छत्तीसगढ़ बिग ब्रेकिंग: 104 घंटे मौत से आंखें मिलाकर सलामत निकला अपना राहुल…, प्रशासन, रेस्क्यू टीम सेना और NDRF ने झोंक दी थी पूरा ताकत,लोगों ने ली राहत की सांस, देखें हौसलों की लाइव तस्वीर

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जांजगीर चांपा/रायपुर। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे में फंसा 10 साल का राहुल 104 घंटे मौत से लड़कर आखिरकार उसे मात देकर सकुशल बाहर निकल आया। राहुल के बाहर आते ही उसे एंबुलेंस से बिलासपुर भेजा गया जहां उसे अपोलो अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। बता दें कि प्रशासन, रेस्क्यू टीम सेना और NDRF ने राहुल की जान बचाने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। छत्तीसगढ़ लाखों लोग राहुल की सकुशल होने की कामना में दिन रात टीवी पर नजर गढ़ाए हुए थे।

 

बता दें कि, पिहरीद गांव के बोरवेल में गिरे 10 साल का राहुल 60 फीट से भी नीचे गड्‌ढे में फंसा गया था। रविवार शाम तक रोबोटिक्स तरीका फेल हो जाने के बाद रात में टनल के सहारे बाहर निकालने का प्लान बनाया गया है। टनल की राह में एक बड़ी चट्टान आ गई है। जिसके बाद एसईसीएल से चट्टानों को काटने वाली विशेष मशीन मंगाकर रेस्क्कू आपरेशन चलाया गया।

0.रेस्क्यू के बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर राहुल को पहुंचाया जाएगा अस्पताल

मुख्यमंत्री ने राहुल को रेस्क्यू के बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर ले जाने के निर्देश दिए हैं। बच्चे को बाहर लाने के लिए NDRF की टीम के सदस्य मास्क लगाकर और पीठ पर ऑक्सीजन सिलेंडर लिए जाने की तैयारी थी। वहीं मेडिकल स्टाफ को अलर्ट मोड पर रखा गया था। ऑक्सीजन, मास्क के साथ ही स्ट्रेचर की व्यवस्था पहले की कर ली गई है।

0.अब तक क्या-क्या हुआ, जानिए एक नजर में कैसे राहुल ने मौत से आंखें मिलाई

1.बच्चा शुक्रवार दोपहर 2 बजे के आसपास गायब हुआ। उसका कुछ पता नहीं चल रहा था।
2.बच्चे को ढूंढने के दौरान माता-पिता को बोरवेल से आवाज आई।
3.डायल 112 को सूचना दी गई। प्रशासनिक अमले को इसकी जानकारी मिली।
4.शुक्रवार शाम 5 बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।
5.देर शाम फिर कलेक्टर, एसपी की मौजूदगी में जेसीबी से खुदाई का काम शुरू किया गया। SDRF, NDRF की टीम पहुंची।
6.देर रात तक सेना के जवान भी मौके पर पहुंच गए थे।
7.शनिवार को रोबोट इंजीनियर महेश अहीर को बुलाया गया। मगर वह नहीं आ सका।
8.शनिवार को ही रस्सी से बच्चे को निकालने का प्रयास किया गया। वह भी असफल रहा।
9.रविवार को बच्चे को रोबोट से निकालने का प्रयास किया गया। ये भी असफल रहा।
10.रविवार को माइनिंग एक्सपर्ट को बुलाया गया। फिर टनल बनाने का काम शुरू किया गया।
11.चट्‌टान बीच में आ गई, जिसे तोड़ा जा रहा है।
12.बड़ी मशीन से ड्रिलिंग का काम रोक दिया गया। अब छोटे मशीन से ही ड्रिल किया जा रहा है।