कोरबा। नगर निगम के होनहार इंजीनियर के बदौलत शहर सड़क का बंटाधार तो पहले ही कर चुके है। अब पोखरी को सजाने संवारने के सब्जबाग दिखाकर फिर चमत्कार दिखाने चले हैं।
एक कहावत तो आपने सुनी ही होगी” जहां जहां पग धरे वहां वहां बंटाधार” ये कहावत नगर निगम के एक होनहार इंजीनियर पर फिट बैठ रहा हैं। नगर निगम के सड़को में पहले भ्रष्टाचार का लेप लगाकर बंटाधार कर दिए और अब पोखरी में चमत्कार दिखाने चले हैं। मतलब साफ है जलेबी फाफड़ा और लोचा लफड़ा छोड़ेंगे नहीं।
आपको बता दें कि कई वर्षों से शहर की महत्वाकांक्षी योजना मानिकपुर की बंद कोयला खदान में भरे पानी को शहर वासियों के लिए सजाने का काम जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। मानिकपुर पोखरी के सौंदर्यीकरण, पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की संभावनाओं तथा कार्ययोजना पर तेजी से काम चल रहा है।
इस कार्ययोजना में पोखरी की अपार जलराशि और उसके आसपास स्पोर्ट्स जोन, बोटिंग एक्टिविटी, पब्लिक जोन, फूड जोन, कैफेटेरिया, रेस्टोरंेट, व्यूईंग पॉइंट, सेल्फी पॉइंट, पार्किंग जोन हर्बल जोन, कैम्पिंग, साईकिल ट्रेक, आर्चरी, वाकिंग ट्रेक, नेचुरल ट्रेक, फाउण्टेन, गार्डन, गजेबो, ओपनजिम, ट्री हाउस, लाईटिंग आदि के साथ विभिन्न सौदंर्यीकरण संबंधी कार्य शामिल किए गए हैं। जिसके पूर्ण होने से शहरवासियों को मनोरंजन का एक केंद्र मिल जाएगा। अब सूत्रों की माने तो इसकी भी कमान माननीय इंजीनियर के हाथों में है। सड़क का ये हाल है तो आगे की कल्पना ही की जा सकती है।
अब यही इंजीनियर जो शहर की सड़क को ठीक से तो बना नही सके और ग्रामीण अंचल में पढ़ने वाले आदिवासी छात्रों के जीवन से खिलवाड़ कर छात्रावास भवन की मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं। सड़क तो फिर भी पैरों के नीचे होती है, जान जाएगी तो ज्यादा से ज्यादा गिट्टी में स्लिप होकर किसी वाहन की चपेट में आकर जाएगी लेकिन छात्रावास भवन की छत दरकेगी तो देश के भविष्य बच्चे का जीवन ही दांव पर लग जायेगा। सड़क की स्थिति ऐसी है तो इससे स्पष्ट है छात्रावास भवन निर्माण में भी जमकर भ्रष्टाचार की बयार चल रही होगी।