और इस तरह बदल गई राजस्थान में सियासत, पायलट प्रोजेक्ट फेल, तीन चेहरों के बीच चल रहा पावर गेम

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दिल्ली।कांग्रेस (Congress) की राजनीति में वो सब हो रहा है जिसकी उम्मीद नहीं की जा रही थी. रविवार को जयपुर (Jaipur) में गांधी परिवार के वफादार कहे जाने वाले अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के समर्थकों ने खुलेआम बगावत करके बता दिया कि गहलोत की मर्जी के बिना राज चलाना आसान नहीं है. रविवार दोपहर दो ढाई बजे तक सब कुछ सामान्य लग रहा था.

दिल्ली से अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे जयपुर पहुंच चुके थे. शाम 7 बजे विधायक दल की बैठक प्रस्तावित थी जिसमें नए सीएम के नाम पर चर्चा होनी थी और इस बैठक से पहले गहलोत तनोट माता का आशीर्वाद लेने जैसलमेर गये थे.

प्रियंका गांधी भी कल पार्टी की गतिविधियों को लेकर ट्विटर पर एक्टिव नहीं दिखी. कल दोपहर को उन्होंने उत्तराखंड की घटना को लेकर ही ट्विट किया. जिस वक्त बगावत शुरू हुई उस वक्त सोशल मीडिया पर प्रियंका गांधी नहीं दिख रही थी. इस वक्त तीन चेहरों के आसपास राजस्थान का ये पूरा पावर गेम चल रहा है. पहला चेहरा सोनिया गांधी का, दूसरा अशोक गहलोत का और तीसरा सचिन पायलट का.

पायलट प्रोजेक्ट फेल होने की कगार पर

साल 2018 में कांग्रेस की जीत के बाद ये तीसरा मौका है जब पायलट प्रोजेक्ट फेल होने की कगार पर है. चुनाव के वक्त सचिन पायलट कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे और उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें सीएम बनाएगी लेकिन डिप्टी सीएम की कुर्सी से संतोष करना पड़ा.

साल 2020 में कुर्सी के लिए सचिन ने बगावत की लौ जलाई तो गहलोत की रणनीति ने उन्हें फिर से पटखनी दी और अब ये तीसरा मौका है जब अशोक गहलोत पाय़लट की पॉलिटिक्स पर भारी पड़े हैं.