निगम की सड़क : देख रहा है विनोद बरसात में गिरे हुए मोतियों को निगम अमला समेट रहा है.. याचिका दायर करेंगे भाजपाई ??

440

कोरबा । सोशल मीडिया में नगर निगम के द्वारा मात्र 6-7 महीने पहले बने सड़क की दुर्दशा पहली बारिश में सामने आने पर जमकर कमेंट्स किया जा रहा हैं।  बारिश के बाद हुए सड़क पर उखड़ रहे गिट्टी उठा रहे निगम कर्मियों को लेकर एक यूजर ने लिखा है “देख रहा है विनोद, कोरबा की सड़को पर गिरे हुए मोतियों को निगम के होनहार अधिकारी समेट रहें हैं।”

 

बता दें कि शहर की सड़को को चकाचक करने डीएमएफ से  लगभग 10 करोड़ स्वीकृत हुआ था। सड़क बनाने के लिए बाकायदा सत्ता पक्ष के ठेकेदार को निर्माण का जिम्मा सौंपा या था। सड़क निर्माण के लिए पूर्व आयुक्त ने सड़क की गुणवत्ता को लेकर कई शर्ते निर्धारित की थी। इसके बाद भी इसके निगम के भ्रष्ट अधिकारियों ने ठेकेदार से साठगांठ कर सड़क की क्वालिटी पर ग्रहण लगा दिया। अब जब बारिश हुई और सड़क उखड़ना शुरू हुआ तो पब्लिक निगम के अधिकारियों पर तंज कस रहे है और सोशल मीडिया में कार्टून बनाकर निगम सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे है। एक यूजर ने तो बाकायदा सड़क का इमेज क्लब कर लिखा है “देख रहा है विनोद… निगम की सड़क में बारिश से गिरे मोतियों को कैसे समेटा जा रहा हैं।”  ठीक भी है, अब लोगो का पैसा इस अधिकारी बंदरबांट करेंगे तो आम आदमी कमेंट्स करेंगे ही।

 

महापौर ने दिए जांच के आदेश

शहर के घटिया सड़क निर्माण के संबंध में महापौर राज किशोर ने प्रसाद ने आयुक्त को जांच कराने को कहा है। काम हुआ है। महापौर ने कहा है कि शहर की सड़क बीच बीच का पेंच खराब हुआ है। डामर करते समय कई तरह सावधानियां बरतनी पड़ती है किस कारण से रोड उखड़ा है यह जांच का विषय है। सड़क बीच बीच से उखड़ने की खबर मिलते ही आयुक्त को जांच करने को कहा गया है और बारिश के बाद ठेकेदार को फिर से सड़क का मरम्मत करने का निर्देश दिया है।

 

विपक्ष की नौंटकी

 

नगर निगम के सड़क की हालत को लेकर प्रतिपक्ष के नेताओ की नौटंकी चल रही हैं। सड़क के लिए भीख मांगकर टीआरपी बढ़ाने का एक तरह ढोंग है क्योकि घटिया सड़क निर्माण करने वाले दोषी अधिकारियों पर अब तक न हल्ला बोला है और न ही कार्यवाही की मांग कर रहे है। अगर इन भाजपाइयों को वास्तविक चिंता होती तो सीधे सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर करते। मतलब साफ है सिर्फ टीआरपी की राजनीति करनी है जबकि सड़क के लिए संघर्ष करने वाले इन नेताओं की भी भ्रष्टाचार में हिस्सेदारी हैं।