशनगढ़, 3 मई। Success Of Rural Youth : किशनगढ़ के एक गांव के युवक ने महज 7000 रुपए से अपना कारोबार शुरू किया। आज वह करोड़ों में पहुंच गया है। पीएम मोदी ने भी मन की बात कार्यक्रम में किशनगढ़ के सेठा सिंह रावत का जिक्र किया।

दाता गांव निवासी सेठा सिंह रावत कहानी कई लोगों को दे रही प्रेरणा…

जिंदगी में परिस्थिति कैसी भी हो, अगर कुछ करने का हौसला है, तो मंजिल पाने से कोई नहीं रोक सकता। ऐसा ही उदाहरण देखने को मिला है अजमेर के जिले किशनगढ़ के गांव दाता में।

जहां एक युवक ने मात्र 7000 की रकम से एक छोटा सा व्यवसाय शुरू किया। इस छोटे निवेश से अब यह बिजनेस करोड़ों का हो चुका है और इससे 100 से अधिक लोगों को रोजगार मिला (Success Of Rural Youth) है।

दाता गांव निवासी सेठा सिंह रावत की यह कहानी कई लोगों को प्रेरणा दे रही है। इस सक्सेज स्टोरी का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने मन की बात कार्यकम में किया।

उन्होंने डिजिटल क्रांति का महत्व बताते हुए कहा कि एक गांव का युवक जिसने कोरोना जैसे संकट काल में एक छोटे से व्यवसाय की शुरुआत की और आज करोड़ों का बिजनेस का संचालन कर कई लोगों को रोजगार भी दे रहा (Success Of Rural Youth) है।

सेठा सिंह रावत ने बताया कि वह एक मिडिल क्लास ग्रामीण परिवार से हैं। 2013 में 12वीं क्लास पास करने के बाद वह टेलर फैक्ट्री में सहायक के काम पर लग गया। इस दौरान फैक्ट्री में लगातार काम के दौरान उसे टेलर लाइन पूरी तरह समझ आने लगी। रावत ने बताया कि पार्ट टाइम के रूप में एक व्यवसाय शुरू किया।

इसकी शुरूआत 7 हजार रुपए से एक कमरे में अपने भाई के साथ की। इसके साथ ही क्षेत्र के लोगों से सिलाई का ऑर्डर लेते और कई जगह से माल तैयार करवाकर सप्लाई करने का काम शुरू कर दिया। हालांकि व्यापार के शुरुआती दौर में ही कोरोना संकट काल आ गया। कई लोगों के व्यापार चौपट हो गए।

रावत ने इस संकट काल में हिम्मत नहीं हारी और इस आपदा के समय को अवसर मानते हुए 2020 में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) ग्रामीण स्टोर से कांटेक्ट कर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाया।

उन्होंने अपना व्यापार ऑनलाइन करना शुरू किया। रावत मास्क का ऑर्डर ऑनलाइन लेने लगे। धीरे-धीरे मास्क के साथ-साथ ऑनलाइन कपड़े के भी ऑर्डर मिलने लगे और सेठा के सपने को उड़ान मिलने लगी।

रावत ने कहा कि एक जमाने में वह खुद काम की तलाश में थे। वर्तमान में 100 से ज्यादा लोगों को देशभर में रोजगार दे रहे हैं। इसमें 50 से ज्यादा महिलाएं शामिल हैं। उन्हें 8 हजार से लेकर 25 हजार तक की सैलरी दे रहे हैं।

रावत ने बताया कि वह अपने काम में महिलाओं को रोजगार देकर आगे बढ़ाना चाहते हैं। उनका लक्ष्य है कि आने वाले कुछ सालों में 500 के करीब महिलाओं को रोजगार देंगे। साथ ही जिन्हें टेलर का काम नहीं आता, उन्हें सिखाने का काम भी करेंगे।

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