डॉन की बीवी से हो गया प्यार…गंवानी पड़ी जान, जानिए कारोबारी नितेश नैन की हत्या की इन साइड स्टोरी

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अजमेर। राजस्थान में बीते दिनों नितेश नैन नाम के प्रॉपर्टी कारोबारी की हत्या के मामले में बड़ी खुलासा हुआ है। दरअसल अजमेर के एक डॉन ने 20 लाख की सुपारी देकर नितेश की हत्या करवा दी। नितेश, डॉन का करीबी दोस्त तो था लेकिन, उसने जो किया था वह गुस्सा को भड़काने के लिए काफी था।

बता दें कि, नितेश प्रॉपर्टी के साथ-साथ सट्टे के कारोबार से भी जुड़ा था। इसके अलावा उसके ऊपर हत्या का भी आरोप था। हालांकि, अजमेर से जुड़े इस हत्याकांड में अब तक पुलिस पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।

दरअसल, नितेश नैन जमीन खरीद-फरोख्त के अलावा सट्टे के कारोबार से भी जुड़ा था। सट्टे की दुनिया में ही उसकी मुलाकात हरी लंगड़ा नाम के अपराधी से हुई थी, जिस पर कई आपराधिक मामले पहले से ही दर्ज थे। इसके बाद दोनों में दोस्ती इतनी बढ़ी कि वह एक दूसरे के घर आने-जाने लगे।

जब डान गया जेल तो बीवी पर डोल गई नीयत

इसी दौरान नितेश की डॉन हरी लंगड़ा की बीवी से भी करीबियां बढ़ी। कुछ दिनों बाद जब एक मामले में हरी लंगड़ा जेल चला गया तो नितेश व हरी की बीवी की मुलाकातें बढ़ गई। इसकी भनक किसी तरह जेल में बंद हरी लंगड़ा तक पहुंच गई। कुछ दिन बाद हरी को खबर मिली कि नितेश उसकी बीवी को बहला-फुसलाकर भगा ले गया व उसके साथ हरी का ढाई साल के बेटा भी था।

बदला लेने 20 लाख की सुपारी में तय हुआ सौदा

ऐसे में हरी ने अपने अपराधी साथियों में सुपारी की बात फैलाई, जिसके बाद हरी के नजदीकी आदित्य शर्मा बिट्टू के माध्यम से 20 लाख की सुपारी मनोज यादव को दी गई। क्योंकि बिट्टू को पता था कि मनोज और नितेश एक दूसरे के साथी हैं। इधर मनोज यादव ने 20 लाख की सुपारी में 3 लोगों को साथ लिया। इसके बाद मनोज यादव एक अन्य सुपारी किलर के साथ नितेश के पास जयपुर पहुंचे। यहां नितेश नैन, जयपुर में हरी की बीवी व बच्चों के साथ रुका हुआ था।

पुलिस ने बताया कि मनोज सुपारी लेने के बाद भी नितेश के संपर्क में था और हत्या की योजना बना रहा था। इसके बाद वह नितेश को हथियार दिलाने 1 फरवरी को यूपी के फिरोजाबाद के लिए निकले। वहां पहुंचने के बाद तीनों सुपारी किलर ने मिलकर नितेश को मौत के घाट उतार दिया और एक मकान के तहखाने में दबा दिया।

जब नितेश वापस नहीं आया तो उसके पिता ने हफ्ते भर बाद अलवर में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने हत्या की आशंका की बात कही थी। जब पुलिस ने शिकायत पर जांच शुरू की तो हरी लंगड़ा और मनोज यादव का नाम सामने आया। ऐसे में पुलिस ने दोनों को एक साथ बैठाया और पूछताछ की तो सारा मामला खुल गया।