0 एफएसएसएआई व एफडीए से निर्देश, अब प्रतिमाह होगी दवा दुकानों में जांच और सैंपलिंग की कार्यवाही
कोरबा। इसमें कोई दोमत नहीं कि कोविड की मुश्किलों से सबक लेते हुए लोगों की अपनी सेहत को लेकर फिक्र कई गुना बढ़ी है। नतीजा यह कि उनमें स्वास्थ्य बेहतर करने की जागरुकता के तहत वर्जिश-योगा व सुबह-शाम की सैर के साथ इम्युनिटी बढ़ाने वाले हेल्थ सप्लिमेंट का भी चलन तेजी से घर कर रहा है। ऐेसे में केमिस्ट के माध्यम से उन्हें अच्छी सेहत का वादा कर उपलब्ध कराए जा रहे उत्पाद की गुणवत्ता पर निगरानी लाजमी हो जाता है। यही फिक्र करते हुए केंद्र से लेकर राज्य शासन ने दवा दुकानों की नियमित निगरानी के निर्देश जारी किए हैं। गाइडलाइन के तहत खाद्य व औषधि प्रशासन विभाग की ओर से प्रतिमाह मेडिकल शॉप में जांच और सैंपलिंग शुरू कर दी गई है।

सेहत निखारने का वादा करने वाले हेल्थ सप्लीमेंट और न्यूट्रास्यूटिकल प्रोडक्ट्स पर विशेष नजर रखते हुए विभाग की टीम आपकी सेहत की खबर रखने मुस्तैद कर दी गई है। लोगों में हेल्थ सप्लीमेंट और न्यूट्रास्यूटिकल प्रोडक्ट्स के बढ़ते हुए उपयोग को देखते हुए भारतीय खाद्य संरक्षा व मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) दिल्ली तथा नियंत्रक खाद्य व औषधि प्रशासन (एफडीए रायपुर) छत्तीसगढ़ ने यह निर्देश जारी किए हैं। निर्देश में कहा गया है कि स्थानीय विभाग प्रत्येक माह मेडिकल शॉप से भी नमूना संग्रहित कर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाना सुनिश्चित करे। इनमें जिंकोविट सिरप व एंडोरा मास जैसे प्रोडक्ट समेत अन्य पर फोकस किया जा रहा है और उनकी सैंपलिंग कर सप्लिमेंट्स की गुणवत्ता का आंकलन कर उनका उपयोग कर रहे लोगों की सेहत की खबर रखी जा रही है।
नमूना संग्रहित करने के साथ टीम के अधिकारी मौके पर लाइसेंस की भी जांच कर रहे हैं।
दवा दुकानों से जिंकोविट सिरप व एंडोरा मास के सैंपल
खासकर जिम में वर्कआउट करने व दुबलापन दूर करने वाले युवाओं में इस तरह के हेल्थ प्रोडक्ट का उपयोग करने का चलन ज्यादा देखने को मिलता है। खाद्य व औषधि प्रशासन विभाग की गाइडलाइन का पालन करते हुए जिले की टीम ने जांच व सैंपलिंग की प्रक्रिया लगातार जारी रख रही है। इसी प्रक्रिया के तहत बीते माह टीपीनगर स्थित एक दवा एजेंसी से जिंकोविट सिरप व निहारिका स्थित मेडिकल दुकान से एंडोरा मास का नमूना लिया गया। प्रत्येक माह मेडिकल शॉप से भी नमूना लेने को शासन से दिशा निर्देश प्राप्त हुए हैं।