LIC ने दिया झटका अब सरकार ने टाली BPCL की बिक्री, शर्तों में बदलाव कर सकती है सरकार

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नई दिल्ली। भारत सरकार ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) के विनिवेश को फिलहाल टाल दिया है। बताया जा रहा है एलआईसी की कमजोर लिस्टिंग और ग्लोबल मार्केट में निराशा का माहौल सरकार ​की चिंता बढ़ा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, सरकार किसी भी सूरत में बीपीसीएल का आंशिक विनिवेश (BPCL divestment) नहीं चाहती और उसे पुख्ता खरीदारों (सीरियस बिडर्स) की जरूरत है। सूत्रों के हवाले से ये खबर भी आ रही है कि सरकार बीपीसीएल की बिक्री की शर्तों में बदलाव कर सकती है।

सरकार के अधिकारी ने कहा कि मौजूदा हालात में अलग-अलग परिस्थितियों को देखते हुए विनिवेश की प्रक्रिया अभी रोक दी गई है। भविष्य में जब भी इस तेल कंपनी का विनिवेश होगा, सरकार इस पर फूंक-फूंक कर कदम उठाएगी। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया में ऊर्जा की जरूरतें बदली हैं और कई देशों पर इसकी आपूर्ति को लेकर दबाव है।

दुनिया के अलग-अलग देशों का आपसी समीकरण भी तेजी से बदल रहा है। इन सभी मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने के बाद ही बीपीसीएल के निजीकरण को हरी झंडी दी जाएगी।

बता दें कि बीपीसीएल में अभी सरकार की हिस्सेदारी लगभग 53 प्रतिशत है और सरकार इस पूरी हिस्सेदारी को बेचना चाहती है। सरकार को बीपीसीएल की खरीदारी के लिए तीन रुचि पत्र मिले भी हैं। इसमें एक नाम वदांता ग्रुप का है जिसकी अगुआई जानेमाने उद्योगपति अनिल अग्रवाल करते हैं।

हालांकि अभी बीपीसीएल के लिए वित्तीय बोलियां नहीं मांगी गई हैं, फिलहाल इस पूरी प्रक्रिया पर विराम लगता दिख रहा है क्योंकि सरकार ने इसे रोकने का फैसला किया है।