Police को बड़ी मिली सफलता, सट्टा खाईवाल नितिश कुमार समेत 8 म्युल एकाउंट धारक गिरफ्तार

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The Duniyadari: दुर्ग- सट्टा कारोबार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत दुर्ग पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। मुख्य सट्टा खाईवाल नितिश कुमार सहित 08 म्युल एकाउंट धारकों और खातों की खरीद-फरोख्त में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले एक महिला को भी इस गिरोह से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है।

पुलिस के अनुसार बिहार निवासी नितिश कुमार दुर्ग-भिलाई क्षेत्र के लोगों के बैंक खातों को 20,000 रुपए में खरीदकर उनका इस्तेमाल सट्टा कारोबार में कर रहा था। इन खातों के जरिए वह बड़े पैमाने पर अवैध पैसों का लेन-देन कर रहा था। खातों को डीटीडीसी कूरियर के माध्यम से मंगाया जाता था और इनका उपयोग म्युल एकाउंट के तौर पर होता था।

पुलिस ने आरोपी नितिश कुमार से छत्तीसगढ़ और बिहार के कई बैंक खाता पासबुक,

एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन और लैपटॉप जब्त किए हैं। पूछताछ में नितिश ने बताया कि वह लोटस, बप्पा, रामजानो और गोविंदा नामक पैनल्स का उपयोग कर सट्टा संचालन करता था। साथ ही, वह दीपक नामक व्यक्ति के साथ मिलकर 22 प्रतिशत लाभ के आधार पर खाईवाली करता था।

आश्चर्यजनक रूप से नितिश ने सट्टा में अर्जित रकम से एक महंगी थार गाड़ी भी खरीदी थी, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है। फिलहाल पुलिस अन्य खाताधारकों और इस गिरोह के सदस्यों की तलाश में जुटी है। दुर्ग पुलिस का कहना है कि यह सट्टा रैकेट राज्य के बाहर से संचालित हो रहा था, जो तकनीक और फर्जी खातों के सहारे पूरे छत्तीसगढ़ में अपनी पकड़ बना रहा था।

म्युल एकाउंट्स के जरिए इन लोगों ने कई भोले-भाले लोगों के बैंक खातों का इस्तेमाल कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी की है। पुलिस की इस कार्यवाही को साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। दुर्ग पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जल्द ही इस नेटवर्क में जुड़े अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी की जाएगी और इस अवैध धंधे की पूरी जड़ तक पहुंचा जाएगा। जांच जारी है और पुलिस इस गिरोह की संपूर्ण नेटवर्किंग और बैंकिंग चैनल्स की निगरानी कर रही है।

नागरिकों से अपील की गई है कि वे अपने बैंक खातों और दस्तावेजों को किसी के साथ साझा न करें और किसी भी अनजान व्यक्ति को खाता खोलने या चलाने की अनुमति न दें। यह कार्रवाई ना सिर्फ दुर्ग बल्कि पूरे राज्य में सट्टेबाजों और फर्जी खातों के माध्यम से संचालित हो रहे अवैध धंधों पर नकेल कसने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।