Mass Suicide : पहाड़ी कोरवा की सामूहिक आत्महत्या की जांच करने पहुंचे मंत्री साथ ले आए अपनी बेटी की जमीन के कागजात…?

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जशपुर। Mass Suicide : जशपुर जिले में पहाड़ी कोरवा परिवार ने फांसी लगाकर सामूहिक आत्महत्या कर ली थी। इस मामले की जांच के लिए भाजपा ने जांच कमेटी बनाई है। जिसमें नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल सहित पूर्व मंत्री रामविचार नेताम भी शामिल हैं। भाजपा की यह जांच दल 9 अप्रैल को जशपुर पहुंची थी।

तैयारी के साथ आए

इस दौरान मीडिया से बात करते हुए रामविचार नेताम कहते सुनाई दिए कि पहाड़ी कोरवा की जमीन कोई नहीं खरीद सकता, आदिवासी भी नहीं। बस फिर क्या था पत्रकारों ने भी एक सवाल पूछ लिया। पत्रकारों ने पूछा- तो आपकी बेटी ने कैसे पहाड़ी कोरवा की जमीन खरीद ली? इस सवाल के होते ही नेताम किंचित तिलमिलाते हैं, फिर गुस्से में कहते हैं- आप साबित करो न, प्रमाणित करो। मेरे पास पूरा रिकार्ड है। पत्रकार ने सवाल पूछा, और पूर्व मंत्री के पीछे खड़े एक समर्थक पेज खोलकर तपाक से दिखाने लगता है कि बिलकुल नियम से जमीन खरीदी गई है। अब इस पूरे घटनाक्रम में नेताजी को कैसे पता चला कि उनकी बेटी की जमीन का सवाल पत्रकार पूछ सकते हैं, इसका मतलब उन्हें अंदाजा था कि यह सवाल पूछा जाएगा।

बताते हैं, जशपुर के सारधा पाठ में जहां एनएमडीसी की बॉक्साइट की माइनिंग होनी थी, पूर्व मंत्री की बेटी निशा सिंह ने पहाड़ी कोरवा से 13 एकड़ जमीन खरीदी थी। पूर्व मंत्री अब सफाई दे रहे हैं कि दहाड़ी कोरवा से उनकी बेटी ने जमीन खरीदी है, पहाड़ी कोरवा से नहीं। जबकि, मिसल बंदोबस्त में भी पहाड़ी कोरवा उल्लेखित है। ढुढरु के पिता बिसना की जाति भी पहाड़ी कोरवा उल्लेखित है। बिसना मतलब नान के दादा। नान के पिता ढुढरु का नाम जमीन के दस्तावेज में जाति पहाड़ी कोरवा उल्लेखित है।

पीड़ित परिवार ने भी आरोप

रामविचार नेताम दावा कर रहे है कि उनकी बेटी ने दिहाड़ी कोरवा से जमीन खरीदी है जबकि परिवार के तीन पीढ़ियों के दस्तावेजों में पहाड़ी कोरवा दर्ज है। पीड़ित परिवार ने भी आरोप लगाया है कि उसके पिता को झांसा देकर बिना पैसा दिए जमीन रजिस्ट्री करा ली गई। इससे पहले मंत्री अमरजीत भगत ने भी पहाड़ी कोरवा (Mass Suicide) से 25 एकड़ जमीन खरीदी थी तो भाजपा के विरोध पर उन्होंने जमीन पहाड़ी कोरवा को वापिस कर दी थी।