होमगार्ड को यह कैसा रोजगार, 60% रोजी रोटी के लिए तरस रहे, फिर भी 2500 की नई भर्ती

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न्यूज डेस्क। सरकार चाहे कोई भी हो, सत्ता से पहले नेता बेरोजगारी खत्म करने तथा लोगों को रोजगार देने का दावा करते हैं. मौजूदा सरकार भी तमाम दावे कर रही है नौकरियां देने का, लेकिन होमगार्ड की कहानी सुनोगे तो आप भी सोचोगे कि यह कैसा रोजगार है. सरकार ने आदेश जारी किए कि 70 फीसदी होमगार्ड को रोजगार मिलने तक नई भर्तियां नहीं होगी. हालात यह है कि मौजूदा 60 फीसदी होमगार्ड रोजी रोटी के लिए तरस रहे हैं. वहीं, विभाग ढाई हजार होमगार्ड की भर्ती कर रहा है. इसके उलट सवाल यह है कि नई भर्तियां हुई तो उन्हें रोजगार आखिर कैसे मिलेगा ?

प्रदेश में आपदा की स्थितियों के लिए होमगार्ड का नामांकन किया गया था ताकि जरूरत पडने पर उन्हें मदद के लिए तैनात किया जा सके. इधर नेता भी वक्त वक्त पर होमगार्ड को नियमित करने की घोषणा करते रहे हैं, जिससे बेरोजगार होमगार्ड में नौकरी तलाश रहे हैं. हालात यह है कि वर्तमान में करीब 26 हजार होमगार्ड तथा 2664 बॉर्ड होमगार्ड तैनात हैं. इनमें 26 हजार होमगार्ड में करीब 15 हजार होमगार्ड को ही रोजगार मिला हुआ है. वर्तमान कोरोना हालात को छोड़ दें तो करीब 40 प्रतिशत होमगार्ड को नियमित रोजगार नहीं मिल पा रहा है. ऐसी परिस्थितियों में होमगार्ड स्वयंसेवकों के लिए महंगाई के इस जमाने में घर चलाना मुश्किल हो रहा है.

दूसरी ओर होमगार्ड महकमा 2500 हजार होमगार्ड स्वयंसेवकों के नामांकन कर रहा है, जो कोढ़ में खाज का काम करेगी. इधर राजस्थान होमगार्ड संगठन नई भर्ती करने का विरोध कर रहा है. संगठन के प्रदेशाध्यक्ष झलकन सिंह राठौड़ का कहना है कि एक तरफ तो 70 प्रतिशत को रोजगार नहीं मिलने तक नई भर्ती के आदेश निकाले जा रहे हैं. वहीं, विभाग भर्तियों भी कर रहा है. केवल नफरी बढ़ाने के लिए भर्ती की जा रही है. रोजगार नहीं मिलने से होमगार्ड स्वयंसेवक परेशानियों से घिरे हुए हैं. राठौड़ ने मांग की कि सरकार इस भर्ती को तुरंत रोकें, यह बेरोजगारों से महज छलावा है.दो सरकारों में खींचतान के बाद नई भर्ती
दरअसल पिछली भाजपा सरकार में तत्कालीन गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने 2500 होमगार्ड स्वयंसेवकों की भर्ती की घोषणा की थी. बाद में आदेश के लिए फाइल विभाग पहुंची तो पता चला कि पहले पंजीकृत को ही रोजगार नहीं मिला, ऐसे में नए होमगार्ड भर्ती करने का फायदा नहीं है. इस बीच सरकार बदल गई और मामला ठंडे बस्ते में चला गया. वहीं, कांग्रेस सरकार आई तो पिछले बजट में होमगार्ड मंत्री भजनलाल जाटव ने वर्ष 2019 में फिर 2500 होमगार्ड स्वयंसेवकों की भर्ती की घोषणा कर दी. भर्ती के लिए इसके लिए 16 जनवरी 2020 को चयन बोर्ड का गठन किया. विभाग नामांकन प्रक्रिया शुरू कर पाता इससे पहले ही नए चयन बोर्ड गठन का प्रस्ताव आ गया. इस पर सितंबर 2021 में संशोधित चयन कमेटी बोर्ड का गठन किया गया। फिर कोरोना का कहर आ गया, जिससे नामांकन अटक गया था और फिर से चयन प्रक्रिया जारी है.

सरकार ही नहीं चाहती या आदेश ठंडे बस्ते में
मौजूदा होमगार्ड को नियमित रोजगार के लिए पिछली भाजपा सरकार में भी आदेश निकले, वहीं वर्तमान कांग्रेस सरकार में भी आदेश निकले. इतना ही नहीं 70 फीसदी होमगार्ड को रोजगार मिलने तक नई भर्ती नहीं करने के आदेश जारी किए गए. तत्कालीन संयुक्त सचिव गृह विभाग चेतन देवड़ा ने 5 फरवरी 2017 को डीजी होमगार्ड को आदेश जारी किए थे. इसमें पंजीकृत में 70 प्रतिशत स्वयंसेवकों को नियमित रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था नहीं की जाए तब तक नई भर्ती प्रक्रिया नहीं की जाए.