ब्रेकिंग: सीएम ने की डीजीपी की छुट्टी, जानें क्यों लेना पड़ा एक्शन

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मुकुल गोयल को हटाकर डीजी नागिरक सुरक्षा के पद पर भेज दिया। डीजीपी का कार्यभार नए डीजीपी की तैनाती होने तक फिलहाल एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार को सौंप दिया गया है।

यह पहली बार हुआ है जब किसी डीजीपी पर अकर्मण्यता का आरोप लगाते हुए सीधे डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर भेजा गया है। इससे पहले कई डीजीपी हटाए गए लेकिन उन्हें सीधे नागरिक सुरक्षा के पद पर नहीं भेजा गया। वह समाजवादी पार्टी की सरकार में भी एडीजी कानून-व्यवस्था रहे थे। उनकी समाजवादी पार्टी से निकटता को भी हटाए जाने की एक वजह माना जा रहा है। पूरे चुनाव के दौरान पुलिस के मुखिया की जो नेतृत्व क्षमता दिखनी चाहिए थी, वह भी न दिखने के कारण शासन नाराज़ चल रहा था।

टीम-9 की बैठक में जाने से रोक दिया गया

विभाग में हमेशा ऐसी अकटलें लगाई जाती रहीं कि डीजीपी मुकुल गोयल के शासन के साथ रिश्ते अच्छे नहीं हैं। इन अटकलों को उस समय बल मिला जब पिछले दिनों उन्होंने लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभारी इंस्पेक्टर के कार्यों पर नाराजगी जताते हुए उन्हें हटाने का निर्देश दिया लेकिन अंतत: इंस्पेक्टर को नहीं हटाया गया।

इस घटना ने बढ़ाई नाराजगी

इस घटना के कुछ ही दिनों बाद मुख्यमंत्री ने सभी जोन, रेंज व जिलों के पुलिस अधिकारियों को अपने विवेक से काम करने और साफ-सुथरी छवि के पुलिस कर्मियों को ही फील्ड में महत्वपूर्ण तैनाती देने का निर्देश दिया था।

तब यह माना गया था कि यह निर्देश डीजीपी पर ही ‘संदेश’ देने के उद्देश्य से दिया गया है। इसी तरह कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर मुख्यमंत्री की वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान डीजीपी की अनुपस्थिति भी चर्चा का विषय बनी थी।

इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री के साथ शासन के आला अफसरों के साथ अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी और एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार मौजूद थे, जबकि डीजीपी लखनऊ में मौजूद होने के बावजूद इसमें शामिल नहीं हुए थे। आईपीएस अफसरों के तबादलों में हो रही देरी को भी डीजीपी से शासन की नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा था।