ड्रीम -11 से सट्टेबाजी की लत का शिकार हुआ पुलिस का जवान…, नौकरी गई तो लोगों को लगा ठगने, हुआ गिरफ्तार…

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दिल्ली पुलिस के एक सिपाही को ड्रीम-11 के जरिए ऑनलाइन क्रिकेट सट्टेबाजी की लत लग गई. इस लत ने न सिर्फ उसकी नौकरी छुड़वाई बल्कि रिश्तेदारों तक से कर्ज लेने को मजबूर कर दिया. इतना नहीं बाद में अब वह नकली सिपाही बनकर लोगों से ठगी करने लगा और पकड़ा गया. सिपाही रोहित दलाल ने पुलिस के सामने अपनी बर्बादी की पूरी कहानी बताई और ये भी खुलासा किया कि कैसे ड्रीम-11 ने उसके सारे सपनों को मिट्टी में मिला दिया.
दरअसल, पिछले साल पुलिस सेवा से बर्खास्त किए गए रोहित दलाल को कथित तौर पर मनी ट्रांसफर के बहाने साइबर धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. रोहित दलाल के रूप में पहचाने जाने वाला आरोपी पीड़ितों का विश्वास हासिल करने और उन्हें ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस की वर्दी पहनता था. पुलिस उपायुक्त (उत्तर जिला), सागर सिंह कलसी ने कहा कि साइबर पुलिस स्टेशन उत्तर में एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि दिल्ली यातायात पुलिस की वर्दी पहने एक व्यक्ति दिल्ली के मजनू का टीला में शिकायतकर्ता के साइबर कैफे में आया और उससे अनुरोध किया कि नकद भुगतान के बदले में उसके फोन-पे यूपीआई खाते में 16,000 रुपये ट्रांसफर करें. शिकायतकर्ता ने 16,000 रुपये ट्रांसफर किए, जिसके बाद रोहित दलाल बिना नकद भुगतान किए उसकी दुकान से निकल गया. इसके बाद, पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया और मामले की जांच शुरू कर दी.

घर से किया गिरफ्तार
जांच के दौरान, दुकान के सीसीटीवी फुटेज और यूपीआई खाते के विवरण का विश्लेषण किया गया और तकनीकी विश्लेषण और मैनुअल जानकारी के आधार पर आरोपी की पहचान रोहित दलाल के रूप में की गई, जिसे 2021 में इसी तरह के धोखाधड़ी के मामलों में लिप्त होने के कारण दिल्ली पुलिस से बर्खास्त कर दिया गया था. डीसीपी ने कहा, “पुलिस की एक टीम ने आरोपी को 29 जुलाई को हरियाणा के बहादुरगढ़ स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया।”
क्रिकेट सट्टेबाजी ने बर्बाद की जिंदगी
पूछताछ के दौरान रोहित ने खुलासा किया कि वह ऑनलाइन क्रिकेट सट्टेबाजी का आदी हो गया और उसकी जिंदगी खराब कर हो गई. डीसीपी कलसी ने कहा कि आरोपी ने कहा कि वह 2016 में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के रूप में शामिल हुआ था और जब वह बटालियन में तैनात था, तब उसे एक ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप ड्रीम 11 से परिचित कराया गया था. कलसी ने कहा, “शुरूआत में उसने एक छोटी राशि का दांव लगाना शुरू किया, लेकिन धीरे-धीरे उसे ऑनलाइन सट्टेबाजी की लत लग गई. वह अपना सारा वेतन सट्टेबाजी पर खर्च कर देता और जल्द ही उसकी बचत भी गायब हो जाती. फिर उसने आर्थिक तंगी दिखाकर अपने सहयोगियों और रिश्तेदारों से कर्ज लिया.” अधिकारी ने कहा, “कर्ज चुकाने में असमर्थ, आरोपी साइबर धोखाधड़ी में शामिल था. बर्खास्तगी के बाद भी, वह पुलिस की वर्दी पहनता था और लोगों को ठगता था.”