Ujjain Rape Case : दुष्कर्म के आरोपी को सात दिन के ज्यूडिशियल रिमांड पर भेजा, जज ने पूछा-पैरों में चोट कैसे लगी

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उज्जैन। Ujjain Rape Case : उज्जैन पुलिस ने 72 घंटे में सतना की नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी भरत सोनी को गिरफ्तार कर लिया है। उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे सात दिन के ज्यूडिशियल रिमांड पर भेजने के आदेश दिए गए। इंदौर के अस्पताल में आरोपी का इलाज होगा, जांच के बाद उसकी पैरों की सर्जरी होगी।

सतना की नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले भरत को शुक्रवार की शाम उज्जैन पुलिस ने न्यायाधीश कीर्ति कश्यप की विशेष न्यायालय में पेश किया। जहां न्यायाधीश ने आरोपी से पूछा कि यह पैरों में चोट कैसे लगी। क्या तुम विधिक सहायता चाहते हो, जिस पर आरोपी ने विधिक सहायता के लिए हामी भरी है। इस पूरे मामले में जानकारी देते हुए महाकाल थाना प्रभारी अजय वर्मा ने बताया कि नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को पॉस्को एक्ट के विशेष मामले सुनने वाली न्यायाधीश कीर्ति कश्यप के न्यायालय में पेश किया गया था, जहां पर माननीय न्यायाधीश ने सभी बातों को सुनने के बाद भरत को 7 दिन के ज्यूडिशियल रिमांड पर भेज दिया। वहीं पुलिस को यह भी आदेशित किया कि उसका इलाज हो जाने दीजिए वह स्वस्थ हो जाएगा उसके बाद आप उसकी रिमांड लेकर बाकी की कार्रवाई कर दीजिएगा।

167 की हुई कार्रवाई

महाकाल थाना प्रभारी अजय वर्मा ने बताया कि इस मामले में धारा 167 की कार्रवाई की जाना थी जो कि पूरी हो गई है। अब इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी। अभी भरत की हालत ज्यादा गंभीर है उसे इंदौर के एमवाय अस्पताल में भर्ती करवाया जाएगा। जहां पहले उसकी सर्जरी होगी, इसके बाद प्लास्टर चढ़ाया जाएगा। इस मामले में अभी आरोपी के कपड़े जब्त करना और ऑटो जब्त करने की कार्रवाई बची हुई है जिसे भी जल्द पूरा किया जाएगा।

वकील नहीं करेंगे पैरवी

बता दें कि बार एसोसिएशन ने मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी की पैरवी करने से मना कर दिया है। बार एसोसिएशन के वकीलों ने निर्णय लिया है कि शहर का कोई भी वकील आरोपी की पैरवी नहीं करेगा। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक यादव ने बताया कि धार्मिक नगरी को शर्मसार करने वाले पर कार्रवाई हो। बार एसोसिएशन का कोई भी सदस्य आरोपी की पैरवी नहीं करेगा। उन्होंने घटना की निंदा करते हुए पुलिस से भी मांग की है कि आरोपी के खिलाफ मजबूत केस बनाकर कड़ी सजा दिलवाये। ऐसे लोगों को फांसी की सजा हो ताकि जिससे समाज में एक संदेश जाए और आने वाले समय में इस तरह की कोई भी घटना करने की हिम्मत नहीं करे।