⭕️ बड़े कांग्रेस नेताओं पर षड्यंत्र का लगाया आरोप
✍️ नरेन्द्र मेहता, कोरबा
कोरबा: The Duniyadari न्यूज ने पहले ही प्रश्न खड़ा कर दिया था कि पाली तानाख़ार के मौजूदा विधायक मोहित केरकेट्टा को कांग्रेस टिकट नहीं देती तो क्या वे कांग्रेस में रहेंगे? या फिर अन्य पार्टी से चुनाव लड़ेंगे ?
कांग्रेस ने मोहित केरकेट्टा की टिकट डेंजर जोन सीट का हवाला देते हुए काट कर जनपद पंचायत पाली की अध्यक्ष दिलेश्वरी सिदार को पार्टी प्रत्याशी धोषित कर दिया. मोहित केरकेट्टा ने टिकट कटने के बाद काफी आक्रोश में मीडिया से फोन पर चर्चा करते हुए कहा कि उनके साथ कतिपय स्थानीय और प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं ने मिलकर षड्यंत्र पूर्वक मेरी टिकट कटवाई हैं. उन्होंने कहा कि वे चुप नहीं बैठेंगे और चुनाव लड़ेंगे. केरकेट्टा जैसा बोल रहे हैं उससे ऐसा लगता हैं कि वे कांग्रेस से बगावत कर चुनावी रण में उतरने का मन बना चुके हैं।
बता दे कि जिले के लिये पाली तानाख़ार विधानसभा सीट काफी महत्वपूर्ण इसलिए मानी जाती हैं कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद प्रथम चुनाव से लेकर अब तक यहां कांग्रेस का कब्जा हैं.छत्तीसगढ़ गठन से पहले भी चार चुनाव में कांग्रेस ने यहां से अपना परचम लहराया।इस सीट की खासियत यह हैं कि जो यहां से विधायक बना उसने पार्टी बदल ली।इस आरक्षित सीट के मौजूदा कांग्रेस विधायक मोहित केरकेट्टा भी पार्टी बदलने का मूड बना चुके हैं.
यदि हम तानाखार की तासीर बात करे तो विधायक बनने के बाद कई विधायक ने पार्टी ही बदली हैं.
पहले भाजपा यहां से मजबूत थी लेकिन गिरावट ऐसे आई कि तीसरे नंबर पर खिसक गई। 1977 में भाजपा के स्व. विशाल सिंह विधायक बने थे। लेकिन ढाई साल बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए। 1980 में मनराखन सिंह को भाजपा ने मौका दिया। लेकिन चुनाव हारने के बाद वे भी कांग्रेस में चले गए। 1985 में भाजपा ने हीरासिंह मरकाम को मौका दिया। वे विधायक बनने के साढ़े चार साल बाद गोंडवाना गणतंत्र पार्टी बना ली। इसके बाद 1990 में स्व. अमोल सिंह सलाम भाजपा से विधायक बने। वे भी ढाई साल बाद कांग्रेस में चले गए थे। एक बार फिर 1993 में विशाल सिंह को भाजपा ने मौका दिया। इसके बाद भाजपा यहां संभल नहीं पाई। 41 साल बाद कांग्रेस विधायक रामदयाल उइके ने भाजपा में प्रवेश कर इतिहास को दोहराया है।और अब मौजूदा विधायक की टिकट 2023 के विधानसभा चुनाव में काट दी तो केरकेट्टा भी कांग्रेस को बॉय बॉय करने को उतावले हैं. जैसा वह कह रहे हैं उससे तो ऐसा लगता हैं कि कांग्रेस से बगावत कर चुनाव मैदान में उतरेंगे. केरकेट्टा अपनी बातों पर अटल रह कर यदि वे चुनाव लड़ते हैं तो तानाखार के उरांव मतदाताओं को काफी हद तक अपने पाले में खींचने का भरसक प्रयास करेंगे जो कांग्रेस के खाते का वोट हैं.
1957 से 2018 तक पाली ताना ख़ार सीट में अब तक कुल 14 विधानसभा चुनाव हुए हैं. इस सीट में सर्वाधिक 8 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की हैं. इसी तरह भारतीय जनता पार्टी ने यहां से 2 बार चुनाव जीता हैं. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, भारतीय जनसंघ, जनता पार्टी ने यहां से 1-1 चुनाव जीता हैं.
बता दे कि मध्यप्रदेश से अलग होकर जब छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ तो साल 2003 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए. तब से लेकर अब तक कुल चार विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिसमें लगातार कांग्रेस का कब्जा रहा हैं. साल 2003,2008 और2013 में इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रामदयाल उइके ने जीत दर्ज की.इसी तरह 2018 में कांग्रेस के मोहित केरकेट्टा ने चुनाव जीता.
पाली तानाख़ार सीट पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) के वर्चस्व को किसी भी कीमत पर नकारा नहीं जा सकता.गोंगपा यहां हर बार चुनाव में एक मजबूत टक्कर की पार्टी रही हैं. अब तक कुल हुए 14 विधानसभा चुनाव का रिकॉर्ड देखा जाए तो गोंगपा पिछले 6 चुनाव में न केवल मजबूती से चुनाव लड़ा बल्कि 1 बार विधानसभा चुनाव जीता और 5 बार दूसरी सबसे बडी पार्टी बनकर सामने आई.
2003,2013 और 2018 में हुए चुनाव में गोंगपा के हीरासिंह ने जमकर टक्कर दी लेकिन उन्हें दूसरे स्थान पर ही संतुष्ट करना पड़ा.2018 के चुनाव में उन्हें 33 प्रतिशत वोट मिले थे.
बता दे कि अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पाली तानाख़ार सीट काफी पुरानी हैं. यहां पहला चुनाव साल 1957 में हुआ, तब यह सीट तानाख़ार विधानसभा सीट के नाम से जानी जाती थी.इस चुनाव में कांग्रेस से यज्ञसेनी कुमारी और निर्दलीय प्रत्याशी आदित्य प्रताप सिंह मैदान में उतरे.पहले चुनाव में इस सीट में कुल 38,782 मतदाता थे जिसमें से कुल 9174 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.जब परिणाम सामने आया तो कांग्रेस की यज्ञसेनी कुमारी को 4006 वोट मिले,जबकि निर्दलीय प्रत्याशी आदित्य प्रताप सिंह को 2775 वोट मिले, इस प्रकार यह चुनाव कांग्रेस1231 वोट के अंतर से जीत गई.
2018 के चुनाव में पाली तानाख़ार सीट से 8 प्रत्याशी मैदान में थे.कांग्रेस के मोहित केरकेट्टा ने 9656 वोट से यह चुनाव जीता था। मोहित केरकेट्टा (कांग्रेस)-66971,हीरासिंह मरकाम(जीजीपी)-57315, रामदयाल उइके(भाजपा)-32155 वोट मिले थे।
पाली तानाख़ार विधानसभा के विधायको सूची..
1-1957 यज्ञसेनी कुमारी कांग्रेस
2-1962 यज्ञसेनी कुमारी कांग्रेस
3-1967 एम लाल बीजेएस
4-1972 लाल कीर्तिकुमार निर्दलीय
5-1977 विशाल सिंह जेएनपी
6-1980 लाल कीर्तिकुमार कांगेस
7-1985 हीरासिंह मरकाम भाजपा
8-1990 अमोल सिंग सलाम भाजपा
9-1993 बोधराम कंवर कांग्रेस
10-1998 हीरासिंह मरकाम जिजीपी
11-2003 रामदयाल उइके कांग्रेस
12-2008 रामदयाल उइके कांग्रेस
13-2013 रामदयाल उइके कांग्रेस
14-2018 मोहित केरकेट्टा कांग्रेस