ब्रेकिंग: डेढ़ साल से शव के साथ रह रहा था परिवार, कोरोना से हो चुकी थी मौत, कोमा में बताकर घर में रखी थी लाश

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family had been living with dead body for one and a half year, had died of corona, the corpse was kept in the house after being told in a coma

कानपुर। यूपी के कानपुर से एक दिल दहलाने वाली घटना निकलकर सामने आई है जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया। रावतपुर थाना क्षेत्र स्थित कृष्णापुरी में रहने वाला एक परिवार डेढ़ साल से इनकम टैक्स अधिकारी का शव घर में जिंदा समझकर रखे रहा। परिवार का मानना था कि इनकम टैक्स अधिकारी जिंदा है, और कोमा में होने की वजह से उनकी यह हालत हो गई है।

शुक्रवार को जब सीएमओ द्वारा गठित मेडिकल टीम पुलिस के साथ मृतक के घर पहुंची। तब जाकर इस बात का खुलासा हुआ वो शख्‍स मर चुका है। मेडिकल टीम ने अधिकारी के शव को कब्जे में लेकर हैलट अस्पताल भेजा है।

पड़ोसियों का कहना है कि अभी तक हमारा मोहल्ला लाश के साथ रह रहा था। हमें कभी इस बात का अहसास नहीं हुआ। घर से भी कभी बदबू नहीं, परिवार के लोग कहते थे कि विमलेश कोमा हैं। यदि हमें जरा भी भनक लग जाती तो इसकी सूचना पुलिस को देते।

कृष्णापुरी का रहने वाला है परिवार

रावतपुर थाना क्षेत्र स्थित कृष्णापुरी में रहने वाले विमलेश कुमार इनकम टैक्स विभाग अहमदाबाद में एओ के पद पर तैनात थे। कोरोना काल में विमलेश कुमार गंभीर रूप से बीमार हो गए थे। परिजनों ने उन्हे बीते 19 अप्रैल 2021 को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया था। उपचार के दौरान विमलेश कुमार की 22 अप्रैल 2021 को मौत हो गई थी।

हॉस्पिटल ने विमलेश कुमार का डेथ सर्टिफीकेट जारी कर दिया था। परिजनों को विश्वास नहीं हुआ, तो मृत्यु के बाद दूसरे हॉस्पिटल ले गए थे। जहां भी डॉक्टरों ने विमलेश कुमार को डेथ घोषित कर दिया था। इसके बाद भी घरवाले इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हुए कि वो मर चुके हैं।

पत्‍नी के कहने पर परिजनों ने नहीं किया था अंतिम संस्कार

जानकारी के अनुसार विमलेश कुमार की डेड बाडी को लेकर परिजन घर आ गए। शव के अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी। तभी पत्नी मिताली ने कह दिया कि विमलेश की पल्स चल रही हैं, और वह कोमा हैं।

इसके बाद शव का अंतिम संस्कार नहीं किया गया, और घर में रख लिया गया। पत्नी और परिवारिक सदस्यों को भरोसा था कि विमलेश जिंदा हैं। परिवार का दावा है कि रोजाना गंगाजल डाल कर जिंदा रखा गया। वहीं शव की हालत बेहद खराब हो चुकी थी।

ऐसे हुआ खुलासा

विमलेश कुमार बीते डेढ़ साल से नौकरी पर नहीं जा रहे थे। विमलेश के परिवारिक सदस्य जिंदा होने का दावा करते रहे। जिसकी वजह से आयकर विभाग अपनी फाइनल रिपोर्ट नहीं लगा पा रहा था।

आयकर विभाग की तरफ से कानपुर डीएम को पत्र लिखा गया था कि एओ अधिकारी की मौत संबंधी जांच कराने का आग्रह किया गया था। इस पर डीएम ने कानपुर सीएमओ आलोक रंजन को पत्र लिखकर जांच के आदेश दिए थे।

जिसके बाद सीएमओ आलोक रंजन ने डिप्टी सीएमओ डॉ गौतम के नेतृत्व में तीन सदस्यी टीम का गठन किया था। शुक्रवार को टीम विमलेश कुमार के घर पहुंची थी। डिप्टी सीएमओ का कहना है कि शव में कोई केमिकल लगाया गया है।