नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार 31 जनवरी को इकोनॉमिक सर्वे 2022 पेश किया। इसके साथ ही लोकसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है। इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार 2022-23 में 8-8.5% की GDP ग्रोथ (आर्थिक वृद्धि दर) का अनुमान लगाया गया है। ये 2021-22 के 9.2% के ग्रोथ अनुमान से कम है।
इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि वैक्सीन कवरेज और सप्लाई साइड रिफॉर्म से ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा। सरकार का GDP अनुमान इस बात पर आधारित है कि आगे महामारी से कोई आर्थिक गतिविधि प्रभावित नहीं होगी और मानसून भी सामान्य रहेगा। इसका मतलब है कि अगर मानसून या महामारी का कोई प्रभाव आता है तो जीडीपी घट सकती है।
2030 तक 130-150 करोड़ टन कोयले की जरूरत
आर्थिक सर्वे के मुताबिक रिन्यूएबल्स को प्रोत्साहन दिए जाने के बावजूद नीति आयोग के ड्राफ्ट नेशनल एनर्जी पॉलिसी के आधार पर कोयले की मांग बनी रहेगी और वर्ष 2030 तक 130-150 करोड कोयले की मांग रहेगी।
आईटी-बीपीओ सेक्टर 2.26% की दर से बढ़ा
सर्वे के मुताबिक ई-कॉमर्स को छोड़ आईटी-बीपीओ सेक्टर वित्त वर्ष 2020-21 में सालाना आधार पर 2.26% की दर से बढ़कर 19.4 हजार करोड़ डॉलर का हो गया। चालू वित्त वर्ष में कृषि सेक्टर 3.9% की दर से बढ़ सकता है। पिछले वित्त वर्ष में यह 3.6% की दर से बढ़ा था।
GDP से पता चलती है इकोनॉमी की हेल्थ
GDP इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे कॉमन इंडिकेटर्स में से एक है। GDP देश के भीतर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में प्रोड्यूस सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को रिप्रजेंट करती है।
इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं, उन्हें भी शामिल किया जाता है। जब इकोनॉमी हेल्दी होती है, तो आमतौर पर बेरोजगारी का लेवल कम होता है।