कोरबा। वन भूमि को निजी बताकर बेचने के मामले में जांच की फाइल डीएफओ दफ्तर में धूल खा रही है।जमीन की अफरातफरी में शामिल गुरुजी पर अब तक आंच नहीं पहुंच सकी है।
बता दें कि बालको के समीप बासिन खार में प्राथमिक शाला पदस्थ शिक्षक दुर्गा शंकर मिश्रा चुइय्या के समीप मोहनपुर जो मसाहती ग्राम हैं , मोहनपुर के एक भोले भाले यादव को झांसे में लेकर 2.66 एकड़ जमीन कृषि भूमि को सस्ते दाम में खरीद लिया। उक्त जमीन का नंबर वन विभाग के रोड किनारे की जमीन पर राजस्व अमले से साठगांठ कर नम्बर सेट कराया लिया गया। अब चूंकि सड़क किनारे की जमीन है तो दाम वास्तविक मूल्य से छह गुना हो गया, फिर क्या था मिश्रा जी को मालामाल बनने का सपना दिखने लगा और हुआ भी यही मिश्रा जी ने कौड़ी की जमीन को सोना बनाकर माल इकट्ठा कर लिया। जमीन अफरातफरी का खेल जब लोगो को समझ में आया तो इसकी शिकायत वन विभाग को कर दी। शिकायत को आधार मानकर तत्कालीन डीएफओ ने जांच के आदेश दिए। जाँच अधिकारी ने जीपीएस सिस्टम से जाँच किया तो पता चला जमीन तो वन विभाग की है। जाँच अधिकारी द्वारा जाँच प्रतिवेदन बनाकर रिपोर्ट को डीएफओ कोरबा को सौंपने की बात कही जा रही है। खबरीलाल की माने तो जाँच में जो एविडेंस मिले है उससे गुरूजी पर कारवाई हो सकती है, लेकिन जांच हुए महीनों बीत गए और फाइल डीएफओ कार्यालय में धूल खा रही है । मतलब अब तक जांच की आंच गुरुजी तक नही पहुंच सकी है।