शिंदे से कहा गया- अजित पवार को वित्त मंत्रालय दो नहीं तो CM पद देना होगा’; डिप्टी सीएम बोले- सबको साथ लेकर चलेंगे

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NCP ने हाल ही में दावा किया था कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना खेमे ने अजित पवार को वित्त मंत्रालय पाने से रोकने के लिए सभी प्रयास किए थे। जिसके बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट ने भी दावा किया कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने शिंदे से साफ कहा कि या तो वित्त मंत्रालय या फिर मुख्यमंत्री पद पवार को दिया जाना चाहिए। हालांकि, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि सरकार के भीतर सब कुछ ठीक है और लोगों को ऐसी अफवाहों पर विश्वास नहीं करना चाहिए।

शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत और मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा नेतृत्व द्वारा एकनाथ शिंदे को एक प्रस्ताव दिया गया था कि आप अजित पवार को वित्त मंत्रालय नहीं देना चाहते हैं, तो उन्हें मुख्यमंत्री पद सौंप दें।

शिंदे सेना नहीं चाहती थी अजित पवार को मिले वित्त मंत्रालय
संजय राउत ने कहा कि इस प्रस्ताव ने शिंदे को परेशान कर दिया, जो खाली हाथ महाराष्ट्र लौट आए। उन्होंने कहा, “शिंदे सेना ने अजित पवार को वित्त मंत्रालय मिलने से रोकने की सभी कोशिश की। शिंदे सेना के विधायकों ने मुख्यमंत्री पर दबाव डाला और कहा कि वह उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को समझाएं कि वित्त मंत्रालय अजित पवार को न दिया जाए।”

शिवसेना सांसद ने कहा कि यह सच है कि अजित पवार को उनका मनचाहा पोर्टफोलियो मिलने से रोकने की आखिरी मिनट तक कोशिशें की गईं। मुख्यमंत्री को असफल मिशन से लौटना पड़ा। मुझे लगता है कि बीजेपी और शिंदे सेना से हाथ मिलाने से पहले अजित पवार ने ये शर्त रखी होगी और इसीलिए वो आसानी से मिल गए।

सरकार में सब ठीक है- अजित पवार
राउत ने कहा कि उनके पास पुख्ता जानकारी है कि शिंदे को या तो प्रस्ताव स्वीकार करने या सरकार से बाहर जाने के लिए कहा गया था। उन्होंने कहा कि मेरे सूत्र मजबूत हैं, भाजपा शीर्ष नेतृत्व उनकी बात सुनने के मूड में नहीं था। मुख्यमंत्री को साफ़ कह दिया गया कि या तो सरकार से बाहर हो जायें या चुपचाप प्रस्ताव स्वीकार कर लें। उनके पास अजित पवार को वित्त मंत्रालय देने के प्रस्ताव को स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।